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फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ विशेष अखिल भारतीय अभियान के संबंध में दिशा निर्देश की व्याख्या

जीएसटी में फर्जी जीएसटी पंजीकरण के संबंध में प्रधान आयुक्त जीएसटी द्वारा एक अखिल भारतीय अभियान करने के संबंध में एक दिशा निर्देश संख्या 01/2023 /जीएसटी /दिनांक 4 मई 2023 जारी किया है । जो देश के सभी प्रधान मुख्य आयुक्त /मुख्य आयुक्त /प्रधान आयुक्त /केंद्रीय कर आयुक्त /सभी प्रधान महानिदेशक /केंद्रीय कर महानिदेशक के लिए जारी किया है।

1. 24 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली में आयोजित राज्य और केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की राष्ट्रीय समन्वय बैठक के दौरान सरकार को धोखा देने के इरादे से जीएसटी के अंतर्गत नकली/ फर्जी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए अन्य व्यक्तियों की पहचान का दुरुपयोग करने वाले बेईमान तत्वों का मुख्य मुद्दा राजकोष विचार विमर्श किया गया था ।कि ऐसे नकली और फर्जी और गैरवास्तविक पंजीकृत करोड़ों का उपयोग माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के बिना चालान जारी करके धोखे से आईटीसी बेईमान प्राप्त कर्ताओं को देने के लिए किया जा रहा है ।फर्जी पंजीकरण और फर्जी आईटीसी पास करने के लिए फर्जी चालान जारी करने का यह खतरा एक गंभीर समस्या बन गया है जिसमें धोखाधड़ी करने वाले लोग और जटिल लेनदेन में लिप्त होते हैं। जो राजस्व का नुकसान करते हैं।

2. केंद्रीय और राज्य कर या अधिकारी ऐसे फर्जी पंजीकरण प्राप्त करने के विभिन्न तौर-तरीकों का पता लगाएंगे। जैसे कुछ मामलों में फर्जी डाक्यूमेंट्स जैसे फर्जी बिजली का बिल, हाउस टैक्स की रसीद ,किराया समझौता की रसीदें आदि का उपभोग उपयोग जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए व्यवसाय के मुख्य स्थान के प्रमाण के रूप में प्रयोग किया जा रहा है ।इस संबंध में गुजरात राज्य कर अधिकारियों द्वारा हाल में फर्जी पैन के आधार पर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के संबंध में जांच में पाया की आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों की जानकारी के बिना उनके आधार संख्या, पता उन पर दर्ज फोन नंबर फर्जी तरीके से आधार सेवा केंद्र उसे बदल गए हैं।।

3. 24 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय समन्वय बैठक में अखिल भारतीय स्तर पर फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के संबंध में एक विस्तारपूर्वक नीति घोषित की गई जो निम्न प्रकार है

A . विशेष अभियान की अवधि सभी केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन द्वारा 16 मई 2023 से 15 जुलाई 2023 की अवधि के दौरान यह विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया जाएगा । ताकि संदिग्ध/ नकली जीएसटीएन का पता लगाया जा सके और आवश्यक सत्यापन किया जा सके और उसके आगे उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके ।

B. फर्जी जीएसटीएन की पहचान करना राज्य कर अधिकारी तथा केंद्रीय अधिकारियों द्वारा ऐसे फर्जी जीएसटी की पहचान करेंगे । राज्य कर अधिकारी तथा केंद्रीय कर अधिकारी जीएसटीएन के माध्यम से केंद्रीय कर प्राधिकरण के मामले में DGARM के माध्यम से अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसी पहचान किए गए संदिग्ध जीएसटीएन का विवरण साझा करेंगे।

इसके अलावा कर अधिकारी विभिन्न माध्यम से उपलब्ध डाटा कलेक्ट करेंगे जो विशेष उपकरण बताए गए हैं जैसे BIFA, ADVAIT,NIC, EWAY ANALYSIS आदि से अपने स्वयं के विवेक से स्थानीय एजुकेशन के आधार से डाटा का विश्लेषण करेंगे ।और एक सूची बनाई जाएगी जिसमें केंद्रीय पर और राज्य कर के अधिकारी एक दूसरे को साझा करेंगे।

C . सूचना साझा करण तंत्र की स्थापना इस विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्रीय कर प्रशासन और राज्यों के कर प्रशासन द्वारा घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता है ।इस उद्देश्य के लिए डाटा का एक दूसरे को हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए जीएसटीएन/DGARM और अन्य कर प्रशासन के साथ समन्वय करके प्रत्येक क्षेत्रीय सीजीएसटी के क्षेत्र और राज्य द्वारा तुरंत एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ।सीजीएसटी जोन और राज्यों द्वारा नियुक्त ऐसे नोडल अधिकारियों का नाम पदनाम ,फोन नंबर /मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस आईडी संबंधित कर प्राधिकरण द्वारा इस पत्र के जारी होने के 3 दिन के भीतर जीएसटी परिषद सचिवालय से साझा किया जाएगा।

 नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जीएसटीएन /DG A.R.M. और अन्य कर प्रशासन से प्राप्त आंकड़े 2 दिनों के भीतर संबंधित न्याय गठन को प्राप्त करा दिए जाएंगे।

D. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जाने वाली कार्रवाई नोडल अधिकारी के माध्यम से GSTIN/DGARM से प्राप्त डाटा में यदि संदिग्ध जीएसटीएन के सत्यापन का समय निर्धारित होगा ।यदि जांच के सत्यापन के बाद यह पाया जाता है कि करदाता मौजूद नहीं है ।और काल्पनिक है ।तो कर अधिकारी तुरंत जीएसटी अधिनियम की धारा 29 के प्रावधानों के अनुसार उक्त करदाता के पंजीकरण को निलंबित कर रद्द करने की कार्रवाई शुरू करेंगे। इसे जीएसटी के नियमों के साथ पढ़ा जाएगा

 उपरोक्त के अलावा पदाधिकारी बिना किसी देरी के सीजीएसटी नियमों के नियम 86A के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में आईटीसी को ब्लॉक करने के मामले की जांच करेगा। ऐसे गैर मौजूद करदाता द्वारा जिन रिसिपिएंट को इनपुट टैक्स पारित किया गया है ।उनका विवरण उक्त करदाता द्वारा GSTR-1 में प्रस्तुत किया गया है। कि पहचान की जाएगी ।यदि रिसिपिएंट जीएसटीएन स्वयं उक्त कर अधिकारी के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। तो रिसिपिएंट्स द्वारा गलत तरीके से प्राप्त किए गए इनपुट टैक्स की मांग और वसूली के लिए कार्रवाई शुरू की जा सकती है। जो अंत निर्हित द्वारा जारी किए गए चालान के आधार पर होगी ।यदि आपूर्तिकर्ता प्राप्तकर्ता जीएसटीएन के अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित हैं तो संबंधित विषय में डाक्यूमेंट्स और एविडेंस के साथ केस का विवरण संबंधित नोडल अधिकारी के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

फर्जी registered person के पीछे मास्टरमाइंड लाभार्थी की पहचान के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी। जहां भी आवश्यक होगा वहां जीएसटी एक्ट की धारा 83 के अनुसार सरकारी बकाया और/संपत्ति /बैंक खातों की कुर्की आदि के लिए वसूली की जाएगी।CGST ACT के अंतर्गत।

E प्रतिक्रिया और रिपोर्टिंग तंत्र प्रत्येक राज्य के साथ-साथ सीजीएसटी जोन द्वारा जीएसटी परिषद सचिवालय को सप्ताह पूरा होने पर पहले कार्य दिवस पर अनुबंध Aके रप्रारूप में एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रदान की जाएगी ।यदि सत्यापन जांच के दौरान किसी नई प्रणाली का पता चलता है ।तो सिर्फ कथित कार्रवाई रिपोर्ट में इंगित की जाएगी । इस अभियान के समापन पर साझा संदिग्ध जीएसटीएन के सत्यापन के परिणाम पर जीएसटीएन प्रतिक्रिया अनुबंध Cसंलग्न प्रारूप के अनुसार जीएसटीएन/DGARM को फील्ड की सभी इंफॉर्मेशन प्रदान की जाएगी।

F राष्ट्रीय समन्वय समिति सदस्य जीएसटी सीबीएसई की अध्यक्षता वाली एक राष्ट्रीय समन्वय समिति और जिस में प्रधान मुख्य आयुक्त मुख्य आयुक्त दिल्ली और भोपाल सीजीएसटी क्षेत्र और गुजरात, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के मुख्य आयुक्त /राज्य कर आयुक्त शामिल किए गए हैं ।निगरानी करेंगे इस विशेष अभियान की प्रगति इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय समन्वय समिति समय-समय पर मीटिंग होगी ।जीएसटी परिषद सचिवालय इस राष्ट्रीय समन्वय समिति के सचिवालय के रूप में कार्य करेगा ।समिति को जीएसटीएन और प्रधान आयुक्त जीएसटी नीति वे सीबीएसई द्वारा भी सहायता प्रदान की जाएगी।

4. जीएसटी परिषद सचिवालय विभिन्न संस्थाओं से प्राप्त रिपोर्ट को संकलित कर राष्ट्रीय समन्वय समिति को तत्काल उपलब्ध कराएगा। इस विशेष अभियान के दौरान पाए गए तौर-तरीकों को जीएसटी परिषद सचिवालय द्वारा संकलित किया जाएगा और राष्ट्रीय समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जिसे बाद में देशभर के केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन के साथ साझा किया जाएगा।

