जीएसटी के एससीएन(SCN) और ऑर्डर(ORDER) की जांच कैसे करें?
जीएसटी एक्ट 2017 के अंतर्गत जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और आदेशों की वैधता की पुष्टि करना। कर अनुपालन के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आर्टिकल इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने के महत्व को बताता हैI तथा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के आवश्यक पहलुओं पर ध्यान आकर्षित करता है।
कारण बताओ नोटिस(SCN )और आदेश (ORDER) की वैधता को सत्यापित करने की क्या आवश्यकता है-
- मूल्यांकन कार्यवाही की अमान्य साबित करने के लिए किसी भी नोटिस, आदेश या संचार की अप्रभावी सेवा पर निर्णय के प्रारंभिक चरण में सवाल उठाया जाना चाहिए।
- मूल्यांकन कार्यवाही को तब अवैध नहीं माना जाएगा। जब-
- करदाता ने किसी निश्चित नोटिस, आदेश या संचार पर कार्रवाई की है,
या
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- उक्त नोटिस, आदेश या संचार के संबंध में सेवा को पूर्व में शुरू की गई, जारी रखी गई या अंतिम रूप दी गई कार्यवाही में प्रश्नगत नहीं किया गया है।
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 160(2) में प्रावधान –
1. जीएसटी के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने की समय सीमा
धारा 73 से संबंधित मामले के लिए: धोखाधड़ी या जानबूझकर गलत बयान देने या तथ्यों को छिपाने से अलग संबंधित मामले ।
- धारा 73 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस, आदेश जारी करने के लिए निर्धारित समय सीमा से कम से कम 3 महीने पहले जारी किया जाएगा।
- जीएसटी कार्यालय को संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तिथि या गलत रिफंड की तिथि, जो भी बाद में हो, से तीन वर्ष के भीतर सेक्शन 73 के अंतर्गत आदेश पारित करना होता है।
- वित्तीय वर्ष 2020 -21 के लिए धारा 73 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस से संबंधित आदेश जारी करने के अनुसार निर्धारित की गई है।
आदेश जारी करने की समय सीमा क्या है I | एस.सी.एन. जारी करने की समय सीमा क्या है? |
F-Y 2020-21 अंतिम तिथि 31.12.2021 से बढ़कर 28.02.2022 की गई है। इस संबंध में अधिसूचना संख्या 40/2021-केंद्रीय कर दिनांक 29.12.2021 जारी की गई है।नियम 80(1A) | 26 November 2024 |
जीएसटी एक्ट में प्रावधान:
- धारा 73(2)
- धारा 73(10)
धारा 74 से संबंधित मामले के लिए – फर्जी गतिविधियों या जानबूझकर गलत बयान या तथ्यों को दबाने से संबंधित मामले
धारा 74 के अंतर्गत कारण बताओं नोटिस (SCN)आदेश जारी करने के लिए उल्लिखित समय सीमा से कम से कम 6 माह पूर्व जारी किया जाएगा।
- जीएसटी कार्यालय को धारा 74 के अंतर्गत संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तिथि से पांच वर्ष के भीतर या त्रुटिपूर्ण रिफंड की तिथि से तीन वर्ष के भीतर, जो भी बाद में हो, आदेश जारी करना अनिवार्य है।
जीएसटी एक्ट में प्रावधान:
-
- धारा 74(2)
- धारा 74(10)
2. आदेशों, नोटिसों और प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता का प्रमाण पत्र –
1. जीएसटी नियम 26(3) के अंतर्गत सभी नोटिस, प्रमाण पत्र और आदेश इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जारी किए जाएंगे:
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- डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र, या
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) के प्रावधान के अंतर्गत निर्दिष्ट ई-हस्ताक्षर के माध्यम से, या
