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त्योहारी मौसम में महंगाई और बेरोजगारी की मार तो पहले से है, अब लोन का जाल फैलाया जा रहा है:

प्रचार के माध्यमों से जोर शोर से बताया जा रहा है कि दिवाली पर हर शहर में 200 से 300 करोड़ रुपये की बिक्री हो रही है, लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही बयान कर रहे हैं.

मार्केट में मंहगाई ने पैसे की तरलता को वैसे ही रोक रखा है और उससे पार पाने के लिए तरह तरह के लोन आफर देकर आम जनता को लोन के जाल में फंसाया जा रहा है.

मार्केट में बताया जा रहा है कि रोजगार बढ़ रहा है लेकिन असलियत यह है कि पिछले महीने अक्टूबर में देश में बेरोजगारी दर में फिर से बढ़ोतरी हुई. यह स्थिति तब है जब मासिक आधार पर अक्टूबर में शहरों में बेरोजगारी दर में 124 बेसिस प्वाइंट्स (1.24) फीसदी की गिरावट आई.

The debt trap spreads during the festive season

पिछले महीने गांवों में काम की कमी की चलते बेरोजगारी दर बढ़ी. गांवों में बेरोजगारी दर एकाएक 175 बेसिस प्वाइंट्स (1.75 फीसदी) बढ़ी.

बेरोजगारी से जुड़े ये आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने जारी किए हैं. इसके मुताबिक अक्टूबर में बेरोजगारी 7.75 फीसदी की दर से बढ़ी जबकि एक महीने पहले यह आंकड़ा 6.86 फीसदी था.

अक्टूबर में शहरों में बेरोजगारी बढ़ने की दर तीन महीने के निचले स्तर 7.38 फीसदी पर पहुंच गई जबकि गांवों में यह आंकड़ा चार महीने के ऊंचे स्तर 7.91 फीसदी पर पहुंच गई.

आंकड़ों में कितने लोगों के रोजगार गए, इसकी जानकारी नहीं मिली है लेकिन बेरोजगारी दर में उछाल का मतलब है कि पिछले महीने बड़ी संख्या में कई लोगों के पास कोई काम नहीं रहा.

अब खरीददारी के लिए लोग लोन का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इसमें सावधानी बरतना जरुरी है क्योंकि लोन के जाल में फंसकर दिवाली पर दिवाला न निकले, ध्यान देना होगा:

1. कर्ज लेते समय हमेशा सावधान रहना चाहिए, क्योंकि त्योहारों के दौरान लोग कर्ज लेकर अक्सर ज्यादा खर्च कर बैठते हैं.

2. त्योहारी सीजन में बैंक अपने ग्राहकों को कई तरह के स्पेशल लोन ऑफर करते हैं.

3. ज्यादातर लोग इस दौरान लोन लेना पसंद करते हैं, क्योंकि वे कम ब्याज दरों पर घर, कार, गहने आदि खरीदने के लिए पूरे साल सबसे अच्छे ऑफर का इंतजार करते हैं.

4. इसके अलावा, त्योहारी सीजन ही वह समय होता है जब बैंक प्रोसेसिंग फीस समेत कई तरह की छूट का ऐलान करते हैं.

5. किसी भी बैंक से लोन लेने से पहले आपको बैंक के नियम, शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए. इससे आप भविष्य में होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं.

6. कई फेस्टिव ऑफर्स में कई तरह की शर्तें होती हैं, जैसे- अच्छे क्रेडिट स्कोर का होना, ग्राहक का प्रोफेशन आदि. इसलिए इन ऑफर्स का फायदा कुछ लोग ही उठा पाते हैं.

7. इसके अलावा कई बार लोन के साथ कुछ छुपे चार्ज भी जुड़े होते हैं, ग्राहक को इससे भी सावधान रहना चाहिए.

8. इसके अलावा, रि-पेमेंट शेड्यूल और सभी तरह के शुल्कों के बारे में ठीक से समझ लेना चाहिए.

9. अलग-अलग बैंकों के त्योहारी लोन के ऑफर में अंतर होता है.

इसलिए किसी एक को चुनने से पहले आपको सभी बैंकों के ऑफर्स की आपस में तुलना कर लेनी चाहिए.

10. त्योहारी सीजन के दौरान बैंक होम लोन खरीदने वालों के लिए मुफ्त सोने के सिक्के और इसी तरह की अन्य चीजों की पेशकश करते हैं. इस तरह के लुभावने ऑफर्स में फंसने के बजाय आपको ब्याज दर, टेन्योर आदि पर ध्यान देना चाहिए.

11. साथ ही, ब्याज दरों पर ध्यान देते हुए अपनी रि-पेमेंट कैपिसिटी और फाइनेंशियल प्लानिंग के आधार पर सबसे सही लोन अरेंजमेंट का चयन कर सकते हैं.

12. ब्याज दर जितनी कम होगी, किस्त उतनी ही कम होगी जो आपको हर महीने चुकानी होगी.

13. अलग-अलग अवधियों के लिए ब्याज दरों की जांच करें और फिर निर्धारित करें कि आपके लिए सबसे उपयुक्त कौन सा है.

14. आपको अपनी जरूरत के अनुसार कर्ज लेना चाहिए. ज्यादा कर्ज लेकर आप मुश्किल में फंस सकते हैं. इसलिए अपनी परिस्थिति को समझते हुए फैसला करना हमेशा फायदेमंद होता है.

15. एक ही समय में कई लोन लेने से डिफॉल्ट की संभावना बढ़ जाती है, जो क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है और इससे आपको भविष्य में लोन मिलने में परेशानी हो सकती है.

आपको अपनी सभी आर्थिक जरूरतों के लिए एक लोन लेना चाहिए.

16. आपको यह समझना होगा कि लोन की जरूरत वास्तव में है या नहीं. केवल इसलिए आपको लोन नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसके साथ अच्छे ऑफर जुड़े हुए हैं, क्योंकि इसे आपको बाद में ब्याज के साथ चुकाना भी है.

इसलिए, लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी जरूरतों को समझ लेना चाहिए.

सरकार मंहगाई पर नियंत्रण कर पाएगी या नहीं, बेरोजगारी की समस्या हल कर पाएगी या नहीं, इसका जबाब तो शायद किसी के पास नहीं है- लेकिन पैसे की जरूरत के कारण लोन के जाल में न फंसते हुए अपनी वित्तीय जबाबदारी और समझदारी का परिचय देकर ही हम मंहगाई और बेरोजगारी से लड़ सकते हैं.

*लेखक एवं विचारक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर 9826144965*

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