यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक रिटर्न जीएसटी R 9 के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है ।लेकिन वित्तीय वर्ष 2022-23 में जो त्रुटियां हुई है। उन्हें जीएसटी रिटर्न के द्वारा संशोधित अर्थात ठीक करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 है।
यह कि इनकम टैक्स की रिटर्न और ऑडिट का कार्य अब संपन्न हो चुका है ।तथा सभी करदाताओं के द्वारा अपने income tax रिटर्न और ऑडिट का कार्य कर लिया गया होगा। अतः उन्हे ऑडिट के विवरण के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए संशोधन किया जाना है। तथा 30 नवंबर 2023 तक किए गए संशोधनों का विवरण वित्तीय वर्ष 2022-23 के एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 में घोषित किए जाएंगे ।यदि हमारे द्वारा संशोधन नहीं किए जाते हैं। तो उन्हें एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 में घोषित करने में परेशानी आएगी।
1. यह कि यदि आपके वित्तीय वर्ष 2022-23 के किसीGST 3b में अधिक धनराशि जीएसटीR-1 के तुलना में अधिक जमा है ।तो उसका संशोधन नवंबर माह में जीएसटी R 3b के द्वारा किया जा सकता है। अन्यथा एनुअल रिटर्न फाइल करते समय रिफंड क्लेम करना होगा। जिसके लिए शायद विभाग तैयार नहीं होगा।
2. यह कि 30 नवंबर 2023 से पूर्व जीएसटीR-1 के द्वारा आप अपनी आउटवार्ड सप्लाई के संबंध में डेबिट नोट, क्रेडिट नोट के द्वारा अमेंडमेंट कर सकते हैं ।अर्थात वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान किसी बिल में त्रुटि होने पर उसे सुधारने का यह अंतिम अवसर है। कुछ करदाताओं के मन में यह भ्रांति है। कि वह एनुअल रिटर्न अर्थात जीएसटीR 9 भरने के समय जीएसटी R 1 की त्रुटियां ठीक कर लेंगे ।यहां पर विशेष तथ्य यह है। कि यदि आप एनुअल रिटर्न जीएसटीR 9 के द्वारा आउटवार्ड सप्लाई में ज्यादा धनराशि घोषित कर रहे हैं ।तो ठीक है ।लेकिन यदि आपको जीएसटीR-1 में कोई कमी घोषित करनी है ।तो उसे आप नहीं कर सकतेहैं।
3. यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत यदि किसी टैक्स इनवॉइस, डेबिट नोट की इनपुट टैक्स क्रेडिट ITC लेने से छूट गया था। तो उसे 30 नवंबर 2023 से पूर्व जीएसटीR 3b के द्वारा क्लेम किया जा सकता है ।ITC आईटीसी के लिए यह अंतिम अवसर है।
4. यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत ऑडिट के समय या अंतिम खाते तैयार करते समय किसी इनपुट टैक्स क्रेडिटITC का रिवर्सल करना है। तो उसे भी जीएसटी R 3b के द्वारा रिवर्सल किया जा सकता है।
5. यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत RCM के अंतर्गत किसी राशि पर कर का भुगतान किया जाना है। तो उसे जीएसटी R 3b के द्वारा जमा करके आईटीसी क्लेम की जा सकती है।
यह कि उपरोक्त बिंदुओं में अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 है ।जिससे हम वित्तीय वर्ष 2022-23 की रिटर्न में संशोधन /सुधार कर सकते हैं। यहां एक विशेष बात है । जिस करदाता कि जीएसटी रिटर्न तिमाही जाती है ।उनके लिए यह सुविधा 30 नवंबर 2023 नहीं है। जिसका उन्हें नुकसान होना संभव है। 30 नवंबर 2023 मासिक रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए है।
अतः सभी टैक्स प्रोफेशनल और करदाता को 30 नवंबर 2023 से पूर्व सभी संशोधनों कर लेना चाहिए। क्योंकि एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 रुपए दो करोड़ से कम के करदाता के लिए छूट है ।इसलिए ऐसे करदाताओं के लिए सभी संशोधन 30 नवंबर 2023 से पूर्व कर लेने चाहिए।
यह कि उपरोक्त परिस्थितियों में 30 नवंबर 2023 तक संशोधन किए जा सकते हैं
यह कि जीएसटी R 1 की लेट फीस के संबंध में टैक्स प्रोफेशनल और करदाता के मन में भ्रांति उत्पन्न हो गई है ।कि जीएसटी R 1 पर लेट फीस विभाग द्वारा ली जा सकती है ।मेरे मत अनुसार जीएसटी R 1 ,जीएसटी 9c पर लेट फीस नहीं ली जा सकती ।क्योंकि अभी जीएसटी R 1 और जीएसटी 9c पर लेट फीस को नोटिफाई नहीं किया गया है।
यह लेखक के व्यक्तिगत विचार है।