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धारा 128 ए की प्रभावी दिनांक 1 नवंबर 2024 नियत की गई है जिसके लिए अधिसूचना संख्या 20/2024/केंद्रीय कर/तारीख 8 अक्टूबर 2024 के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें जीएसटी अधिनियम 2017 की 128ए के लिए प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए , नया नियम 164 स्थापित किया है। जिसमें इसकी प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है जिसका संक्षिप्त में विवरण निम्न प्रकार है –

जीएसटी अधिनियम के नियम 164 के अंतर्गत धारा 73 के अधीन जारी की गई मांगों के संबंध में धारा 128ए के अधीन कार्रवाई को बंद करने की प्रक्रिया और शर्तें-

1. यदि कोई करदाता धारा 128 ए की उप धारा 1 के खंड ए में उल्लेखित किसी सूचना या किसी कथन के संबंध में ब्याज और अर्थदंड या दोनों के लिए माफी का पात्र है तो वह मांग किए गए कर/ टैक्स को फॉर्म जीएसटी DRC 03 में दिए गए व्यौरे के साथ जमा करेगा तथा उक्त सूचना को जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म जीएसटी SPL 01 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपना आवेदन प्रस्तुत करेगा।

2. यदि कोई व्यक्ति धारा 128 ए की उप धारा 1 के खंड bऔर c में उल्लेखित आदेशों के संबंध में ब्याज या पेनल्टी या दोनों के माफी का पात्र है ।वह मांग किए गए कर/ टैक्स के संबंध में उक्त आदेश का ब्यौरा देते हुए सामान्य पोर्टल पर फॉर्म जीएसटी SPL 02 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से आवेदन प्रस्तुत करेगा। Provided

A परंतु ऐसे मांगे गए कर/टैक्स के संबंध में जमा का प्रमाण सृजित किया जाएगा ।

B यदि ऐसे कर/ टैक्स के संबंध में फार्म जीएसटी DRC 03 के माध्यम से किया गया है, तो फॉर्म जीएसटी SPL 02 में आवेदन करने से पूर्व नियम 142 के उप नियम 2B में फॉर्म जीएसटी डीआरसी (DRC)03 ए में मांग किए गए कर के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक लिबर्टी रजिस्टर में उक्त रकम को आवेदन के रूप में फाइल किया जाएगा।

3. यदि धारा 128 ए की उप धारा 1 में उल्लेखित सूचना या कथन या आदेश में आंशिक रूप से कोई गलत टैक्स के कारण या आंशिक रूप से अन्य कारण से कर/टैक्स की मांग में वह शामिल है ,तो उप धारा के अधीन अधिसूचित तारीख अर्थात 1 नवंबर 2024 या इससे पूर्व केवल उक्त सूचना या कथन या आदेश में मांग किए गए कर टैक्स की पूर्ण रकम जमा करने के पश्चात ही उपनियम 1 या 2 के अधीन कोई आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा।

4. यदि धारा 128 ए की उप धारा 1 में सूचना या कथन या आदेश में आंशिक रूप से उक्त धारा में उल्लेखित अवधि के लिए आंशिक रूप से अन्य अवधि के लिए भी कर की मांग शामिल है तो उक्त धारा के अधीन अधिसूचित तारीख को या इससे पूर्व केवल उस सूचना या कथन या आदेश से मांग किए गए कर/ टैक्स की पूर्ण करने के पश्चात ही उपनियम 1 या उप नियम 2 के अधीन आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा।

5. यह कि नियम 164 के उपनियम में 1 या उपनियम 2 के अंतर्गत टैक्स की वह रकम होगी जो धारा 73 के अधीन स्टे सूचना या कथन या आदेश के रजिस्ट्रेशन में संदेह रकम को घटकर जो धारा 16 के उपधारा 5 या 6 के अनुसरण में भुगतान नहीं की गई है वह यथावत बनी रहेगी।

6. यदि कोई व्यक्ति नियम 164 के की उपनियम 1 या 2 के अधीन कोई आवेदन प्रस्तुत करना चाहता है तो वह धारा 128 ए की उप धारा 1के अधीन अधिसूचित तारीख से 3 मास की अवधि के भीतर ऐसा आवेदन कर सकता है ,अर्थात यह अवधि 1 नवंबर 2024 से 3 मास के लिए होगी ।परंतु धारा 128 ए के उप नियम 1के पहले परंतु में निर्धारित कोई आवेदन फॉर्म जीएसटी SPL 02 में फाइल किया जाना है उक्त आवेदक को फाइल करने के लिए समय सीमा धारा 73 के दिन से ऐसे कर का रिएसेसमेंट करते हुए प्रॉपर ऑफिसर के आदेश की सूचना से यह 6 मास होगी।

