वित्तीय वर्ष २०२२-२३ अपने आखिरी पड़ाव पर है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों ( मार्च २०२३ ) मे एवं अगले वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ मे ( अप्रैल २०२३) कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है ताकि हमे बाद मे दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े ।
जीएसटी अब स्थायी रूप ले रहा है । फिर भी आए दिन इसके नियमों मे परिवर्तन होते रहते हैं , जो की कई बार हमारे ध्यान मे नहीं आते इसलिए वर्ष के अंत मे इन सबका ध्यान रख कर हमे जो भी सुधार करना है ,या अनुपालन मे कोई कमी रह गयी हो तो उसे ठीक कर लेना चाहिए ।
आपकी सुविधा के लिए मैंने यंहा कुछ जरूरी बातों का उल्लेख किया है जो की मार्च २३ / अप्रैल २३ मे करना जरूरी है :
1. ई-इन्वोइसिंग : जिसका टर्नओवर किसी भी पिछले वित्तीय वर्ष (जीएसटी आने के बाद) मे १० करोड़ से अधिक है उसको १ ओक्टोबर २०२२ से ई इन्वोइसिंग लागू हो गयी है । इसलिए आप अपने पिछले वर्षों का टर्नओवर चेक कर लीजिये , अगर वह १० करोड़ से अधिक हुआ है तो आपको ई-इन्वोइसिंग १ अप्रैल से लागू हो जाएंगी । इसके लिए आपको अपना अकाउंटिंग सॉफ्टवेर अपडेट करना होंगा एवं ट्राइल रन कर लेना चाहिए। अगर आपको ई-इन्वोइसिंग लागू है फिर भी आपने ई-इन्वोइस नहीं बनाया तो आपके ग्राहक को इसका क्रेडिट नहीं मिलेंगा ।
2. कंपोज़ीशन स्कीम मे जाना ,रहना या बाहर निकलना : छोटे व्यापारियों ( १.५ करोड़ टर्नओवर तक ) के लिए कंपोज़ीशन स्कीम एक अच्छा पर्याय है । आपके व्यापार की आवश्यकता अनुसार आपको यह निर्णय ३१ मार्च के पहले अगले वित्तीय वर्ष के लिए लेना होंगा ।
3. QRMP स्कीम मे रहना या नहीं : “त्रैमासिक रिटर्न एवं मासिक भुगतान” यह अनुपालन की दृष्टि से सहूलियत सरकार ने लायी है । ५ करोड़ तक के टर्नओवर तक हि इस सहूलियत का लाभ ले सकते हैं । ३० अप्रैल तक आपको इसका निर्णय लेना होंगा ।
4. निर्यात के लिए LUT आवेदन : बिना जीएसटी लगाए निर्यात करने के लिए एलयूटी आवेदन ३१ मार्च के पहले करना जरूरी है ।
5. जीएसटी रिफ़ंड : वर्ष २०२०-२०२१ के लिए रिफ़ंड लेने की अंतिम तिथि ३१ मार्च २०२३ है ।
6. रिर्वस चार्ज पर जीएसटी : वर्ष २०२२-२३ मे जिन आपूर्तियों पर हमे रिर्वस चार्ज मे जीएसटी भर्ना पड़ता है – उदाहरण के लिए ट्रांसपोर्ट , सेक्युर्टी इत्यादि वो चेक कर ३१ मार्च तक भर देना चाहिए ताकि हमे इसकी क्रेडिट मिल जाये और अनुपालन भी हो जाये । इसके अलावा रेवेर्स चार्ज के सेल्फ इन्वोइस भी बनाना जरूरी है ।
7. इन्वोइस नंबर सिरीज़ : आप 1 अप्रैल से इन्वोइस की नयी सिरीज़ शुरू कर सकते हैं ।
8. बिक्री का मिलान : आपकी बिक्री का निम्न ५ स्थानो पर खुलासा होता है – जीएसटीआर1 , जीएसटीआर 3B , अकाउंट बुक्स , बैलेन्स शीट एवं ई-वे बिल्ल्स । वर्ष के अंत मे हमे देख लेना चाहिए की इन सभी जगह यह समान रहे । अगर रिटर्न्स मे सुधार करना पड़े तो कर के उसका रेकॉर्ड रख ले ।
9. जीएसटीआर 2ए,2बी एवं खरीदी बिल्ल्स का मिलान : हालांकि ये एक नियमित प्रक्रिया होना चाहिए फिर भी वर्ष के अंत मे इसका जरूर से मिलान करे एवं अगर कोई खरीदी बिल 2ए ,2बी मे नहीं दिखता है तो सपलायर से बात करे एवं इसका कारण जानकार सुधार करवाएँ ।
10. आई टी सी का रेवर्सल : अगर हमने खरीद का भुगतान १८० दिन मे नहीं किया है तो आई टी सी का रेवर्सल करना होंगा अन्यथा हमे खरीदी तारीख से ब्याज भर्ना पड़ेंगा । अगर हमने कोई ब्लोक्क्ड या अनुचित क्रेडिट ली है तो उसका भी रेवर्सल कर लेना चाहिए।
11. जॉब वर्क : यह सुनिश्चित कर ले की जॉब वर्क पर भेजा गया माल १ वर्ष के अंदर या कैपिटल गूड्स ३ वर्षों के अंदर वापस आ गया है अन्यथा उसे भेजे गयी तारीख से बिक्री पकड़ लिया जाएंगा एवं कर व ब्याज भर्ना पड़ेंगा । ये भी सुनिश्चित कर ले की जॉब वर्क पर भेजे गए माल का आई टी सी – 04 रिटर्न भरा गया है की नहीं अन्यथा फ़ाइल कर दे । अगर टर्नओवर 5 करोड़ के अंदर है तो आई टी सी – 04 सालाना भर्ना है अन्यथा हर छेमाही मे भर्ना होंगा ।
12. अप्रूवल पर भेजा गया माल : अगर कोई माल अप्रूवल पर भेजा गया है तो वह 6 माह के अंदर वापस आ जाना चाहिए या फिर उसका बिक्री का बिल बन जाना चाहिए अन्यथा उस पर भेजी गयी तारीख से ब्याज के साथ कर देना होंगा।
13. फ़िज़िकल स्टॉक : आपका फ़िज़िकल स्टॉक अकाउंट बुक्स के साथ मिलान होना चाहिए ।
14. एडवांस प्राप्तियाँ : यह सुनिश्चित कर ले की आपने सर्विसेस के लिए प्राप्त एडवांस पर जीएसटी भरा है की नहीं । एवं ये भी देख ले की पिछले वर्ष का एडवांस इस वर्ष बिक्री बिल के विरुद्ध समायोजित हुआ है की नहीं ।
वित्तीय वर्ष के अंत मे अगर हम इन बातों का ध्यान रखेंगे तो हमे भविष्य मे कठिनाई नहीं आएंगी एवं हम अपने वार्षिक रिटर्न्स सरलता से भर सकेंगे ।
आप सभी को नव वित्तीय वर्ष की अग्रिम शुभकामनायें !!!
संकलन : सी ए सतीश गिरधरलाल सारडा | मोबा .9822229601, ईमेल – [email protected]