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जैसा कि आप सभी को विदित है। कि जीएसटी विभाग द्वारा 24 अप्रैल 2023 के द्वारा एक राष्ट्रीय समन्वय समिति का गठन कर फर्जी/ संदिग्ध पंजीयन करदाता का एक सर्वेक्षण किया जाना प्रस्तावित है । जीएसटी विभाग इस सर्वेक्षण के द्वारा ऐसे करदाताओं का पता लगाएगा जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है। और संदिग्ध प्राप्तकर्ता उनसे प्राप्त बिलो से आईटीसी का उपभोग कर रहे हैं । इस सर्वेक्षण के संबंध में एक दिशा निर्देश 01/2023/जीएसटी/दिनांक 4 मई 2023 के द्वारा सर्वेक्षण की प्रक्रिया बिंदुवार बताई गई है।

इस सर्वेक्षण में जीएसटी के केंद्रीय अधिकारी/ राज्य अधिकारी सर्वप्रथम अपने माध्यम से, सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा से ,तथा इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के द्वारा GSTIN/DGARM/ BIFA आदि से उन संदिग्ध /फर्जी करदाताओं का विश्लेषण करने के उपरांत उनके व्यापार स्थल, गोदाम या अन्य स्थलों का निरीक्षण करेंगे ।इस निरीक्षण के द्वारा उन संदिग्ध/ फर्जी करदाता की व्यापार स्थल पर ही जांच की जाएगी और आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे । जीएसटी एक्ट के अंतर्गत फर्जी और संदिग्ध पंजीकृत करदाता  के पंजीयन को निलंबित/ रद्द करने की कार्रवाई करेंगे। तथा संदिग्ध प्राप्तकर्ता से जीएसटी एक्ट के अंतर्गत संबंधित आईटीसी उपभोग की राशि को कर, इंटरेस्ट , तथा पेनल्टी के रूप में वसूल करेंगे ।तथा यह कार्रवाई सेक्शन 83 तथा सेक्शन 132 के अंतर्गत भी की जाएगी । निश्चित रूप से इन संदिग्ध /फर्जी पंजीकृत करदाताओं के कारण सामान्य करदाता भी इस सर्वेक्षण की जद में आ जाएंगे। इसलिए एक पंजीकृत करदाता को क्या सावधानियां बरतनी है ।

इस अखिल भारतीय सर्वेक्षण की अवधि के दौरान जैसे:-

1. पंजीकृत करदाता को अपने व्यापार स्थल, गोदाम तथा अन्य घोषित स्थानों पर अपनी फर्म के नाम का बोर्ड/ साइन बोर्ड अंकित कराना है । जिस बोर्ड पर नाम, एड्रेस ,मोबाइल नंबर, विशेष रूप से जीएसटी नंबर तथा किन वस्तुओं में आप डील कर रहे हैं। उनका संक्षिप्त विवरण दर्ज होना चाहिए।

2. जो पंजीकृत करदाता ने कंपोजिशन स्कीम को स्वीकार किया है। उनको विशेष रुप से अपने साइन बोर्ड पर उपरोक्त के अतिरिक्त कंपोजिशन डीलर शब्द अंकित कराना है ।जो  अत्यंत ही आवश्यक है अन्यथा यह साधारण सी चूक अर्थदंड के लिए प्रेरित करती है।

3.  यदि किसी पंजीकृत करदाता का भौतिक सत्यापन होता है। तो उस पंजीकृत करदाता को अपने व्यापार स्थल पर मौजूद होना जरूरी है ।और सेक्शन 35 के अनुसार घोषित अकाउंट्स और रिकॉर्ड्स जीएसटी अधिकारी के आदेश पर उपलब्ध करानी चाहिए। जैसे सेल परचेज के वाउचर ,सेल परचेज के रजिस्टर, आईटीसी का रजिस्टर, डेबिट नोट /क्रेडिट नोट आदि का भौतिक सत्यापन के समय उपलब्ध होना आवश्यक है।

4. यदि किसी पंजीकृत करदाता का एडिशनल बिजनेस पैलेस या गोदाम जीएसटी में दर्ज होने से रह गया है ।तो वह तुरंत अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में उस स्थान को दर्ज करा ले। अन्यथा यदि उस स्थान का भौतिक सत्यापन किया जाता है । तो वहां मौजूद आपका गुड्स अपंजीकृत से मानते हुए सेक्शन 15 के द्वारा मूल्यांकन कर करदाता पर कर तथा अर्थदंड की कार्रवाई की जा सकती है ।तथा सेक्शन 35 और 36 का उल्लंघन माना जाएगा।

5. यह कि पंजीकृत करदाता को अपने वर्तमान तक के रिटर्न दाखिल कर देनी चाहिए।

यह की अखिल भारतीय सर्वेक्षण फर्जी / संदिग्ध पंजीकृत करदाता  के लिए है ।लेकिन इन फर्जी/ संदिग्ध पंजीकृत करदाताओं के कारण सामान्य करदाता भी इस सर्वेक्षण में  आ सकते है । अतः सभी पंजीकृत करदाताओं  को इस सर्वेक्षण के संबंध में साधारण सी सावधानियों का पालन करना चाहिए। ताकि सामान्य करदाता को कोई परेशानी ना हो।

आदर सहित प्रेषित ।

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक View Full Profile

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