Summary: 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी अधिनियम में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होंगे। सभी जीएसटी पंजीकृत करदाताओं के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे जीएसटी पोर्टल पर धोखाधड़ी और डेटा चोरी रोकने में मदद मिलेगी। उपयोगकर्ताओं को मार्च 2025 तक अपने मोबाइल नंबर अपडेट करने होंगे, ताकि वे ओटीपी प्राप्त कर लॉगिन कर सकें। ई-वे बिल नियमों में भी बदलाव होगा—₹10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों को 30 दिनों के भीतर इनवॉइस विवरण पंजीकृत करना अनिवार्य होगा, अन्यथा इनवॉइस अमान्य हो जाएगा। होटल के रेस्टोरेंट में खाने पर जीएसटी की दरें भी बदल सकती हैं। यदि होटल 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेता है, तो वहां भोजन महंगा हो सकता है। इसके अलावा, पुरानी और इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% की जा रही है। जीएसटी परिषद लगातार नियमों में बदलाव कर राजस्व संतुलन बनाने और उपभोक्ताओं को लाभ देने की दिशा में काम कर रही है। वित्त मंत्री ने संकेत दिया है कि टैक्स स्लैब में और सुधार संभव है, जिससे कर दरों में और कमी हो सकती है।
1 अप्रैल 2025 से जीएसटी के नियम बदले जा रहे हैं। जिनका संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित लेख के माध्यम से प्रस्तुत है-
1. मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi Factor Authentication/MFA) –
यह कि 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी पोर्टल के संबंध में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया जा रहा है, जिसमें जीएसटी डाटा को चुराना और जीएसटी में फर्जीवाड़ा करना शायद अब आसान नहीं होगा।
यह कि आगामी 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी में पंजीकृत सभी करदाता के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi Factor Authentication/MFA) संबंधी नियम लागू होने जा रहा है ।
यह कि मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi Factor Authentication/MFA) लागू होने से जीएसटी पोर्टल पर इस्तेमाल करने वाले किसी अन्य यूजर के द्वारा डाटा चुराना /फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं होगा।
यह कि सभी जीएसटी से संबंधित व्यक्ति/ करदाता आदि को जीएसटी पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर इसी मार्च 2025 में अपडेट करना होगा।
यह कि मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन(Multi Factor Authentication/MFA) लागू होने के पश्चात वन टाइम पासवर्ड (OTP) के बिना कोई भी उपयोग कर्ता पोर्टल को लॉगिन नहीं कर सकता। इसलिए सभी तरह के उपयोगकर्ता को इस माह अर्थात मार्च 2025 में जीएसटी पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर को अपडेट कर लेना चाहिए ।ताकि वन टाइम पासवर्ड(OTP) प्राप्त करने में कोई दिक्कत ना हो।
मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi Factor Authentication/MFA) संदर्भ में स्पष्टीकरण-
यह कि 1 जनवरी 2025 से प्रयोग के तौर पर ₹ 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाता पर मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi Factor Authentication/MFA) लागू किया गया था, तथा 1 फरवरी 2025 से ₹ 5 करोड़ टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए इसे अनिवार्य किया गया था। अब वर्तमान स्थिति में 1 अप्रैल 2025 से यह सभी करदाता/ उपयोगकर्ता के लिए अनिवार्य किया जा रहा है।
2. E Way Bill में नया नियम –
यह कि 1 अप्रैल 2025 से ई वे बिल के नियम में भी परिवर्तन किया जा रहा है ,जैसे 1 अप्रैल 2025 से ₹ 10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारी को 30 दिन के अंदर अपने इनवॉइस की जानकारी इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (RPN) पर देना अनिवार्य होगा, यदि किसी करदाता ने 30 दिनों के अंदर जानकारी नहीं दी तो वह इनवॉइस खारिज हो जाएगा ।अभी तक यह नियम ₹100 करोड़ और उससे अधिक टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए लागू है।
3. होटल में रेस्टोरेंट में खाने के संबंध में नया नियम – यह कि 1 अप्रैल 2025 से होटल के रेस्टोरेंट में खाना महंगा हो सकता है।
यह कि 1 अप्रैल 2025 से ₹7500 से कम किराए वाले रूम के होटल के लिए 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट( ITC) लेने की सुविधा उपलब्ध होगी।
यह कि अभी जिन होटल में कमरे का किराया ₹ 7500 से कम है ,वहां रेस्टोरेंट में खाने पर 5% जीएसटी लगाया जाता है।
यह कि यदि होटल वाले ने 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा अपनाते हैं, तो रेस्टोरेंट में खाना महंगा हो जाएगा।
4. यह कि 1 अप्रैल 2025 से पुरानी सामान्य एवं इलेक्ट्रिक कार की बिक्री पर 12% की जगह 18% जीएसटी लगाया जाएगा। तथा सेकंड हैंड कारों की बिक्री करने वाली एजेंसी के लिए यह नियम लागू होगा।
निष्कर्ष –
यह कि जीएसटी काउंसिल लगातार राजस्व की हानि ना हो के संबंध में नए-नए नियम लागू कर रही है, साथ ही उपभोक्ताओं को अधिक लाभ देने के लिए कर की दरों में युक्ति संगत कार्य किया जा रहा है।
यह कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर की दरें और कम करने के संबंध में संकेत दिया है ।क्योंकि टैक्स स्लैब को युक्ति संगत बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। राजस्व तटस्थ दर-(Revenue neutral rate/ RNR) जो जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के समय 15.8 % थी। जो 2023 में घटकर 11.4% हो गई है ।तथा इसमें और कमी करने का संकेत दिया गया है।
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डिस्क्लेमर-
यह लेखक के निजी विचार हैं। किसी निर्णय पर जाने से पूर्व अपने टैक्स प्रोफेशनल से सलाह करनी आवश्यक है।