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जीएसटी उत्तर प्रदेश में जीएसटी अधिकारियों द्वारा सेक्शन 61 के अंतर्गत जारी नोटिस के संबंध में

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जीएसटी अधिकारियों द्वारा करदाताओं को सेक्शन 61 के नोटिस यूनिवर्सल पॉलिसी के अंतर्गत जारी किए जा रहे हैं ।कर निर्धारण वर्ष 2017-18 से 2022 -23 तक के अर्थात 6 वर्षों की अवधि के लिए ASMT 10 में सिस्टम जेनरेटेड नोटिस जारी किए गए हैं। जिन्हें जीएसटी पोर्टल से करदाता को डाउनलोड करना है ।तथा जवाब देने के लिए प्रत्येक नोटिस में अलग-अलग समयवधि दी है ।यदि आपके पास कुछ कहने के लिए है। तो आप अपना जवाब दाखिल करे अन्यथा विधि के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

यह नोटिस सिस्टम जेनेरेट  किए गए हैं। जिसमें करदाताओं के द्वारा दाखिल gstr-1 ,जीएसटीआर 3b और जीएसटीआर 9 से कुछ समीकरण और विसंगति के आधार पर  बनाया गया है ।और देनदारियों के साथ ASMT 10 में कर की राशि घोषित की है।

लगभग सभी नोटिस में 10 से लेकर 15 तक बिंदु दर्ज  हैं। जिससे प्रतीक होता है कि जी एस टी के अधिकारियों ने बिना सोचे समझे नोटिस जारी किए हैं ।कुछ करदाताओं ने पूर्व में भी धारा 61 के नोटिसओं का निराकरण करा है ।लेकिन पुनः सिस्टम जेनेरेटिक नोटिस जारी किए गए हैं ।तथा 6 वर्ष की अवधि के नोटिसओं का जवाब 30 दिन में राज्य कर के अधिकारी चाहते हैं।

कुछ विषय जहां जीएसटी के अंतर्गत नोटिस जारी करने में त्रुटिपूर्ण तर्क शामिल किए गए हैं कुछ उदाहरण निम्न प्रकार है

बिंदु संख्या एक में gstr-1 और 3B के अनुसार कारोबार की तुलना। बिंदु संख्या 2में रिवर्स चार्ज के तहत भुगतान किए गए कर पर जीएसटीआर 3b वर्सेस आईटीसी में घोषित रिवर्स चार्ज के अंतर्गत करदेयता। Trans 1,2के अनुसार आईटीसी का दावा gstr-9c द्वारा उसका सत्यापन। जीएसटीआर 9 k  का मिलान 9 C के 8k में आईटीसी नही किया जाना। सभी नोटिसओं में जीएसटीआर 9 और 9c का उल्लेख किया गया है। चाहे करदाता जीएसटीआर 9 के लिए उत्तरदाई है या नहीं उसकी तुलना 9C से कराई जा रही है। जो त्रुटिपूर्ण है ।इसी प्रकार नोटिस में आईटीसी रिवर्सल नियम 42 ,43 के अनुसार नहीं किया गया है। क्यों न रिवर्सल की कार्रवाई प्रारंभ की जाए। रिफंड के संबंध में जानकारी चाहिए यदि आपने जीरो रेटेड आपूर्ति की हो आदि।

जबकि उपरोक्त सभी विषय जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध है जिसका मूल्यांकन किया जाना आवश्यक था।

उपरोक्त विषय में स्पष्ट है कि राज्य के उच्च अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा जीएसटी एक्ट के अनुरूप धारा 61 की कार्रवाई त्रुटिपूर्ण जारी की है। जीएसटी विभाग द्वारा धारा 61 की कार्रवाई के संबंध में कई बार परिपत्र जारी किया है। राज्य कर अधिकारियों को उन्हीं परिपत्रों के अनुसार धारा 61 के नोटिस जारी किए जाने चाहिए थे ।लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में नियम विधि विधान के अनुरूप नहीं चलाए जा रहे हैं ।यह एक दुर्भाग्यपूर्ण विषय है ।जब राज्य के अधिकारियों को जीएसटी के कानून के संबंध में अपूर्ण ज्ञान के द्वारा करदाताओं पर एक ही नीति के अंतर्गत एक ही सिस्टम जेनरेटेड नोटिस प्रेषित किए जा रहे हैं ।जिससे स्पष्ट है की जीएसटी के राज्य कर अधिकारी त्रुटिपूर्ण कार्य कर रहे हैं। अतः राज्य के उच्च अधिकारियों को इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि जीएसटी एक्ट का सदभाव पूरक प्रयोग हो।

यह विचार आज के जीएसटी एक्ट के अनुसार जारी नोटिस के सम्बंध में हैं।यदि नोटिस के बिंदु उद्देश्य पूर्ण होने चाहिए।

यह विचार व्यक्तिगत हैं।किसी विशेष व्यक्ति पर नही है। ये व्यवस्था पर प्रश्न है।

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