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GST के मामलों में उलझना अक्सर एक मुश्किल काम जैसा लगता है, खासकर जब आपको Show Cause Notice (SCN) मिलने लगें। एक सवाल जो अक्सर उठता है, वो ये है कि क्या GST विभाग एक ही वित्तीय वर्ष के लिए कई SCN भेज सकता है। क्या वे सच में एक ही समय के लिए आपसे बार-बार सवाल कर सकते हैं?

इस पोस्ट में, हम इस मुश्किल मुद्दे को आसान भाषा में समझेंगे। मान लीजिए कि आप एक चिंतित क्लाइंट और उनके CA के बीच की बातचीत सुन रहे हैं, जिसमें वे नियमों, केस कानूनों और कई GST नोटिस के असली मतलब को समझ रहे हैं। ये असली कहानी आपको अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने में मदद करेगी, और ये भी कि अगर आप ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं तो क्या करना चाहिए। इस ज़रूरी GST नियम के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें!

Client: CA साहब, मुझे Department ने एक Show Cause Notice (SCN) भेजा था पिछले महीने, जिसमें ITC (Input Tax Credit) के बारे में पूछा गया था। अब फिर से एक नया SCN आ गया है, उसी साल के लिए, लेकिन इस बार Product Classification को लेकर। क्या Department एक ही साल के लिए दो-दो SCN भेज सकता है?

CA: बहुत अच्छा सवाल है! GST कानून में, Section 73 और 74 के तहत, Department को अधिकार है कि वो SCN जारी करे अगर Tax short paid, not paid, या ITC गलत लिया गया हो। लेकिन, कानून में कहीं भी ये नहीं लिखा कि एक ही साल के लिए सिर्फ एक ही SCN भेजा जा सकता है। असल में, अगर अलग-अलग मुद्दे हैं, तो अलग-अलग SCN भेजना मुमकिन है।

Client: मतलब, अगर अलग-अलग मुद्दे हैं तो Department दो SCN भेज सकता है?

CA: बिल्कुल! इसी पर Allahabad High Court का एक ताजा फैसला है –

ALM Industries Limited vs Assistant Commissioner (AE), CGST & Others (Writ Tax No. 2505 of 2024, 10.01.2025)

इस केस में Taxpayer को एक SCN ITC के लिए और दूसरा SCN Product Misclassification के लिए मिला, दोनों एक ही साल के लिए। Court ने साफ कहा कि अगर दोनों SCN के मुद्दे अलग-अलग हैं, तो Department को मना नहीं किया जा सकता।

कोर्ट का कहना था: “अगर दोनों Show Cause Notice के subject matter अलग-अलग हैं, तो एक ही साल के लिए दो Notice देना कानूनन गलत नहीं है।”

Client: अगर Department ने एक ही मुद्दे पर पहले ही SCN भेज दिया और उसका फैसला भी हो गया, तो क्या फिर से उसी मुद्दे पर नया SCN आ सकता है?

CA: नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। एक बार जब किसी मुद्दे पर SCN जारी हो गया, उसका adjudication हो गया और मामला final हो गया, तो उसी मुद्दे पर, उसी साल के लिए, दोबारा SCN भेजना कानूनन गलत है।

Jharkhand High Court का एक केस है –

M/s Ambey Mining Pvt. Ltd. vs Commissioner of State Tax, Jharkhand (W.P. (T) No. 361 of 2023, 17.07.2023)

इसमें Court ने कहा कि अगर एक मुद्दा adjudicate हो चुका है और final हो गया है, तो Department दोबारा उसी मुद्दे पर fresh SCN नहीं भेज सकता।

कोर्ट का कहना था: “Revenue दोबारा वही मुद्दा, उसी साल के लिए, fresh Show Cause Notice के जरिए नहीं उठा सकता, अगर पहले ही उस पर फैसला हो चुका है। ये res judicata के principle के खिलाफ है।”

Client: तो, अगर Department को बाद में कोई नया issue पता चलता है, तो क्या वो नया SCN भेज सकता है?

CA: हाँ, अगर नया issue है, जो पहले वाले SCN में cover नहीं था, तो Department नया SCN भेज सकता है, बशर्ते वो नया ground हो। लेकिन, एक ही मुद्दे पर बार-बार SCN भेजना allowed नहीं है।

Client: CA साहब, कोई practical example दे सकते हैं?

CA: मान लीजिए, आपको FY 2022-23 के लिए पहला SCN outward supply पर tax short payment के लिए मिला। बाद में Department को पता चला कि आपने ITC भी गलत लिया है, जो पहले SCN में नहीं था। तो ITC के लिए दूसरा SCN भेजा जा सकता है।

लेकिन, अगर outward supply वाले मुद्दे पर adjudication हो चुका है, तो उसी मुद्दे पर दोबारा SCN नहीं भेजा जा सकता।

Client: बहुत बढ़िया! तो मुझे क्या करना चाहिए?

CA: आपको हर SCN का ध्यान से जवाब देना चाहिए और देखना चाहिए कि उसमें कौन सा issue उठाया गया है। अगर दोनों SCN अलग-अलग मुद्दों पर हैं, तो दोनों का जवाब देना पड़ेगा। अगर आपको लगता है कि दूसरा SCN उसी मुद्दे पर है, जो पहले adjudicate हो चुका है, तो आप High Court में challenge कर सकते हैं।

Client: बहुत-बहुत धन्यवाद, CA साहब! अब मुझे पूरी clarity है।

CA: कोई बात नहीं! GST में ऐसे technical points अक्सर आते हैं, सही सलाह और case law की जानकारी से ही सही action लिया जा सकता है।

मुख्य केस लॉ:

ALM Industries Limited vs Assistant Commissioner (AE), CGST & Others, Allahabad HC, Writ Tax No. 2505 of 2024

M/s Ambey Mining Pvt. Ltd. vs Commissioner of State Tax, Jharkhand HC, W.P. (T) No. 361 of 2023

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CA Himanshu Singh, Kanpur | Author Can be reached at mr.himanshu@icai.org

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