बैंकिंग प्रणाली आने से पहले प्रचलित पैसे के लेनदेन – हवाला कारोबार के माध्यम से होता था. आज भी यह बैंकिंग प्रणाली से ज्यादा विश्वसनीय, कम खर्चीला, आसानी और समयबद्ध तरीके से निष्पादित किया जाता है.
और शायद यही कारण है कि हवाला के माध्यम से पैसे देश या विदेश के किसी भी कोने में भेजना या मंगाना बेहद आसान है और वो भी बिना किसी रिकॉर्ड रखें या पहचान बताए.
टैक्स चोरी केस और आयकर छापे आज मुख्यतः हवाला कारोबारी से मिली सूचना पर आधारित होते हैं. हवाला के माध्यम से आज सबसे ज्यादा प्रयोग ऊपरी कैश के लेनदेन में, प्रापर्टी की डीलिंग में, मनी लॉन्ड्रिंग में, ड्रग्स के मामलों में, गैर कानूनी संगठनों की वित्तीय सहायता में एवं अन्य समाज विरोधी गतिविधियों में प्रयोग होता है.
हवाला का मतलब होता है- इसके एवज में या इसके बदले. खासकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में यह धड़ल्ले से चल रहा है और इसलिए एशिया और अफ्रीकी देशों में ज्यादा प्रचलित हैं.
इस पर लगाम कैसे लगें, इसके लिए हमें पहले हवाला कारोबार के फलने फूलने के कारणों को समझना पड़ेगा:
1. आज भी हमारे देश में 50% जनता टेक्नोलॉजी, इंटरनेट, आवागमन के साधन और बिजली से महरूम है और ऐसे में पैसे का लेनदेन एक जगह से दूसरी जगह भेजना आसानी से, पूरे विश्वास और सुरक्षा से, कम खर्च में हवाला के माध्यम से हो रहा है.
2. इसमें पैसे को हिलाने की भी जरूरत नहीं पड़ती और न ही कोई एक्सचेंज की. सिर्फ जरूरत होती है सिर्फ 5 चीजों की- पैसे भेजने वाला, लेने वाला, भेजने वाला एजेंट, लेने वाला एजेंट और पासवर्ड.
3. खेल पासवर्ड का रहता है इसलिए पहचान बताने की कोई झंझट नहीं और न ही किसी तरह के रिकॉर्ड रखने की.
4. कैश का लेनदेन कितनी भी मात्रा में, किसी भी समय और कोई भी जगह से धड़ल्ले से किया जा सकता है और वो भी नामिनल कमीशन देकर.
5. सारा लेनदेन सभी प्रकार के कर दायरे से बाहर रहता है और व्यक्ति 30% का आयकर और 18% का जीएसटी मतलब लगभग 50% टैक्स की चोरी कर लेता है एवं पैसे बचा लेता है.
6. इसी तरह हवाला के माध्यम से लेनदेन कर व्यक्ति रिकॉर्ड नहीं रखता और कई अन्य कानूनों के अंतर्गत कड़े अनुपालन करने से बच जाता है.
इसमें कोई शक नहीं कि हवाला कारोबार देश के राजस्व, बैंकिंग प्रणाली और कानूनों को बड़ी चोट पहुचा रहा है, लेकिन इस पर लगाम कसने के यह तरीके हो सकते हैं जो न केवल देश का राजस्व बढ़ाने में मदद करेंगे बल्कि कानूनों का अनुपालन भी बढ़ाएंगे:
1. हवाला कारोबार का सबसे गंदा हिस्सा ड्रग्स, आतंकवाद और अनैतिक गतिविधियों में पैसे का उपयोग होना है, इसलिए इसमें संलिप्त व्यक्तियों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी कि हवाला का प्रयोग देश और समाज से गद्दारी में प्रयोग न हों.
2. साइबर सुरक्षा और सहुलियत के कड़े मापदंड तय हो ताकि आनलाइन लेनदेन करने से व्यक्ति घबराएँ नहीं और बिना डरें आनलाइन पेमेंट सिस्टम का उपयोग कर सकें.
3. व्यापार करने में आसानी- यह सिर्फ प्रचार प्रसार का स्लोगन न रहकर, जमीनी स्तर पर सरकार को लागू करना होगा. अनुपालनों को कम करते हुए सरकार को कोशिश करनी होगी की जो काम आनलाइन पोर्टल पर नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए आफलाइन सुविधा भी उपलब्ध हो- जिससे वह कार्य रुके नहीं और व्यक्ति को दूसरे विकल्पों का सहारा न लेना पड़े.
4. टेक्नोलॉजी, बिजली और इंटरनेट की सुविधा को देश के कोने कोने में पहुंचाना लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए दूरसंचार और बिजली क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों को सब्सिडी देनी पड़ेगी जिससे वे अपना घाटा सहने की हिम्मत रख सकें.
5. प्रापर्टी क्षेत्र में करों की भरमार है जैसे जीएसटी, स्टाम्प ड्यूटी, प्रापर्टी टैक्स, आयकर, अन्य सैस, आदि जिसने इस क्षेत्र में हवाला कारोबार की सबसे ज्यादा गुंजाइश बना रखी है. सही मायने में 50% हवाला कारोबार सिर्फ प्रापर्टी लेनदेन पर ही निर्भर है.
इसमें कोई शक नहीं कि सरकार को राजस्व का भारी नुकसान भी रीयल एस्टेट सेक्टर में हो रहा है और इसलिए जरूरत है कि इस सेक्टर में करारेपण के नियमों को तर्कसंगत बनाते हुए करों को घटाया जाए ताकि व्यक्ति प्रापर्टी लेनदेन में शामिल पूरे पैसे को रिकॉर्ड पर लाए.
6. हर पैसे के लेनदेन की रिकॉर्ड कीपिंग पर जोर देना होगा और कैश के लेनदेन के नियमों को शिथिल करना होगा. कैश का लेनदेन कितना भी बड़ा हो, उस पर रोकटोक या पेनल्टी लगाने की बजाय रिकॉर्ड रखने पर जोर देना चाहिए जिससे राजस्व की चोरी बंद हो.
7. कैश ट्रांसफर बैंक के माध्यम से आसानी से और कम से कम शुल्क पर हो, ऐसी व्यवस्था करनी होगी ताकि लोग हवाला जैसे विकल्पों की तलाश न करें.
इसमें कोई शक नहीं कि हमारी अर्थव्यवस्था में कैश न केवल एक अहम भूमिका निभा रहा है बल्कि एक समान्तर अर्थव्यवस्था भी चला रहा है और ऐसे में कैश लेनदेन के मापदंड स्थापित करने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे न कि इसके रोकटोक पर अन्यथा हवाला कारोबार में लगाम कसना मुश्किल होगा.
दूसरा करों के दायरे और अनुपालनों को सीमित रखते हुए व्यापारिक आसानी प्रदान करना और आनलाइन माध्यमों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय बना कर ही हम इस हवाला कारोबार पर लगाम कस सकेंगे.
*लेखक एवं विचारक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर 9826144965*