यह कि बजट 2025 के अंतर्गत जीएसटी में एक नई धारा 148 A जोड़ी गई है। जिसके द्वारा एक नया सिस्टम ट्रैक और ट्रैक मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) पर कार्य करना है । जिसके द्वारा चिन्हित वस्तुओं पर टैक्स की चोरी को रोकने के लिए इस सिस्टम लाया जा रहा है।यह पद्धति विभिन्न देशों में कार्यरत है। अब देश में जीएसटी की धारा 148 A के माध्यम से इसे लागू किया जाना प्रस्तावित है ।इस लेख के माध्यम से धारा को संक्षिप्त में प्रस्तुत कर रहे हैं-
धारा 148ए और 122बी का सम्मिलन – सीजीएसटी अधिनियम, 2017 –
ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म( Track and Trace Mechanism)
धारा 148 के बाद एक नई धारा 148A जोड़ी जा रही है जो इस प्रकार है:
(1) सरकार, परिषद की सिफारिशों पर, अधिसूचना द्वारा, निर्दिष्ट कर सकेगी,-
(क) माल;
(ख) ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों का वर्ग, जो ऐसे माल पर कब्जा रखते हैं या उससे संबंधित कार्य करते हैं, जिन पर इस धारा के प्रावधान लागू होंगे।
(2) सरकार, उपधारा (1) के खंड (क) में निर्दिष्ट माल के संबंध में,–
(क) विशिष्ट पहचान चिह्न लगाने तथा उसमें निहित सूचना के इलेक्ट्रॉनिक भंडारण और उस तक पहुंच को ऐसे व्यक्तियों के माध्यम से सक्षम बनाने के लिए एक प्रणाली उपलब्ध कराना , जैसा कि विहित किया जा सकता है; और
(ख) ऐसे माल के लिए विशिष्ट पहचान चिह्न निर्धारित करना, जिसके अंतर्गत उसमें दर्ज की जाने वाली सूचना भी शामिल है।
(3) उपधारा (1) में निर्दिष्ट व्यक्ति,–
(क) उक्त माल या उसके पैकेजों पर एक विशिष्ट पहचान चिह्न लगाएगा, जिसमें ऐसी जानकारी और ऐसी रीति होगी;
(ख) ऐसी
सूचना और ब्यौरे ऐसे समय के भीतर प्रस्तुत करें और ऐसे अभिलेख बनाए रखें ।
विशिष्ट पहचान चिह्नांकन (Unique Identification Mark) शब्द को धारा 2(116ए) जोड़कर परिभाषित किया गया है, जो इस प्रकार है: “विशिष्ट पहचान चिह्नांकन”(Unique Identification Mark) का अर्थ
धारा 148(2)(बी) में निर्दिष्ट विशिष्ट पहचान चिह्नांकन (Unique Identification Mark) है और इसमें डिजिटल स्टाम्प, डिजिटल चिह्न या कोई अन्य समान चिह्नांकन शामिल है, जो विशिष्ट, सुरक्षित और हटाने योग्य नहीं हैI
इसके अलावा, धारा 148A के प्रावधानों का पालन न करने पर जुर्माना लगाने के लिए धारा 122B शुरू की जा रही है। उक्त धारा इस प्रकार है: इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, जहां धारा 148A की उपधारा (1) के खंड (ख) में निर्दिष्ट कोई व्यक्ति उक्त धारा के उपबंधों के उल्लंघन में कार्य करेगा, वहां वह अध्याय 15 या इस अध्याय के उपबंधों के अधीन किसी शास्ति के अतिरिक्त एक लाख रुपए की रकम या ऐसे माल पर देय कर के दस प्रतिशत के बराबर शास्ति, जो भी अधिक हो, देने के लिए दायी होगा।
धारा 148A और धारा 122B का संयुक्त अध्ययन निम्नलिखित इंगित करता है-
i. धारा 148A को उन वस्तुओं की पहचान के लिए पेश किया जा रहा है जिन पर विशिष्ट पहचान चिह्न (Unique Identification Mark) (सीजीएसटी अधिनियम की धारा 2(116ए) के तहत परिभाषित) अंकित होगा और जिनके लिए इलेक्ट्रॉनिक भंडारण और पहुंच की आवश्यकता होगी।
ii. ऐसे माल का कारोबार करने वाले करदाताओं को इस धारा का पालन करना होगा, रिकॉर्ड रखना होगा और आवश्यकता पड़ने पर उसे प्रस्तुत करना होगा।
iii. धारा 122B के अनुसार, ऐसा न करने पर ऐसे करदाता को अधिनियम के अध्याय XV के अंतर्गत देय किसी अन्य जुर्माने के अतिरिक्त एक लाख रुपए या ऐसे माल पर देय कर के दस प्रतिशत के बराबर जुर्माना, जो भी अधिक हो, देना होगा ।
Track and Trace Mechanism
सुधार के लिए कर चोरी की आशंका वाले Goods के लिए ट्रैक और ट्रेस तंत्र (Track and Trace Mechanism) शुरू किया जाएगा।
हाल में जीएसटी काउंसिल की 55वीं मीटिंग 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर राजस्थान में आयोजित की गई थी, तथा कर चोरी रोकने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसे ट्रैक और ट्रेंस मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) के नाम से घोषित किया गया है। लेकिन इसके संबंध में क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी , यह अभी तक अधिसूचित नहीं है। जैसा की दुनिया के अन्य देशों में ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) को अपनाया गया है। उससे ही मिलता-जुलता ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) भारत में भी अपनाया जाएगा हम संक्षिप्त में विदेश में प्रयोग किया जा रहे हैं ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म के संबंध में संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार कर रहे हैं।
1. ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म (Track and Trace Mechanism) के लिए नए प्रावधान को शामिल करना-
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में धारा 148Aके माध्यम से एक सक्षम प्रावधान को शामिल करना ताकि सरकार को निर्दिष्ट चोरी की संभावना वाली वस्तुओं के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म (Track and Trace Mechanism) को लागू करने का अधिकार मिल सके।
यह प्रणाली एक विशिष्ट पहचान चिह्न (Unique Identification Mark) पर आधारित होगी, जिसे उक्त वस्तुओं या उनके पैकेजों पर चिपकाया जाएगा। यह ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा और आपूर्ति श्रृंखला में निर्दिष्ट वस्तुओं का पता लगाने के लिए तंत्र के कार्यान्वयन में मदद करेगा।
ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म(Track and Trace Mechanism) क्या है ?