5. यह दिशानिर्देश राष्ट्रीय समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार जारी किए जा रहे हैं।

6. इन निर्देशों के में यदि कोई कठिनाई हो। तो बोर्ड /gst -cbic @gov.inको सूचित किया जा सकता हैं। उपरोक्त के संदर्भ में एनेक्सचर a,b, और सी संलग्न किए गए हैं।

निष्कर्ष: उपरोक्त फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ विशेष अखिल भारतीय अभियान के संबंध में स्पष्ट है कि जीएसटी परिषद उन करदाताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करना चाहती है। जो वास्तव में उपलब्ध ही नहीं है ।तथा भ्रष्ट करदाताओं द्वारा एक सिस्टम गैर कानूनी कायम किया है ।जिस पर जीएसटी परिषद अपनी कार्रवाई करना चाहता है। तथा इस विशेष अभियान से जो बाजार में फर्जी इनवॉइस का सेल परचेज का कारोबार चल रहा है। उस पर प्रतिबंध लगेगा तथा साथ ही जीएसटी प्रैक्टिशनर को भी उपरोक्त के विषय में भली-भांति परिचित होना चाहिए ।क्योंकि सभी प्रैक्टिशनर के पास कोई ना कोई ऐसा केस आ सकता हैं।जो फर्जी जीएसटी पंजीकरण से संबंधित होगा ।

इस अभियान में एक विशेष अवधि 16 मई 2023 से 15 जुलाई 2023 की दी गई है। जिसमें संदिग्ध और नकली करदाता का पता लगाया जाएगा और उनका सत्यापन किया जाएगा। जिसके लिए राज्य कर अधिकारी /केंद्रीय पदाधिकारी ऐसे फर्जी करदाता की पहचान जीएसटीएन/ DGARM (Directorate General Of Analytics and Risk Management) के माध्यम से ऐसे गैर मौजूद करदाताओं का परीक्षण करेंगे। जिसके लिए वह BIFA (Business Intelligence & Fraud Analytics) ADVAIT (Advanced Analytics in Indirect Taxation)NIC (National Informatics Centre) से ऐसे गैर मौजूद करदाताओं का पता लगाएंगे।

इस अभियान को सफल करने के लिए जीएसटी परिषद सचिवालय ने राज्य कर अधिकारी तथा केंद्रीय कर अधिकारियों के लिए एक नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति इस अभियान के लिए करने के लिए आदेश दिए है ।वह नोडल अधिकारी सभी अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित कर ऐसे गैर मौजूद करदाताओं की सूचनाओं का दूसरे नोडल अधिकारी से सूचनाओं का डाटा प्रेषित करेंगे।

उदाहरण यदि राज्य कर अधिकारी किसी गैर मौजूद करदाता का पता लगाता है। तो यह निर्णय करेगा की गैर मौजूद करदाता द्वारा GSTR-1 में किस-किस रिसिपिएंट को ऐसे फर्जी चालनो द्वारा लाभ दिया है। यदि राज्य कर अधिकारी GSTR-1 में लाभार्थी उनके क्षेत्र का है ।तो दोनों ही अर्थात सप्लायर और रिसिपिएंट पर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा ।सर्वप्रथम जीएसटी एक्ट की धारा 29 के अंतर्गत गैर मौजूद करदाता का gst registration विलंबित उसके पश्चात रद्द करने की कार्रवाई करेगा इसी प्रकार प्राप्तकर्ता के विरूद्ध वह कार्रवाई सुनिश्चित करेगा ।

इसी प्रकार यदि गैर मौजूद सप्लायर द्वारा दूसरे क्षेत्र में स्थित प्राप्तकर्ता के संदर्भ में नोडल अधिकारी के माध्यम से दूसरे नोडल अधिकारी को सूचना संपूर्ण डाटा उपलब्ध कराएंगे।

इस फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ विशेष अभियान का मुख्य उद्देश मास्टरमाइंड पर कार्यवाही करना है ।जो फर्जी जीएसटी पंजीकरण करा कर फर्जी बिल के द्वारा आईटीसी का गैर कानूनी तरीके से लाभ ले रहे हैं। इस अभियान में राज्य कर और केंद्रीय कर अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उन सभी रिटर्न्स का का मूल्यांकन करेंगे

उनकी आईपी एड्रेस को सर्च करके उन मास्टरमाइंड के पास जाएंगे।

इस अभियान का मुख्य उद्देश फर्जी मास्टरमाइंड और राजस्व की क्षति पहुंचाने वालों को जीएसटी एक्ट के अंतर्गत दंडित करना है। 

 उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं यदि कोई त्रुटि हो तो कृपया संशोधन कर ले।

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