7. यदि कोई व्यक्ति उपनियम 1 या 2के अधीन आवेदन प्रस्तुत करना चाहता है।जिसके अंतर्गत आवेदक धारा 128 ए के अंतर्गत ब्याज या पेनल्टी या दोनों की माफी के लिए वह पात्र है और उसके द्वारा किसी अपील अधिकारी / अधिकरण या उच्च न्यायालय के समक्ष कोई अपील या याचिका दाखिल की गई है तो उसे वह वापस लेनी होगी तथा वापसी का साक्ष्य संलग्न करना होगा परंतु

यदि आवेदक ने अपीलीय प्राधिकारी या अपील प्राधिकरण या किसी न्यायालय के समक्ष कोई अपील या याचिका को वापस लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है, किंतु उपनियम 1 या 2के अधीन आवेदन फाइल करने की तारीख तक संबंधित अपील ,प्राधिकारी द्वारा वापसी के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है ,तो आवेदक उपनियम 1या उप नियम 2 के अधीन आवेदन के साथ अपील या याचिका के वापस लेने के लिए फाइल किए गए आवेदन या दस्तावेज की प्रति अपलोड करेगा और संबंधित प्राधिकारी द्वारा वापसी के लिए आदेश जारी होने के एक मास के अंतर जीएसटी पोर्टल पर अपील / याचिका के वापसी के लिए आदेश की प्रति अपलोड करेगा।

8. यदि प्रॉपर ऑफिसर को यह लगता है कि फॉर्म जीएसटी SPL 01 या फॉर्म जीएसटी SPL 02 में दिया गया आवेदन नामंजूर होने लायक है, क्योंकि धारा 128 ए के अनुसार ब्याज या अर्थदंड या दोनों की माफी के लिए वह पात्र नहीं है तो वह उसे आवेदन की प्राप्ति की तारीख से 3 माह के अंदर फॉर्म जीएसटी SPL03 में आवेदक को सामान्य पोर्टल पर सूचना जारी करेगा और आवेदक को सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा।

9. यह कि उपरोक्त उपनियम 8 के अधीन सूचना की प्राप्ति पर आवेदक उपरोक्त सूचना की प्राप्ति की तारीख से एक माह की अवधि के भीतर फॉर्म जीएसटी SPL04 में जीएसटी पोर्टल पर उक्त सूचना का उत्तर दाखिल कर सकेगा I

10. यदि प्रॉपर ऑफिसर को यह समाधान हो जाता है कि आवेदक धारा 128 ए के अनुसार ब्याज, पेनल्टी या दोनों की माफी के लिए वह पात्र है , धारा 128 ए के अधीन उस आवेदन को स्वीकार करते हुए समस्त कार्रवाइयों का समापन करने के लिए जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म जीएसटी SPL05 में आदेश जारी करेगा।

11. यह कि उपरोक्त उपनियम 10 के अधीन प्रॉपर ऑफिसर द्वारा फॉर्म जीएसटी SPL05 में जो आदेश जारी करेगा उसमें निम्नलिखित का उल्लेख किया जाएगा –

(ए) धारा 128 ए के उप धारा 1 के खंड ए में निर्धारित किसी सूचना या कथन से संबंधित फार्म जीएसटी SPL01 में फाइल किए गए किसी आवेदन के संबंध में नियम 142 के उप नियम 5 के अनुसार फार्म जीएसटी DRC 07 में आदेश का सारांश उक्त सूचना या विवरण के संबंध में प्रॉपर ऑफिसर द्वारा जारी किया जाना आवश्यक नहीं होगा।

(बी )प्रॉपर ऑफिसर द्वारा धारा 128 ए की उप धारा 1 के खंड बी और सी में निर्धारित किसी आदेश से संबंधित फार्म जीएसटी SPL 02 में फाइल किए गए किसी आवेदक के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक लायबिलिटी रजिस्टर के भाग 2 में नियत लिबर्टी को संशोधित किया जाएगा।

12. यदि प्रॉपर ऑफिसर आवेदक के उत्तर से संतुष्ट नहीं है, तो वह आवेदन को नामंजूर करते हुए फॉर्म जीएसटी SPL07 में आदेश जारी करेगा।