क्योंकि अभी तक भारत में कहीं भी इस तरह का कोई सिस्टम नहीं है ,जीएसटी विभाग एक सिस्टम पर कार्य कर रहा है ,वर्तमान में कुछ वस्तुओं पर इस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगाया किया जा रहा है।(शायद मादक पदार्थ, बीड़ी सिगरेट, और पान गुटका आदि)जिसके लिए जीएसटी विभाग ने विदेश से इस विषय में सिस्टम बनाने के लिए मदद ली है तथा अपने अनुसंधान शाखा और पोर्टल में परिवर्तन कर रहे हैं, कि वह इस सिस्टम को स्वीकार कर सके ।अभी तक इस सिस्टम के लिए कोई लिटरेचर या प्रयोग उपलब्ध नहीं है ,हम यहां पर यूरोपियन कंट्री में ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) को आधार मानते हुए इसका उल्लेख कर रहे हैं।
उदाहरण –
यदि एक मैन्युफैक्चरर स्पोर्ट्स गुड्स की मैन्युफैक्चरिंग करता है ।जीएसटी विभाग स्पोर्ट्स गुड्स पर ट्रैक एंड ट्रेस मेकैनिज्म(Track and Trace Mechanism) लागू करता है।तो उस स्थिति में उस मैन्युफैक्चर को निम्न प्रक्रिया का पालन करना होगा –
मैन्युफैक्चरर/निर्माता यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्क (Unique Identification Mark /UIM) यह ID जीएसटी विभाग द्वारा जारी की जाएगी, जिसके लिए निर्माता को निम्नलिखित तथ्यों को घोषित करना होगा-
A माल का विवरण।
B माल के निर्माण का स्थान ।
C माल के संबंध में मशीनरी का प्रयोग ।
D रिटेल मार्केट का विवरण ।
E यदि माल इंपोर्ट किया गया है तो उसका विवरण ।
उपरोक्त विवरण को निर्माता द्वारा जीएसटी विभाग को सूचित करना होगा उसके पश्चात निर्माता उस माल को
↓
थोक विक्रेता
↓
डिस्ट्रीब्यूटर
↓
रिटेलर
उपरोक्त सारी प्रक्रिया को जीएसटी विभाग द्वारा रिकॉर्ड किया जाएगा जब तक माल रिटेलर के पास पहुंचेगा ।यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि जिस प्रकार से फ्लिपकार्ट ,अमेजॉन आदि ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा या पोस्ट /कोरियर कंपनियों द्वारा माल के पहुंचने के संबंध में सभी रिकार्ड को ट्रेकिंग के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है, कि उक्त माल इस समय कहां पर है ।इसी प्रकार जीएसटी विभाग इस ट्रैक और ट्रेंस मेकैनिज्म(Track and Trace Mechanism)पर कार्य कर रहा है।
ट्रैक और ट्रेस मेकैनिज्म (Track and Trace Mechanism) से लाभ –
ऑनलाइन डाटा होने के कारण जीएसटी के प्राधिकारी राजस्व के नुकसान को बचाने में कामयाब होगे।
सरकार भी अवैध रूप से माल की आवाजाही औरअवैध बिक्री पर रोक लगाने में कामयाब होगी। और सबसे अधिक लाभ उपभोक्ता को होगा, क्योंकि वह खरीद रहे हैं माल के संबंध में सभी जानकारी से लाभ ले सकेगा जैसे माल का निर्माण कहां हुआ है, किस तारीख को हुआ है आदि।
निष्कर्ष –
यह है कि जीएसटी की 55वीं मीटिंग 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर राजस्थान में आयोजित की गई थी। जिसमें ट्रैक एंड ट्रेस मेकैनिज्म पर चर्चा हुई थी। तथा सरकार से सिफारिश की गई थी, कि इस विषय को जीएसटी अधिनियम में इसका प्रावधान किया जाए ।जिसका वर्तमान बजट 2025 में एक नई धारा 148 A तथा धारा 122 बी के रूप में इस प्रस्तावित किया गया है ।इसके विषय में नियम और इसका तंत्र बाद में जीएसटी विभाग द्वारा घोषित किया जाएगा। जो लगभग e इन्वॉइसिंग और ई वे बिल की तरीके से ही चिन्हित वस्तुओं पर इसे लागू किया जाना प्रस्तावित है?
*****
डिस्क्लेमर – यह लेखक के निजी विचार है ।जो बजट 2025 तथा मीडिया, प्रिंट मीडिया से उपलब्ध सामग्री के आधार पर तैयार किया गया है । किसी त्रुटि के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं हैं।