देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी जी के नाम एक खत
देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी बड़े जोर शोर से लागु किया गया ! देश के प्रधानमंत्री जी द्वारा रात को 12 बजे घंटा बजाकर कर समस्या सुधार के लिए जीएसटी का स्वागत किया पर शायद प्रधानमंत्री जी को यह ज्ञात नहीं था की जीएसटी समस्या सुधार नहीं बल्कि समस्याओं की वो जड़ बन जायेगा ! आज आम करदाताओं ही नहीं बल्कि टैक्स प्रोफेशनलों के जीवन की खुशियां खत्म करने वाला बन गया है ! हर रोज इतने नोटिफिकेशन और सर्कुलर को याद करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुनकिन है ! सितम्बर 2017 में मैंने जीएसटी समस्याओं पर “पल्ले नहीं देल्ला करदी है मेला मेला” और “टैक्स प्रणाली पर शनि की वक्रदृष्टि” नामक लेख लिखे थे जो आज भी सही प्रतीत होते नजर आ रहे है ! हालॉंकि मैं आपका धन्याद भी करता हूँ की आपने ट्वीटर पर देश के बहुत से टैक्स प्रोफेशनलों द्वारा दिए गए सुझावों को सही माना और जीएसटी में कई सुधार भी किये ! अब वित्त मंत्रालय द्वारा पोर्टल का विकास करके देश के विकास में मिल का पत्थर रखा है ! देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंदर मोदी जी आपको एक छोटी सी कहानी बताता हूँ !
एक बार अकबर ने बीरबल से पूछाः “तुम्हारे भगवान और हमारे खुदा में बहुत फर्क है। हमारा खुदा तो अपना पैगम्बर भेजता है जबकि तुम्हारा भगवान बार-बार आता है। यह ईश्वर का बार बार अवतार लेना, ये क्या बात हुई ?”
बीरबल जोकि एक ज्ञानी हिन्दू था: “जहाँपनाह ! इस बात का कभी व्यवहारिक तौर पर अनुभव करवा दूँगा। आप जरा थोड़े दिनों की मोहलत दीजिए।”
चार-पाँच दिन बीत गये। बीरबल ने एक आयोजन किया। अकबर को यमुनाजी में नौकाविहार कराने ले गये। कुछ नावों की व्यवस्था पहले से ही करवा दी थी। उस समय यमुनाजी छिछली न थीं। उनमें अथाह जल था।
बीरबल ने एक युक्ति की कि जिस नाव में अकबर बैठा था, उसी नाव में एक दासी को अकबर के नवजात शिशु के साथ बैठा दिया गया। सचमुच में वह नवजात शिशु नहीं था। मोम का बालक पुतला बनाकर उसे राजसी वस्त्र पहनाये गये थे ताकि वह अकबर का बेटा लगे। दासी को सब कुछ सिखा दिया गया था।
नाव जब बीच मझधार में पहुँची और हिलने लगी तब ‘अरे…. रे… रे…. ओ…. ओ…..’ कहकर दासी ने स्त्री चरित्र करके बच्चे को पानी में गिरा दिया और रोने बिलखने लगी।
अपने बालक को बचाने-खोजने के लिए अकबर धड़ाम से यमुना में कूद पड़ा। खूब इधर-उधर गोते मारकर, बड़ी मुश्किल से उसने बच्चे को पानी में से निकाला। वह बच्चा तो क्या था मोम का पुतला था।
अकबर कहने लगाः “बीरबल ! यह सारी शरारत तुम्हारी है। तुमने मेरी बेइज्जती करवाने के लिए ही ऐसा किया।”
बीरबलः “जहाँपनाह ! आपकी बेइज्जती के लिए नहीं, बल्कि आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए ऐसा ही किया गया था। आप इसे अपना शिशु समझकर नदी में कूद पड़े। उस समय आपको पता तो था ही इन सब नावों में कई तैराक बैठे थे, नाविक भी बैठे थे और हम भी तो थे ! आपने हमको आदेश क्यों नहीं दिया ? हम कूदकरआपके बेटे की रक्षा करते !”
अकबरः “बीरबल ! यदि अपना बेटा डूबता हो तो अपने मंत्रियों को या तैराकों को कहने की फुरसत कहाँ रहती है? खुद ही कूदा जाता है।”
बीरबलः “जैसे अपने बेटे की रक्षा के लिए आप खुद कूद पड़े, ऐसे ही हमारे भगवान जब अपने बालकों को संसार एवं संसार की मुसीबतों में डूबता हुआ देखते हैं तो वे किसी ऐैरे गैरों को नहीं भेजते, वरन् खुद ही प्रगट होते हैं। वे अपने बेटों की,धर्म की रक्षा के लिए आप ही अवतार ग्रहण करते है और संसार को धर्म, आनंद तथा प्रेम के प्रसाद से धन्य करते हैं।
जहाँपनाह आपके उस दिन के सवाल का यही जवाब है।
मोदी जी जब बीमारी छोटी हो तो गोली या मरहम पट्टी और बड़ी हो तो ऑप्रेशन किया जाता है ! अब जीएसटी कोई नोटिफिकेशन और सर्कलर से ठीक नहीं होने वाला, अब उसके ऑप्रेशन का समय आ गया है ! मोदी जी ऊपर की कहानी से आपने भी येही मर्म जाना होगा की जब देश की जनता डूब रही हो तो स्वयं आपको ही आगे आना होगा क्योकि आप जैसा सुलझा हुआ, देश प्रेमी, दूरदर्शी सोचवाला ही इस ऑप्रेशन को कर सकता है ! और देश की जनता को डूबने से बचा सकता है ! मोदी जी आप इस ऑप्रेशन में ज्यादा देरी न कीजिये कहीं बीमारी नासूर न बन जाये और देश की जनता को बहुत बड़ी क़ुरबानी देनी पड़े ! मोदी जी आप इस ऑप्रेशन में ऐसे टैक्स प्रोफेशनल को जरूर शामिल करना जो स्वयं जीएसटी की रिटर्न भरता हो ताकि वह आपको जीएसटी की वास्तविक समस्याओं से अवगत करवा सकें ! मोदी जी 15 अगस्त 1947 को देश अंगेजों से आजाद हुआ था इस बार आप 15 अगस्त को देश को जीएसटी की समस्याओं से आजाद करवा देवें ! आपकी और उम्मीद से देखते हुए टैक्स प्रोफेशनलों मेसे एक टैक्स प्रोफेशनल.
एडवोकेट अभिषेक 94140 -78609
Lekin Modiji ke hisab se to GST me koi kami nahi h unhone to kaha h ki GST se log khus h to vo bhala jo GST ko bimar hi nahi samajhta vo Ilaj kya karega. PMO ka Tweet on 13th, August 2020
जहां Complexity होती है, वहां Compliance भी मुश्किल होता है।
कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी।
बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है।
अब जैसे, दर्जनों taxes की जगह GST आ गया: PM
@narendramodi
#HonoringTheHonest
Translate Tweet
11:22 AM · Aug 13, 2020·
Dear Sir,
GST can be made Good & Simple tax by having three rates 0%, 5% and 15% without Input Tax credit. 15% GST for Luxury goods out of reach of Aam Admi. This will make life of every one easy including Govt. Officers.
Greetings!
First Time I have ever seen someone is posting in our Indian Language.
Goood Job Sir Ji