13.(a) यह कि प्रॉपर ऑफिसर ऐसे मामले जहां फॉर्म जीएसटी SPL03 में कोई सूचना जारी नहीं की गई और प्रॉपर ऑफिसर फॉर्म जीएसटी SPL 01 या फॉर्म जीएसटी SPL 0 2 में आवेदन की प्राप्ति की तारीख से 3 माह की अवधि के भीतर उपनियम 10 के अधीन आदेश जारी करेगा।

(b) यदि प्रॉपर ऑफिसर द्वारा फॉर्म जीएसटी SPL 03 में सूचना जारी की गई लेकिन प्रॉपर ऑफिसर को फॉर्म जीएसटी SPL 04 में आवेदक के द्वारा 3 माह की अवधि के भीतर उत्तर मिलता है, तो प्रॉपर ऑफिसर फॉर्म जीएसटी SPL 03 में सूचना के जारी होने की तारीख से 3माह की अवधि के भीतर उपरोक्त उप नियम 10 या उपनियम 12 के अंतर्गत आदेश जारी करेगा।यदि करदाता द्वारा उत्तर दाखिल नहीं किया जाता है उस स्थिति में प्रॉपर ऑफिसर नोटिस जारी करने से 4 माह की अवधि में उपनियम 10 या उप नियम 12 के अंतर्गत आदेश जारी करेगा ,।

इसके संबंध में एक स्पष्टीकरण भी दिया गया है जिसमें इस उपनियम के संदर्भ में उपनियम 7 के संबंध में स्पष्ट किया गया है , कि अपील वापसी के लिए आदेश को प्रस्तुत करने की तारीख तक उपनियम 1 या उपनियम 2 के अधीन आवेदन के प्रस्तुत करने की तारीख से समय इसकी समय अवधि उप नियम के खंड ए और बी की समय अवधि से गणना करते समय सम्मिलित नहीं किया जाएगा ।

14. यह है कि उपनियम 13 में निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रॉपर ऑफिसर द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता है तो फॉर्म जीएसटी SPL 01 या फॉर्म जीएसटी SPL 02 में आवेदन स्वीकार माना जाएगा और कार्रवाई समाप्त मानी जाएगी।

15. (a) यदि धारा 107 के उप धारा 1 में निर्धारित समय अवधि के भीतर फॉर्म जीएसटी SPL 07 के आदेश के विरुद्ध कोई अपील फाइल नहीं की गई है वहां धारा 128ए धारा 1 के खंड बी या सी में उल्लेखित आदेश के विरुद्ध आवेदक द्वारा फाइल की गई मूल अपील यदि कोई हो, धारा 128 ए की उप धारा 3 के अनुसार फॉर्म जीएसटी SPL 02 में प्रस्तुत आवेदन में परिवर्तित किया जाएगा।

(b) यह कि जिन मामलों में ब्याज या अर्थदंड या दोनों की माफी के लिए प्रस्तुत आवेदन को अस्वीकार किया गया है, तो आदेश के विरुद्ध फॉर्म जीएसटी SPL07 की अपील दाखिल की जा सकती है यदि

1. यदि अपील प्राधिकारी ने फॉर्म जीएसटी SPL 07 जिसमें ब्याज या अर्थदंड या दोनों के माफी के आवेदन को स्वीकार किया जाता है तो अपीलीय प्राधिकारी धारा 128ए के अधीन कार्रवाई को समाप्त करते हुए जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म जीएसटी SPL 06 में आदेश पारित करेगा या

2. यदि अपीलीय प्राधिकारी ने फॉर्म जीएसटी SPL 07 के विरुद्ध दाखिल अपील को अस्वीकार किया जाता है उस स्थिति में आवेदक द्वारा दाखिल मूल अपील की कोई हो और जो धारा 128ए की उप धारा 3 के अनुसार फॉर्म जीएसटी SPL 02 में आवेदन दाखिल करने के लिए वापस ली गई है ।तो इस शर्त के अधीन परिवर्तित की जाएगी कि आवेदक द्वारा फॉर्म जीएसटी APL 04 में अपीलीय प्राधिकारी द्वारा आदेश जारी करने की तारीख से 3 माह की अवधि के भीतर फार्म जीएसटी SPL08 में जीएसटी पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक बॉन्ड/शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा जिसमें वह घोषणा करेगा कि वह प्राधिकारी के उक्त आदेश के विरुद्ध कोई अपील दाखिल नहीं करेगा और ना दाखिल करने का इरादा रखता है।

