2023 के फाइनेंस act के द्वारा जीएसटी एक्ट में 20 सेक्शन में परिवर्तन किया गया है ।जो 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी किए गए हैं। जिन का हम संक्षिप्त में विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं
1. यह कि धारा 10 में कंपोजिशन डीलर जो अभी तक अपने व्यापार स्थल से ही व्यापार करने के लिए अधिकृत थे ।अब उन्हें भी इंट्रा स्टेट में ई-कॉमर्स के द्वारा अपना माल बेचने का अधिकार दिया गया है। section 137 Of Finance Act 2023
2. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 16 जो हमें मिलने वाली ITC के लिए नियम निर्धारित करती है। उसमें एक नई शर्त जोड़ दी गई है। जो सप्लाई आपने प्राप्त की है। यदि उसका भुगतान 180 दिनों में हमारे द्वारा नहीं किया जाता है। तो उसका हमें रिवर्सल करना होगा। जिस पर u/s50 interest भी देय होगा।जब हम उसका भुगतान कर देंगे। तो फिर उस ITC को हम रिक्लेम कर सकेंगे।Section 138 Of Finance Act 2023
3. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 17 जिसमें बताया गया है। कि हमें कौन सी ITC ब्लॉक/कौन सी ITC प्राप्त होनी है । आप इसमें जो कर मुक्त सप्लाई है। उसके अनुपात में हमें आईटीसी का रिवर्सल करना होगा । सेक्शन 17(3)।साथ ही इसमें एक नई उप fa सेक्शन 17(5) मे जोड़ी गई है जिसके द्वारा पर्यावरण से संबंधित जो ITC हमारे द्वारा ली जाती थी । Corporate Social Responsibility (CSR)उसको भी ब्लॉक किया जा रहा है। Section 139 of financial Act 2023
4. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 23(2) जो पंजीकरण की छूट देती है ।जो जीएसटी में कर मुक्त/कर योग्य से कम श्रेणी में आते हैं ।उन लोगों को भी बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के व्यापार करने की अनुमति दी गई है ।वह व्यक्ति जीएसटी पोर्टल के माध्यम से PAN बेस आईडी बनाई जाएगी। जिस पर वह अपना कारोबार कर सकेगा। यह आईडी तब तक वैध रहेगी ।जब तक वह व्यक्ति धारा 25 ( 3 )के अंतर्गत VOLUNTARY रजिस्ट्रेशन अप्लाई नहीं कर देता है। अर्थात यहां स्पष्ट है ।कि अब एक अपंजीकृत व्यक्ति भी एक आईडी के माध्यम से आउटवार्ड सप्लाई और इन वर्ल्ड सप्लाई कर सकेगा। तथा E COMMERCE के द्वारा भीं SUPPLY इंट्रा स्टेट कर सकेगा। Section 140 of finance act 2023
5. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 30 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कैंसिल को REVOKE करने का प्रावधान है ।जिसकी अवधि अभी रजिस्ट्रेशन के निरस्त होने से 30 दिन रखी गई थी ।अब इस प्रावधान को जीएसटी एक्ट के RULE में शामिल किया गया है ।और इस अवधि को रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने से 90 दिन की अवधि कर दी गई है ।यदि 90 दिन में भी REVOKE APPLICATION नहीं कर पाए । तो अतिरिक्त 90 दिन का उचित कारण होने पर अप्लाई किया जा सकेगा।RULE 23। Section 141 of finance act 2023
6. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 37, 39, 44 और 52 में यह प्रावधान किया गया है ।कि अब 3 वर्ष से पुराने जीएसटी R1 जीएसटी 3b जीएसटी 9 और जीएसटी 9c और जीएसटी 8 । 3 वर्ष पुरानी अवधि के दाखिल नहीं किया जा सकेंगे अर्थात उदाहरण से स्पष्ट होगा कि जैसे किसी करदाता का अगस्त 2020 का जीएसटी R1 11 सितंबर 2020 तक दाखिल किया जाना चाहिए था ।लेकिन यदि वह उस रिटर्न को अब दाखिल करना चाहेगा। तो वह उसे दाखिल नहीं कर पाएगा। Section 142 to 145 of finance act 2023
7. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 54 और 56में भी संशोधन किया गया है धारा 54 में रिफंड के संबंध में बताया गया है जिसमें यह प्रावधान था ।कि हमें रिफंड 90% प्रोविजनल ITC के आधार पर जारी किया जाता था। जिसे अब डिलीट कर दिया गया है । और SELF ASSESSMENT के BASE पर जारी होगा। सेक्शन 56 में कि यदि हमने रिफंड अप्लाई किया है। तो उसके 60 दिन की अवधि में रिफंड भेजना आवश्यक है । यदि 60 दिन से अधिक की अवधि पर ब्याज देय होगा ।जिसे जीएसटी विभाग को राजस्व की क्षति होने के कारण अब यह प्रावधान किया गया है। कि आपको अपने वैलिड बैंक अकाउंट को जीएसटी पोर्टल से सत्यापित करना होगा ।तभी रिफंड उसे खाते में ट्रांसफर होगा। यदि एकाउंट्स के विलंब के कारण रिफंड नहीं हो रहा है ।तो ब्याज नहीं दिया जाएगा। Section 146, /147 of finance act 2023
8. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 62 जो NON FILER रिटर्न /GSTR 10के संबंध में जो पहले अवधि 30 दिन की थी ।उसे 60 दिन कर दिया गया है ।साथ ही साथ60 दिन की और अतिरिक्त रिटर्न दाखिल करने की छूट दी गई है ।लेकिन उसे अवधि के लिए एक्स्ट्रा लेट फीस का प्रावधान किया गया है section 148 of finance act 2023
9. यह कि जीएसटी एक्ट में धारा 109 से 119 तक संशोधन किए गए हैं ।यह संशोधन जीएसटी एक्ट में न्याय अधिकरण की स्थापना के संबंध में है। जिसे नोटिफिकेशन द्वारा स्थापित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है ।इसलिए इन धारा पर जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना होने पर चर्चा की जाएगी। Section 149 to 154 of finance act 2023
10. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 122 जो पेनल्टी से संबंधित है ।उसमें बनाया उप धारा 1B जोड़ी गई है जिसमें ई-कॉमर्स ऑपरेटर को अपने रिटर्न में कंपोजिशन डीलर और अपंजीकृत डीलर के संबंध में डाटा उपलब्ध कराना होगा ।यदि ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा नियम का उल्लंघन किया गया तो धारा 122 1B के अंतर्गत उसे पर अर्थ दंड आरोपित किया जाएगा। Section 155 of finance act 2023
11. यह कि जीएसटी एक्ट की धारा 132/138 जो क्रिमिनल प्रोसीजर को बताती है उसमें भी संशोधन किया गया है जैसे की जीएसटी अधिकारी को काम ना करने देना/ एकाउंट्स बॉक्स का ना दिखाना आदि क्रिमिनल ऑफेंस में शामिल किए गए थे ।उसे अब डिलीट कर दिया गया है तथा उसके बदले में कंपाउंडिंग का प्रावधान किया गया है। Section 156/157 of finance act 2023
12. यह कि जीएसटी एक्ट में एक नई धारा का प्रावधान किया गया है जो 158 ए के रूप में स्थापित की गई है। जिसमें आपका डाटा जो जीएसटी पोर्टल पर है। उसे थर्ड पार्टी से शेयर करने का प्रावधान किया गया है ।अर्थात बैंकिंग सेक्टर या अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को आपके 3b शेयर करने का प्रावधान किया गया है। Section 158 of finance act 2023
13. आईजीएसटी एक्ट में संशोधन
अभी तक आईजीएसटी एक्ट में OIDAR Service का प्रावधान था ।उदाहरण आजकल OTT चल रहा है ।जिसमें विदेशी कंपनियां भारत में सर्विस उपलब्ध करा रही हैं ।तथा उपभोक्ता उनका प्रयोग कर रहे हैं ।उसमें अब एक नया प्रावधान किया गया है। कि जीएसटी किस प्रकार लगाया जाएगा ।यदि उपभोक्ता जीएसटी में रजिस्टर्ड है । तो बिल द्वारा जीएसटी का बिल बनाएंगे ।और यदि उपभोक्ता अपंजीकृत है तो OTT प्लेटफार्म को RCM का उसे कर दायित्व निभाना होगा। जिसके लिए आईजीएसटी एक्ट के धारा 2 ( 16 )और 2( 17) का नया प्रावधान किया गया है।
यह कि आईजीएसटी एक्ट में धारा 12/ 13 जो प्लेस आफ सप्लाई से संबंधित थी ।उनको डिलीट कर दिया गया है।
निष्कर्ष
उपरोक्त समीक्षा से स्पष्ट है। कि सरकार राजस्व हित में अधिक से अधिक संशोधन करती जा रही है ।जो काफी संख्या में परिवर्तित किया जा रहे हैं ।जिससे टैक्स प्रोफेशनल को समझने में परेशानी हो रही है ।उदाहरण के तौर पर फाइनेंस बिल 2023 में संशोधन किया गया तथा उसके प्रावधान धीरे-धीरे लागू किया जा रहे हैं ।लेकिन जीएसटी पोर्टल उसके लिए तैयार नहीं होता है।। ऐसी समस्याओं से टैक्स प्रोफेशनल को परेशानी होती है।
यह लेखक के निजी विचार हैं।