Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

कौन बनेगा करोड़पति गेम शो शुरू होने वाला है और इसी तरह के अनगिनत गेम शो, एप, आनलाइन गेम, आदि सोशल मीडिया पर धडल्ले से चल रहे हैं.

सरकार इनसे बचने की जरूर सलाह देती है लेकिन इनकी कानूनी वैधता पर चुप रहती है. लेकिन हां इस पर टैक्स लगाकर राजस्व वसूलने में सरकार को कोई परहेज नहीं है. जहाँ इस तरह के लेनदेन को फिलहाल जीएसटी में लाने पर विचार चल रहा है और किसी प्रारुप में लाया जाए फिलहाल तय नहीं है.

लेकिन जो तय है वो है, इनसे जीती हुई प्राइज मनी पर कटने वाला आयकर. यह कटौती इस बात से अनभिज्ञ रहती है कि जीतने वाली की कोई और आय है कि नहीं और न ही इस बात को देखा जाता है कि वो टैक्सेबल दायरे में आता है कि नहीं.

यदि जीती हुई रकम किसी भी रुप में 10000/- रुपये से अधिक की कीमत है तो उस पर 30% टैक्स कटना अनिवार्य है एवं इसके ऊपर 4% का सरचार्ज भी कटेगा. यह कटौती किसी भी रुप में रिफंड नहीं होती है. यदि आपका टैक्स इससे ज्यादा आ रहा है तो आपको जमा करना होगा लेकिन यदि आपका टैक्स शून्य आ रहा है तो भी उपरोक्त कटौती का कोई रिफंड नहीं दिया जावेगा. यह बात आयकर की धारा 194 बी और 194 बीबी में बताई गई है.

 लॉटरी या गेम्स में कोई मनी या प्राइज जीतने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 का सेक्शन 194बी एप्लीकेबल होता है। जिसके अनुसार अगर आप किसी भी लॉटरी या गेम्स में कोई राशि जीतते है और वह 10 हजार से ज्यादा का है, तो इस तरह के प्राइज पर पहले टीडीएस काटा जायेगा और बैलेंस प्राइज की राशि का पेमेंट आपको किया जायेगा।

जैसे – आपने कौन बनेगा करोडपति में 10 लाख का प्राइज जीता, तो सबसे पहले 10 लाख पर कौन बनेगा करोड़पति के आयोजकों द्वारा सेक्शन 194 बी में टीडीएस काटा जायेगा और उसके बाद बैलेंस राशि का आपको पेमेंट किया जायेगा।

अगर 10 हजार से कम का प्राइज है, तो कोई टीडीएस नहीं काटा जायेगा।

इसके अलावा इस सेक्शन में टीडीएस काटने के लिए आपकी दूसरी किसी इनकम को नहीं देखा जाएगा।

यानि कि अगर आपकी प्राइज मनी के अलावा कोई दूसरी इनकम नहीं है, तो भी आपका टीडीएस काटा जायेगा।

लॉटरी या गेम्स में सभी तरह की लॉटरी या गेम्स को शामिल किया जाता है, जैसे – ऑनलाइन गेम्स, टीवी गेम्स, पहेली, जुआ, सट्टेबाजी या इसी तरह का कोई दूसरा गेम्स शो।

इस प्रकार की इनकम आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी प्रकार से हो इस पर टीडीएस के प्रावधान लागू होंगे।

लाटरी एजेंट्स या लाटरी बेचने वालो को लाटरी बेचने पर दिये जाने वाले कमीशन या बोनस पर इन सेक्शन में टीडीएस नहीं काटा जायेगा।

अगर आपकी हॉर्स रेस घुड़दौड़ से कोई इनकम होती है, तो इस पर सेक्शन 194बीबी के टीडीएस रूल्स एप्लीकेबल होंगे।

हालाँकि, 194 बीबी में टीडीएस के प्रावधान तभी लागू होंगे जब जीत की राशि का भुगतान एक बुकमेकर या किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा रहा हो जिसे सरकार द्वारा लाइसेंस दिया गया हो।

ये धारा निवासी और अनिवासी भारतीय दोनों पर समान रूप से लागू होते है।

जब भी आपको किसी लाटरी, क्रॉसवर्ड पज़ल्स, दौड़ ( घुड़दौड़ भी शामिल ), कार्ड गेम या किसी भी अन्य तरह के गेम से कोई इनकम होती है, तो इस तरह की इनकम को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में “अन्य स्त्रोत से आय ” हेड में रिपोर्ट करना होता है।

इस तरह की इनकम पर आपको स्लैब रेट का बेनिफिट नहीं मिलेगा।

यानि कि अगर आपने लॉटरी या गेम्स से सिर्फ 10 हजार भी जीते है, तो भी टैक्स देना होगा।

सेक्शन 80 सी से सेक्शन 80 यू की डिडक्शन का बेनिफिट भी आपको प्राप्त नहीं होगा , यानि लॉटरी या गेम्स से जीते गए पैसो को आप किसी टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट करते है, तो इसकी छूट आपको इन इनकम में से नहीं दी जाएगी।

किसी भी तरह के आलोयंस या खर्चो की छूट नहीं ले सकते।

किसी भी तरह की हानि को सेट ऑफ नहीं कर सकते हैं.

यदि प्राइज वस्तु ( टीवी, एसी, कार, आदि) में दिया जा रहा है तो टीडीएस वस्तु की उचित बाजार मूल्य पर काटा जायेगा।

यदि प्राइज कुछ नकदी और कुछ वस्तु में दिया जा रहा है और नकदी की राशि टीडीएस के लिए कम पड़ रही है या प्राइज सिर्फ वस्तु में दिए जा रहा है तो, प्राइज देने वाला पर्सन प्राइज देने से पहले यह सुनिश्चित करेगा कि इस पर टैक्स का भुगतान किया जा चुका है।

इन सेक्शन में टीडीएस की कटौती जीत की राशि के भुगतान के समय की जाती है।

किसी भी तरह की हानि इन इनकम से सेट ऑफ नहीं की जा सकती।

यदि जीत की राशि का भुगतान किश्तों में किया जाता है तो हर किश्त के भुगतान पर टीडीएस काटा जायेगा.

*उपरोक्त नियमों से साफ है करोड़पति कहलाने के लिए जीती हुई राशि कम से कम डेढ़ करोड़ रुपये होनी चाहिए क्योंकि इस जीत में सरकार भी एक तिहाई की भागीदार हैं लेकिन आपकी हार, हानि या सजा में नहीं.*

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर 9826144965*

Sponsored

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

One Comment

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Search Post by Date
July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031