जीएसटी एक्ट के अनुसार जब कोई जीएसटी अधिकारी करदाता /अपंजीकृत पर कोई आदेश/ निर्णय/ नोटिस जारी करता है। यदि करदाता उससे सहमत नहीं है ।तो जीएसटी एक्ट 2017 की धारा 107 के अंतर्गत वह करदाता उस आदेश/ निर्णय/ मांग या नोटिस के संबंध में अपील दाखिल कर सकता है ।जैसा कि वर्तमान में धारा 61 की कार्रवाई पूर्ण करने के बाद अब धारा 73 और 74 के अंतर्गत नोटिस जारी करके उसकी कार्रवाई चल रही है। टैक्स प्रोफेशनल को आने वाले समय में बहुत से Case में अपील दाखिल करनी होगी। आज हमारा विषय जीएसटी एक्ट में प्रथम अपील के संबंध में विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालना और एपीएल0 1 हम कैसे फाइल करेंगे ।उसमें कर का किस प्रकार निर्धारण होगा तथा अन्य विषय पर भी विचार विमर्श किया जाएगा
1.जीएसटी एक्ट 2017 के अंतर्गत प्रथम अपील/ अपील tribunal /हाई कोर्ट/ सुप्रीम कोर्ट की श्रेणी है ।जब भी कोई करदाता किसी आदेश/ निर्णय से असंतुष्ट होता है ।सर्वप्रथम उसे प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष धारा 107 के अंतर्गत अपील दाखिल करनी होती है ।जिसके लिए आदेश की तारीख से 3 माह का समय निर्धारित किया गया है। विशेष परिस्थिति में देरी क्षमा 1 माह की रखी गई है ।जिसके लिए करदाता को उचित कारण प्रस्तुत करना होगा ।उसके पश्चात उसकी अपील को दर्ज किया जाएगा।
2. यह कि अपीलकर्ता को टैक्स ,पेनल्टी और इंटरेस्ट जो उसने स्वीकार किया है। उसे उसका 100% राशि का अपील से पूर्व भुगतान करना होगा ।अर्थात विवादित राशि का भुगतान नहीं करना है। तथा जो हमने स्वीकार किया है ।उस राशि को पूर्व में जमा करना आवश्यक है ।विवादित राशि का अपील दायर करने पर अपने लेजर से कर का 10% जमा करना होगा ।यह 10% केवल विवादित टैक्स पर जमा करना होगा ।ब्याज और पेनल्टी पर zero जमा करना होगा।
3. यह कि प्रथम अपील में धारा 129(3) के अंतर्गत 25 % अर्थदंड की राशि का पूर्व में दाखिल करना होगा। क्योंकि परिवहन के समय माल रोके जाने पर या जब्त करने पर या उसे छोड़ने से संबंधित धारा 129(3) के अंतर्गत मांग कायम की जाती है ।जिसके लिए जुर्माने की राशि का 25% भुगतान करना होगा।
4. यह कि सामान्य आदेश के लिए अपील हेतु जमा की जाने वाली राशि विवादित कर का 10% है ब्याज और पेनल्टी पर शून्य है। अपवाद के रूप में धारा 129(3 )में पेनल्टी का 25% जमा करना आवश्यक है।
5. यह कि जीएसटी एक्ट में स्टे की प्रक्रिया ऑटोमेटिक सिस्टम पर आधारित है। यदि आपने सामान्य अपील में विवादित कर का 10% और धारा 129(3) में पेनल्टी का 25% पूर्व में जमा कर दिया है। तो स्थगन अपने आप हो जाएगा। जिसके लिए स्थगन प्रार्थना पत्र अलग से देने की हमें आवश्यकता नहीं है।
नियम 108 (3) का नया प्रावधान
यह कि 26 दिसंबर 2022 को नियम 108 (3)में संशोधन किया गया है। जहां अपील किए गए निर्णय या आदेश को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। तो अपील के नंबर के सहित एक अंतिम रसीद फार्म जीएसटी Apl 02 प्राधिकरण अधिकारी द्वारा जारी की जाएगी। और अस्थाई रसीद जारी करने की तारीख को अपील दायर करने की तारीख माना जाएगा।
यदि अपील किए गए निर्णय /आदेश को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जाता है ।तो अपील कर्ता जीएसटी एपीएल 01 दाखिल करने की तारीख से 7 दिनों की अवधि के भीतर उक्त निर्णय या आदेश की एक self सर्टिफाइड काफी प्रस्तुत करेगा ।अपील अधिकारी इस संबंध में उसके द्वारा फॉर्म जीएसटी एपीएल 02 में अंतिम रसीद ARN संख्या के साथ जारी किया करेगा। और अस्थाई रसीद जारी करने की तारीख को अपील दाखिल करने की तारीख माना जाएगा।
