Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

आयकर विवरणी फ़ार्म के सरलीकरण की मांग और छूटों के विस्तार से संबंधित विवाद पर विचार किया जा रहा है। इस लेख में इस विषय पर चर्चा की गई है। व्यक्तिगत, प्रोप्राइटर एवं पार्टनरशिप जो कि छोटे व्यापारी होते हैं, वेतनभोगी कर्मचारी, पेंशनर्स, रिटायर्ड अधिकारी या फिर जिनकी आय अपनी जमा पूंजी निवेश या जमीन जायदाद के माध्यम से होती है, ऐसे करदाताओं के लिए सरकार ने जो आयकर विवरणी के फ़ार्म जारी किए हैं – वे निम्नलिखित है:

आईटीआर १-

४ पन्ने का

आईटीआर २-

३५ पन्ने का

आईटीआर ३-

६१ पन्ने का

आईटीआर ४-

७ पन्ने का

आईटीआर ५-

५८ पन्ने का

अब आप ही बताइए क्या यह सरलीकरण है या न्यायसंगत है? जब आपके पास करदाता का पैन आधार है और सारी आय की सूचना है तो फिर इतने लंबे फ़ार्म क्यों? इतनी सूचना मांगने की आखिर क्या आवश्यकता?

Income Tax Return

और तो और अब नये विवरणी जो कि वर्ष २०२३-२४ के लिए मार्च २३ के बाद भरें जाएंगे, उसमें और ज्यादा सूचना मांगी गई है:

१. करदाता को अब रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख भी कालम में दर्शानी होगी.

२. आनलाइन गेम से हुई आय को अलग से अन्य स्त्रोतों के हेड में दर्शाना होगा.

३. डेप्रिसिएशन केरी फारवर्ड और एडजस्टमेंट को भी अलग से दर्शाना होगा.

४. पचास करोड़ रुपए से ऊपर के रिफंड के केस में करदाता को लीगल एंटटी आइडेंटीफायर नंबर देना पड़ेगा.

५. राजनीतिक पार्टियों को दिए गए चंदे को अलग से धारा ८० जीजीसी के अंतर्गत विवरण देना होगा.

६. एक नया कालम अब जोड़ा गया है जिसमें कैश में मिलें पैसे को दर्शाना होगा और बताना होगा कि इससे आपका टर्नओवर कितना बढ़ रहा है.

७. स्टार्ट अप की छूट हेतु धारा ८० आईएसी और धारा ८० एलए के कालम आयकर विवरणी ५ एवं ६ में जोड़ें गए हैं.

८. डिविडेंड आय के लिए और अधिक कालम जोड़ें गए हैं ताकि विभिन्न स्त्रोतों से आए डिविडेंड को दर्शाया जा सकें.

९. इम्प्लाइज स्टाक आप्शन के विवरण के लिए पैन और डीपीआईआईटी रजिस्ट्रेशन दर्शानें के कालम जोड़ें गए हैं.

१०. अब व्यक्तिगत और एचयूएफ करदाता के केस में आडिट होने पर आयकर विवरणी का सत्यापन डिजिटल हस्ताक्षर के साथ अब आधार वैरिफिकेशन कोड से भी किया जा सकता है.

११. अब आपको अधिक विवरण देना होगा कि क्यों आपके द्वारा टैक्स आडिट करवाया जा रहा है.

१२. अब अन्य स्त्रोतों की आय में व्यापारिक ट्रस्ट द्वारा मिली आय को अलग से दिखाना होगा.

१३. करदाता को अब अपने सारे एक्टिव बैंक खातों का विवरण देना होगा.

१४. कैपिटल गेन खाते में जमा किए गए पैसे का और अधिक विवरण अब देना होगा.

१५. अग्निवीर कोरपस फंड में दिए गए पैसे की छूट हेतु धारा ८० सीसीएच का नया कालम जोड़ा गया है.

१६. धारा ८० यू के तहत विकलांगता पर छूट ली जाती है, अब इसे और अधिक व्यापक बना दिया गया है जिसमें अब ज्यादा विवरण भरने होंगे.

१७. इसी तरह धारा ८० डीडी के अंतर्गत अपने पर निर्भर रिश्तेदार के ईलाज की छूट ली जाती है, अब इसमें और अधिक विवरण देना होगा.

कहने का मतलब साफ है कि अब हर छूट, हर ख़र्च और हर आय का और अधिक विवरण करदाता को देना होगा तो फिर सरकार के पास करदाता की हर सूचना होने के दावे खोखले हैं.

होना तो यह चाहिए कि आयकर विवरणी फ़ार्म मात्र दो पन्ने का हो और करदाता द्वारा विभिन्न मदों के अंतर्गत सार में अपनी आय दर्शायी जाएं.

छूटें देने के लिए इतने अधिक विवरण मांगने की बजाय छूटें हटा ली जाए तो ज्यादा बेहतर होगा.

सरकार और आयकर विभाग सही मायनों में सरलीकरण को अपनाएं तभी आयकर दाता सहज महसूस करेगा और टैक्स कलेक्शन सही मायनों में जीडीपी में अपना हिस्सा बढ़ाएगा.

Sponsored

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Search Post by Date
July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031