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रविवार को सुबह तैयार होकर नाश्ता कर रहा था। पत्नी भव्या ने बातचीत करते हुए कहा कि जब से जीएसटी लागू हुआ है, तब से व्यापारी हो या टैक्स प्रोफेशनल दोनों की परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं। उपर से ये कोरोना ने ‘कोढ़ में खाज‘‘ का काम किया है। भव्या बोली, एक बार मोदी जी को इस बारे में लिखो कि वो जरूर इस समस्या का कुछ ना कुछ समाधान करेंगे। टीवी ऑन करते हुए मैंने कहा कि देश के जाने-माने टैक्स प्रोफेशनलों ने मोदी जी केा चिट्ठी लिखी है। टीवी ऑन होते ही न्यूज चैनल चालू हुआ। उसमें मोदी जी ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम शुरू हो चुका था। कार्यक्रम में मोदी जी ने कहा कि आज मैं देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने वाले उन भाइयों और बहिनों की बात करूंगा, जिनके कारण अर्थव्यवस्था का पहिया केवल चला ही नहीं, बल्कि दौड़ा है। मोदी जी व्यापारियों की बात कर रहे थे। उनकी समस्याओं कौर समाधान के लिए आज का ‘‘मन की बात‘‘ का कार्यक्रम रखा गया था। जैसे ही मोदी जी ने कहा कि हमने व्यापारियों को कई तरह के टैक्स से मुक्ति के लिए जीएसटी लागू किया। अब करदाता को केवल एक टैक्स चुकाना पड़ता है। मैं चाय का कप लेकर टीवी स्क्रीन के आगे आ गया। मोदी जी कह रहे थे कि देश के विभिन्न हिस्सों से जीएसटी सुधार के लिए पत्र आए थे। उन्हीं पत्रों में से राजस्थान के सी ए सुधीर हालाखण्डी ने बहुत अच्छे सुझाव भेजे हैं। उन्हीं सुझावों को आधार मानते हुए हम जीएसटी की समस्याओं का ऑप्रेशन करते हैं ताकि मेरे व्यापारी भाइयों को बहिनों का दुःख दूर हो सके। मैंने जीएसटी का ऑप्रेशन इसलिए कहा, क्योंकि राजस्थान के ही एक एडवोकेट हैं अभिषेक कालड़ा, जिन्होंने मुझे ‘‘ऑप्रेशन जीएसटी का‘‘ के नाम से पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने ऐसी बात लिखी कि जो मुझे अंदर तक झकझोर कर रख गई कि व्यापारी और टैक्स प्रोफेशनल इतने परेशान हैं। जैसे ही मैंने अपना नाम मोदी जी के मुख से सुना, मेरी बांछे खिल गई। मोदी जी ने कहा कि 1 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2021 तक की जीएसटी की सभी रिर्टनों रिवाइज करने का प्रावधान दिया जाता है। आजतक की किसी प्रकार की जीएसटी पैनल्टी को करदाता को वापिस की जाती है। रिवर्स टैक्स को 1 जुलाई 2017 की बजाए 1 अप्रेल 2021 से लागू किया जाता है। सभी वस्तुओं पर एक समान दर 15 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। मन की बात का कार्यक्रम सुन रहा था। बीच-बीच में पत्नी की आवाज आ रही थी कि उठ जाओ, उठ जाओ। मैं

कह रहा था कि बस थोड़ी देर और आज सारी चिंताएं खत्म। पत्नी बोली ऐसा क्या देख रहे हो, जो आज सारी चिंताएं खत्म हो जाएंगी। सुबह के 9 बजे चुके हैं। अभी तक सोकर उठे नहीं। मैं एकदम चोंककर उठा, देखा ना तो टीवी ऑन है और ना ही कोई ‘‘मन की बात‘‘ का कार्यक्रम चल रहा था। एक मिनट के लिए सोचने लगा सपने में ‘‘मन की बात‘‘ किसकी थी। मोदी जी की या मेरी

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