अपील की सुनवाई पर अपील प्राधिकारी अपील कर्ता को सुनवाई का अवसर देगा और उस स्थिति में अपील कर्ता अपनी अपील के संबंध में सभी तर्क प्रस्तुत कर सकता है ।
अपील के लिए स्थगन
धारा 107(9 )के अनुसार तीन बार स्थगन प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है ।लेकिन अपील कर्ता का यह अधिकार नहीं है ।यदि वह स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे उचित कारण प्रस्तुत करना होगा। उसी के आधार पर स्थगन किया जाएगा।
अपील के समय नए आधार प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
जीएसटी पोर्टल पर अपील दायर करने की प्रकिया
जीएसटी पोर्टल -लॉगिन – सर्विस -यूजर सर्विस- माय एप्लीकेशन -अपील अथॉरिटी- फाइल एपीएल 01
एपीएल 01
Apl 01 में एक से लेकर 9 बिंदु ऑटो पापुलेटेड है जिसे करदाता को नहीं भरना है ।बिंदु संख्या 9 से अपील का प्रारूप शुरू होता है ।करदाता के खाते में लॉगिन करें/ सर्विस में जाएं/ माय एप्लीकेशन पर जाएं /अपील प्राधिकारी पर जाएं/ न्यू एप्लीकेशन पर अपना आर्डर नंबर लिखें /तथा एपीएल 01 और उसके समर्थन में दस्तावेज अपलोड( 04)करें /विवादित राशि भरें विधि के अनुसार भुगतान की जाने वाली राशि को जमा करें /अपील सबमिट करें।
अपील में दाखिल करने से पहले जमा की जाने वाली राशि की गणना निम्न उदाहरण से समझी जा सकती है
आदेश या निर्णय में निर्धारित डिमांड का विवरण
मद | SGST | CGST | INTEREST | PENALTY |
मांग | 1,00,000=00 | 1,00,000=00 | 1,00,000=00 | 1,00,000=00 |
स्वीकार राशि | 30,000=00 | 30,000=00 | 30,000=00 | 30,000=00 |
विवादित मांग | 70,000=00 | 70,000=00 | 70,000=00 | 70,000=00 |
अपील के समय जमा राशि का विवरण | ||||
स्वीकार राशि | 30,000=00 | 30,000=00 | 30,000=00 | 30,000=00 |
विवादित राशि का 10% | 7,000=00 | 7,000=00 | 0=00 | 0=00 |
कुल राशि | 37,000=00 | 37,000=00 | 30,000=00 | 30,000=00 |
यदि पूरी मांग को | ||||
विवादित माने तो अपील के समय 10%जमा करना होगा। | 10,000=00 | 10,000=00 | 0.=00 | 0=00 |
अपील के फॉर्म का विवरण | समयवधि | अतिरिक्त समय | ||
APL 01 | करदाता के लिए | 3माह | उचित कारण के साथ 1माह अतिरिक्त | प्रथम अपील |
APL 05 | करदाता के लिए | 3 माह प्रथम अपील के आदेश से | न्यायाधिकरण 2nd | |
APL08 | करदाता/विभाग के लिए | अपील /ट्रिब्यूनल आदेश पारित से 180दिन | हाई कोर्ट |
अपील के फॉर्म का विवरण
APL 01 करदाता के लिए अपील फार्म।
APL 02 अभिस्वीकृति अपील प्राधिकारी द्वारा जारी।
APL 03 जीएसटी विभाग द्वारा प्रस्तुत।
APL 04 आदेश जारी।
APL 05 न्यायधिकरण को अपील फार्म
APL 06 CROSS OBJECTION।
APL07 जीएसटी विभाग द्वारा TRIBUNAL को अपील।
APL 08 High court को अपील का प्रारूप।
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है ।कि जीएसटी एक्ट में प्रथम अपील जो वर्तमान में ज्वलंत विषय है ।अधिकतर टैक्स प्रोफेशनल को किसी न किसी वाद में प्रथम अपील दाखिल करनी होगी। मुझे आशा है । कि इस आर्टिकल से सभी को लाभ होगा ।तथा यदि इस आर्टिकल में कोई भूल चूक हो ।तो कृपया उसे संशोधित कर लें।
यह लेखक के निजी विचार है।