GST विभाग में फर्जी पंजीयन एवं फर्जी व्यापार को रोकने के लिए GST पंजीयन में वकालतनामा लगाया जाना अनिवार्य किया जाए !
मान्यवर ! आपको विदित है कि इन दिनों लगातार गुड्स एवं सर्विस टैक्स विभाग में फर्जी पंजीयन हो रहे हैं तथा गुड्स एवं सर्विस टैक्स की लगातार टैक्सचोरी/फर्जी टैक्स बिल/फर्जी टैक्स रिफंड आदि के कारण देश को गुड्स एवं सर्विस टैक्स की हानि हो रही है साथ ही साथ सही (ईमानदार) व्यापारी, फर्जी एवं टैक्स चोरी करने वाले व्यक्ति से वस्तु के मूल्य में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है !
ईमानदार व्यापारी को सामान/वस्तु अधिक मूल्य पर मिलता है तथा टैक्सचोर/फर्जी व्यक्ति जो टैक्स की चोरी करता है वो अपना माल सस्ते में बेच रहा है यही कारण है कि ईमानदार व्यापारी परेशानियों का लगातार सामना कर रहा है!
पूर्व के कानूनों में खासकर बिक्री कर, व्यापार कर, वाणिज्य कर आदि में यह व्यवस्था थी कि उक्त विभागों में पंजीयन कराने के लिए कर-अधिवक्ताओं की जिम्मेदारी होती थी वह व्यापारी का फोटो अटेस्ट तथा पंजीयन फार्म अटेस्ट करते थे एवं कर-अधिवक्ता अपना वकालतनामा लगाते थे जिसमे कर-अधिवक्ता का लाइसेंस नंबर होता था और सही व् ईमानदार व्यापारी की पहचान कराना कर-अधिवक्ता की जिम्मेदारी होती थी !
परंतु जीएसटी में पंजीकरण के लिए वकालत नामा लगाने की उक्त व्यवस्था समाप्त कर दी गई है टैक्सचोर/फर्जी व्यक्ति, छोटे-छोटे मुनीम, साइबर कैफे, ऑनलाइन वाले आदि सभी जीएसटी में उलटे सीधे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं इनकी वकालत नामा न लगाने के कारण किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है
इसलिए फर्जी व्यापार एवं टैक्स चोरी होने का मुख्य कारण है कि कर-अधिवक्ताओं के वकालतनामा का ना लगाया जाना!
GST काउन्सिल CENTRAL EXCISE/सर्विस टैक्स के पैटर्न पर कार्य कर रही है, CENTRAL EXCISE/सर्विस टैक्स के रजिस्ट्रेशन मे वकालतनामा लगाने का कोई प्रावधान नहीं था| परन्तु स्टेट लॉ बिक्री कर, व्यापार कर, वाणिज्य कर VAT में वकालतनामा लगाने की अनिवार्यता थी परन्तु जीएसटी कानून लागू होने पर गुड्स एवं सर्विस टैक्स CENTRAL EXCISE/सर्विस टैक्स के पैटर्न पर होने के कारण कर-अधिवक्ता का वकालतनामा लगाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी थी यही मुख्य वजह है की गुड्स एवं सर्विस टैक्स विभाग में पंजीकरण में कर-अधिवक्ताओं का वकालतनामा का ना लगाया जाना|
हम सभी कर-अधिवक्ताओं द्वारा तथा विभिन्न बार एसोसिएशन के माध्यम से व् स्वयं अनेकों बार जीएसटी काउंसिल को सेकड़ो पत्रों द्वारा गुड्स एवं सर्विस टैक्स विभाग के पंजीकरण में कर-अधिवक्ताओं का वकालतनामा लगाये जाने की अनिवार्यता के का सुझाव दिया गया है परन्तु जीएसटी काउंसिल हमारे इस सुझाव पर ध्यान नहीं दे रही है आज इसी कारण से फर्जी पंजीयन एवं फर्जी व्यापार में दिन ब दिन बढ़ोतरी होती जा रही है, अभी भी समय है जीएसटी काउंसिल को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से जीएसटी पंजीकरण में वकालतनामा लगाए जाने की अनिवार्यता करें अन्यथा देश में फर्जी पंजीयन एवं फर्जी व्यापार बढ़ता ही जाएगा|
मेरा जीएसटी काउंसिल से पुनः अनुरोध है की गुड्स एवं सर्विस टैक्स विभाग में फर्जी पंजीयन एवं फर्जी व्यापार को रोकने के लिए मेरे इस सुझाव को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए काउंसिल को जी एस टी पंजीकरण के लिए वकालतनामा लगाए जाने की अनिवार्यता कर देनी चाहिए, जिससे देश में फर्जी पंजीयन एवं फर्जी व्यापार को रोका जा सके| और देश उन्न्नातियों के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर सके!!!
आशीष कमथानिया (एडवोकेट)
(प्रान्तीय कार्यकारणी सदस्य)
द उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन (पंजी),
सूरज सिनेमा रोड, रामपुर उप्र.
ईमेल : [email protected] मोबाइल : 9258010105
कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि गलत पंजियन पहले भी बहुत थे वकीलों कोकेको केवल शुल्क से मतलब होता है ना की सही गलत से,गलत को रोकने के लिए अधिकारी अधिकृत है।
Our government should give attention to above article
Yes
Very good suggession.