देश और विदेश में बसें लगभग 3 लाख से ज्यादा सीए सेंट्रल और रीजनल काउंसिल के अपने अपने क्षेत्रों के सदस्यों को चुनेंगे जो संस्थान और सदस्यों की काबिलियत और नीति निर्धारण को सरकार और विश्व के समक्ष रखेंगे. पिछले 3-4 साल हमारे पेशे के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं क्योंकि इस दौरान न केवल […]
व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2019 जो केन्द्रीय केबिनेट ने 2019 में मंजूर किया था वो संसदीय समिति के समक्ष विचारर्थ था जिसे 22/11/2021 को बहुमत से पारित कर दिया गया है. इस तरह अब यह संसद के अगले सत्र में पेश होगा और पास होते ही यह कानूनी रूप ले लेगा. ये बिल भारतीय नागरिकों […]
आज के नये दौर में, नई तर्ज पर, नये और युवा निवेशक उभरती हुई टेक कंपनी में निवेश के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं. इनके लिए कंपनी के बिजनेस आइडिया, सोच और उसका बढ़ता मार्केट मायने रखता है और इसीलिए यह उन कंपनियों में भी खुल कर निवेश कर रहे हैं जो भले घाटे […]
क्या है आरबीआई की एकीकृत लोकपाल योजना और क्यों इसकी सबसे ज्यादा जरुरत है सहकारी क्षेत्र को: हाल में भी प्रधानमंत्री ने आरबीआई की एकीकृत लोकपाल योजना को आरंभ किया जो 12/11/2021 से ही लागू हो गई है. इसके तहत आरबीआई के अन्तर्गत आने वाले सभी संस्थान चाहे वो बैंक हो या एनबीएफसी या ही […]
कंपनी अधिनियम 2013 को संशोधनों के साथ लागू करने के पीछे मोदी सरकार का उद्देश्य साफ था कि कंपनियों की कार्यशैली में पारदर्शिता लाना और छोटे निवेशकों, शेयरधारकों और हितधारकों के प्रति जबाबदेही तय करना. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कंपनी कानून, 2013 के तहत प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनी के कुल निदेशकों में से एक-तिहाई […]
सरकारी बैंकों ने लगभग 90 लाख करोड़ रुपये के ऋण बांट रखे है, जिसमें से 20% यानि 18 लाख करोड़ रुपये डिफाल्ट में है. हालांकि सरकारी आंकड़े इसे लगभग 9 लाख करोड़ रुपये मान रहे हैं. यह स्थिति तब है जब बैंकों का पुनर्गठन हो चुका है, प्रोफेशनल मैनेजमेंट नियुक्त हो चुका है, दिवाला कानून […]
त्योहारी मौसम में महंगाई और बेरोजगारी की मार तो पहले से है, अब लोन का जाल फैलाया जा रहा है: प्रचार के माध्यमों से जोर शोर से बताया जा रहा है कि दिवाली पर हर शहर में 200 से 300 करोड़ रुपये की बिक्री हो रही है, लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही बयान कर […]
हाल में ही आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ( ओईसीडी) के 136 देशों ने हस्ताक्षर कर ग्लोबल मिनिमम कार्पोरेट टैक्स दर लगाने का रास्ता साफ कर दिया है. इसका सबसे बड़ा फायदा टैक्स हैवन देशों पर लगाम कसने का होगा जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को टैक्स की कम दरों के कारण अपने देश में आफिस खुलवाते […]
खाद्य पदार्थों, दवाईयों और अन्य जरुरी सामग्री के मंहगी होने के प्रमुख वजह मुनाफाखोरी ही है. उत्पादक और उपभोक्ता के बीच बिचोलियों का होना और ज्यादा मुनाफे की चाह ने अनैतिक मुनाफाखोरी, मिलावटखोरी और कालाबाजारी को जन्म दिया जिससे न केवल मंहगाई बढ़ी बल्कि आम व्यक्ति का जीवन मुश्किल कर दिया. उपरोक्त तथ्य से साफ […]
तेल के दामों में भारी उथल पुथल के बीच चीन के सबसे बड़ी रीयल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे जिस पर 305 अरब डॉलर का वैश्विक कर्ज है और लगभग पूरे विश्व में करीब 1400 प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, वह डिफाल्ट में आ गई है. चीनी अर्थव्यवस्था में इसका इतना प्रभाव है कि यदि चीन […]