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यह कि CBIC बोर्ड द्वारा जीएसटी रजिस्ट्रेशन के संबंध में एक निर्देश दिनांक 17 अप्रैल 2025 संख्या 03/2025 जारी किया है ।क्योंकि कई शिकायतें प्राप्त होने के कारण जीएसटीएन द्वारा पुनः एक निर्देश जारी किया है। ताकि नया रजिस्ट्रेशन लेने वाले व्यक्ति/ कंपनी/ उद्यमी /व्यवसायी आदि को आसानी से जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त हो सके ।इससे पूर्व दिनांक 14 जून 2023 निर्देश संख्या 03 /2023 जीएसटी भी रजिस्ट्रेशन में आने वाली दिक्कतों के संबंध में जारी किया गया था। उसी का संदर्भ ग्रहण करते हुए यह निर्देश जारी किया गया। इस निर्देश के द्वारा रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन की प्रक्रिया के लिए समय अवधि निर्धारित की है जैसे यदि एप्लीकेशन कंपलीट है तो उसका निस्तारण 7  कार्य दिवस के रूप में करना होगा, और यदि एप्लीकेशन में फिजिकल वेरीफिकेशन करना आवश्यक है तो कुल 30 दिन की अवधि निश्चित है ।फिजिकल वेरीफिकेशन रिपोर्ट 30 दिन की अवधि के 5 दिन पूर्व अपलोड होनी आवश्यक है।

A. मुख्य निर्देश अधिकारियों के लिए –

1. यह कि कोई क्वेरीज नहीं लगाई जाएगी जैसे निवासीय स्थल की लोकेशन /एचएसएन कोड आदि।

2. यह कि REG  03 जारी करते समय सीमित ऑब्जेक्शन होना चाहिए ।

3. यदि एडिशनल डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता है तो डिप्टी कमिश्नर या असिस्टेंट कमिश्नर की स्वीकृति अनिवार्य है ।

4. यह कि बिना अधिकारी की जानकारी के जीएसटी रजिस्ट्रेशन जारी नहीं होगा।( यदि समयावधि पूर्ण होने पर)

5. यदि क्वेरीज जारी की जाती है न्यूनतम स्तर के लिए  जारी नहीं होगी। 

6. यह कि रजिस्ट्रेशन के प्रार्थना पत्र पर  07 वर्किंग डे में कार्रवाई करनी होगी। 

B. मुख्य कमिश्नरो को निर्देश- 

देश के मुख्य कमिश्नरों को निर्देश दिया है कि वह जीएसटी रजिस्ट्रेशन के संबंध में नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। यदि कोई अधिकारी निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी करवाई करे।

C. मुख्य व्यापार स्थल के लिए दस्तावेज- 

यदि मुख्य व्यापार स्थल स्वयं का है तो निम्नलिखित दस्तावेज में से  कोई एक जैसे 

A प्रॉपर्टी टैक्स रिसिप्ट्स  

B म्युनिसिपल खाता कॉपी /हाउस टैक्स रसीद

C Electricity bill 

D वॉटर बिल या उसके समान अन्य दस्तावेज जो स्टेट या लोकल बॉडी द्वारा जारी किया गया हो। 

नोट-

 दस्तावेज की  कॉपी या एडिशनल दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

D. यदि मुख्य व्यापार स्थल किराए का है –

A रेंट एंड लीज एग्रीमेंट तथा साथ में संपत्ति के मालिक का प्रूफ। 

B यदि एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं है+ ओनरशिप डॉक्यूमेंट तथा लीज करने वाले का आईडी प्रूफ 

C यदि एग्रीमेंट रजिस्टर्ड है तो उसके साथ ऑनर् का डॉक्यूमेंट केवल। 

D यदि किराएदार के नाम बिजली का बिल है तथा रेंट एग्रीमेंट है तो अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। 

E. अन्य स्थिति –

A यदि मुख्य व्यापार स्थल जीवनसाथी /रिश्तेदार/अन्य संबंधी के नाम है तो उस स्थिति में उसकी सहमति पत्र उसकी पहचान का साक्ष्य और ओनरशिप का डॉक्यूमेंट लिया जाएगा। 

B यदि मुख्य व्यापार स्थल सहभागिता में है तो एग्रीमेंट के साथ उस स्थिति में क्रम संख्या 2 पर किराए की संपत्ति के आधार पर दस्तावेज दिया जाएगा। 

C यदि सहभागिता में मुख्य व्यापार स्थल है, बिना किसी एग्रीमेंट के उस स्थिति में सहमति पत्र, पहचान पत्र और ओनरशिप का डॉक्यूमेंट लिया जाएगा। 

D यदि मुख्य व्यापार स्थल किराए का है बिना किसी एग्रीमेंट उस स्थिति में शपथ पत्र तथा इलेक्ट्रिसिटी बिल जिसमें एप्लीकेंट का नाम होना अति आवश्यक है। (शपथ पत्र किसी प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या नोटरी के समक्ष घोषित किया गया हो)

F. SEZ(Special Economic Zone की स्थिति में- 

सरकार द्वारा जारी सर्टिफिकेट /दस्तावेज आवश्यक हैं।

G. बिजनेस कॉन्स्टिट्यूशन के संबंध में दस्तावेज –

1. यदि व्यापार पार्टनरशिप में है तो केवल पार्टनरशिप डीड की आवश्यकता होगी। 

2. यदि व्यापार समिति/ ट्रस्ट/ क्लब /गवर्नमेंट/AOP /बाई लोकल अथॉरिटी की स्थिति में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और प्रूफ ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन की आवश्यकता होगी। 

निष्कर्ष

आशा है कि अब जीएसटी के अधिकारियों के द्वारा रजिस्ट्रेशन आसानी से जारी किए जाएंगे और यदि रजिस्ट्रेशन देने में कोटा ही भारती गई तो कमिश्नर द्वारा उसे दंडित किया जाएगा इस निर्देश के अनुसार सभी को लाभ प्राप्त होगा।

डिस्क्लेमर

यह लेखक के निजी विचार हैं ।जो इस निर्देश के आधार पर लिखा गया है।

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक View Full Profile

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