16. यह है कि जिन मामलों में धारा 128 ए उप धारा 1 के दूसरे प्रोविजो के अनुसार करदेयता के साथ अतिरिक्त रकम का भुगतान किया जाना अपेक्षित है और ऐसे अतिरिक्त भुगतान उक्त प्रोविजो में निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा नहीं किया जाता है वहां फॉर्म जीएसटी SPL 05/फॉर्म जीएसटी SPL 06 में जारी आदेश के अनुसार उक्त धारा के अधीन ब्याज या अर्थदंड या दोनों की छूट यदि कोई है ।तो वह आदेश शून्य हो जायेगा।

17. यह कि ऐसे मामले जहां करदाता से त्रुटि पूर्ण या धारा 128 ए उप धारा 1 में उल्लिखित अवधि के अलावा अन्य अवधि से संबंधित मांग के कारण ब्याज या अर्थदंड या दोनों की कोई रकम जमा करना अपेक्षित है, तो ऐसी रकम का विवरण फॉर्म जीएसटी SPL 05 या फॉर्म जीएसटी SPL 06 में उल्लेखित किया जाएगा। यदि आवेदक फार्म जीएसटी SPL 05 या फॉर्म जीएसटी SPL 06 में आदेश जारी करने की तारीख से 3 माह की अवधि के भीतर ब्याज या अर्थदंड या दोनों की उक्त रकम को जमा करेगा और जहां उक्त समय अवधि के भीतर जमा नहीं की जाती है ,तो फॉर्म जीएसटी SPL 05 या फॉर्म जीएसटी SPL 06 में जारी आदेश के अनुसार धारा 128 ए के अधीन ब्याज या अर्थदंड या दोनों की माफी शून्य हो जाएगी।

स्पष्टीकरण

उपरोक्त नियम के अनुसार आदेश जारी करने के लिए प्रॉपर ऑफिसर ऐसे मामले जहां ब्याज या अर्थदंड या दोनों माफी के लिए आवेदन धारा 128 ए की उप धारा 1के खंड ए , बी और सी में उल्लेखित नोटिस या विवरण के संबंध में दिया जाता है धारा 73 के अनुसार आदेश जारी करने के लिए प्रॉपर ऑफिसर नियुक्त किया गया है। तथा अधिनियम की धारा 79 में निर्धारित समुचित अधिकारी होगा।

निष्कर्ष- यह कि इस बहुचर्चित योजना के लिए करदाता,उद्योग जगत, व्यापार जगत और टैक्स प्रोफेशनल काफी दिनों से प्रतीक्षारत थे। जीएसटी विभाग ने अब इसी योजना के संबंध में नियम और शर्तों का लेखा-जोखा नोटिफिकेशन संख्या 20/केंद्रीय कर/दिनांक 8 अक्टूबर 2024 को जारी किया है।

यह कि उपरोक्त लेख से स्पष्ट है कि जीएसटी विभाग ने धारा 128ए के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए एक नया नियम 164 स्थापित किया है। इस नियम के अनुसार धारा 128 ए के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए सृजित मांग धारा 73 के अंतर्गत ब्याज , अर्थदंड या दोनों की माफी के लिए एक प्रक्रिया और उसकी शर्तें स्थापित की है ।यदि किसी करदाता का धारा 73 के अंतर्गत कोई कर ,ब्याज या अर्थ दंड आरोपित किया गया है तो सर्वप्रथम उसे डीआरसी (DRC)03 के द्वारा उक्त कर /टैक्स को जमा करना होगा। तथा फार्म जीएसटी SPL 01 के माध्यम से आवेदन करना होगा।

इस योजना के अंतर्गत यदि किसी करदाता ने अपील ,अधिकरण या उच्च न्यायालय में रिट फाइल कर रखी है। तो इस योजना में जाने से पहले अपील, अधिकरण या उच्च न्यायालय में रिट को वापस लेना होगा।

इस योजना के अंतर्गत करदाता को सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाएगा।

यदि इस योजना के अंतर्गत प्रॉपर ऑफिसर द्वारा जारी आदेश फॉर्म जीएसटी SPL 07 जारी किया गया और करदाता उससे असंतुष्ट है तो उसकी अपील की जा सकेगी ।

यह कि यह योजना जैसा है जहां है के आधार पर जारी की गई है ,अर्थात यदि पूर्व में करदाता द्वारा कर, ब्याज और पेनल्टी जमा कर दी गई है, तो उसका लाभ प्राप्त नहीं होगा।

विशेष -यह लेखक के निजी विचार हैं तथा अधिसूचना के आधार पर यह लेख तैयार किया गया है।इसका प्रयोग अपने टैक्स प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही करे।

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