- बोर्ड द्वारा अधिसूचित हस्ताक्षर या सत्यापन का कोई अन्य तरीका।
2. केस लॉ संदर्भ:रेलसिस इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम अपर आयुक्त सीजीएसटी (अपील-II) 2022 (65) जीएसटीएल 159 (दिल्ली)
3. कारण बताओनोटिस (SCN)आदेश जारी किया जाना चाहिए, साथ ही फॉर्म डीआरसी-01 और डीआरसी-07 में सारांश भी जारी किया जाना चाहिए-
1. नियम 142(1)(ए) के अंतर्गत, प्रॉपर अधिकारी को नोटिस के साथ फॉर्म GST DRC 01 का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से नोटिस का सारांश प्रस्तुत करना आवश्यक है।
2. नियम 142(5) के अनुसार, फॉर्म जीएसटी डीआरसी-07 में आदेश के सारांश को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड करना अनिवार्य है।जिसमें निर्धारित कर, ब्याज और जुर्माने की राशि निर्दिष्ट की गई है।
3. केस लॉ संदर्भ:
A. मेसर्स श्याम बाबा एडिबल ऑयल बनाम मुख्य आयुक्त WP संख्या 16131/2020 दिनांक 19/11/2020।
B. श्री टायर्स बनाम राज्य कर अधिकारी (मद्रास उच्च न्यायालय) WP संख्या 19756/2021 दिनांक 21/09/2021।
4. दस्तावेज़ पहचान संख्या (डीआईएन) का निर्माण और निर्दिष्ट करना -बोर्ड के परिपत्र संख्या 122/41/2019-जीएसटी में यह प्रावधान है। कि 5 नवंबर 2019 से बोर्ड के अधीन कोई भी अधिकारी किसी करदाता या किसी अन्य व्यक्ति को पूछताछ के दौरान कोई तलाशी प्राधिकरण, सम्मन, गिरफ्तारी ज्ञापन, निरीक्षण नोटिस या पत्र जारी नहीं करेगा, ऐसे संचार में कंप्यूटर द्वारा तैयार किए गए।डॉक्यूमेंट पहचान संख्या (DIN) से जारी किया जाना चाहिए।इसलिए, अधिकारियों को प्रत्येक पत्र-व्यवहार में DIN नंबर अवश्य उल्लेखित करना चाहिए।
5. आदेश कारण बताओ नोटिस के अनुरूप होना चाहिए-
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 75(7) के अनुसार: आदेश में कर, ब्याज और जुर्माने की राशि की मांग नहीं की जानी चाहिए जो नोटिस में निर्दिष्ट राशि से अधिक हो।इसके अतिरिक्त, किसी भी मांग की पुष्टि केवल नोटिस में निर्दिष्ट आधारों पर ही आधारित होनी चाहिए।
6. सुनवाई दिए जाने का अवसर-
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 75(4) के अनुसार, सुनवाई का अवसर निम्नानुसार प्रदान किया जाएगा: जहां कर या जुर्माना लगाए गए व्यक्ति से लिखित रूप में अनुरोध प्राप्त किया जाता है,
या
जहां ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कोई प्रतिकूल निर्णय अपेक्षित हो।
7. नॉन-स्पीकिंग ऑर्डर–
1. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 75(6) के अनुसार, प्रॉपर अधिकारी द्वारा जारी आदेश में प्रासंगिक तथ्य और उसके निर्णय का आधार निर्धारित किया जाएगा।
2. जारी किया गया आदेश एक स्पष्ट आदेश होना चाहिए जिसमें कर, ब्याज और जुर्माना लगाने का आधार शामिल हो।
निष्कर्ष : सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (SCN) और आदेशों (ORDER)की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है। समय की पाबंदी और कानूनी प्रावधानों के पालन से लेकर प्रामाणिकता और नियमानुसार की पुष्टि करने तक, कर-संबंधी प्रक्रियाओं के लिए एक ठोस दृष्टिकोण के लिए इन की पूरी समझ आवश्यक है।यह गहन परीक्षण, कराधान के जटिल क्षेत्र से निपटने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने और वैधानिक नियमों के अनुपालन के लिए व्यवसायऔर टैक्स प्रोफेशनल के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है।
यह लेखक के निजी विचार है।