Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

जीएसटी परिषद की सिफारिश पर, धारा 16(5)(6) को 01जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी प्रभाव से शामिल किया गया है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2017-2018, 2018-2019, 2019-2020 और 2020-2021 की अवधि के लिए जीएसटीR 3बी के माध्यम से आईटीसी (ITC)का दावा करने की समय सीमा 30/11/2021 तक बढ़ा दी गई है। यह कि धारा 16(5) और 16(6) के प्रावधानों  को लागू करने के लिए, अधिसूचना संख्या 22/2024-सीटी दिनांक 08/10/2024 के माध्यम से सुधार के लिए एक विशेष प्रक्रिया अधिसूचित की गई है। इसके अलावा, जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 16(5) और 16(6) के प्रावधानों के कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न विषयों को स्पष्ट करते हुए,परिपत्रसंख्या237/31/2024-जीएसटी, दिनांक 15/10/2024 भी जारी किया गया है।

इस लेख में विभिन्न प्रश्नों के रूप में उपरोक्त के बारे में विभिन्न विषयों को संबोधित करने का प्रयास किया है और ऐसे प्रश्नों पर लेख के माध्यम से जबाव प्रस्तुत किया है जिससे टैक्स प्रोफेशनल को सभी जानकारी मिल सके । यह प्रश्नोत्तरी निम्न प्रकार हैं –

Q.1 अधिसूचना संख्या 22/2024 के तहत अधिसूचित विशेष प्रक्रिया के तहत सुधार आवेदन दाखिल करने के लिए कौन पात्र है?

Ans- यह कि अधिसूचना संख्या 22/2024-सीटी दिनांक 08/10/2024 के तहत सुधार आवेदन उन मामलों में करदाताओं द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जहां वित्तीय वर्ष 2017-2018, 2018-2019, 2019-2020 या 2020-2021 के लिए धारा 73, 74, 107 या 108 के तहत आदेश जारी किया गया है,/ धारा 16(4) के उल्लंघन के कारण मांग उठाई गई है या पुष्टि की गई है,/आदेश किसीअपील के समक्ष लंबित नहीं है।

Q.2 क्या करदाता के लिए कोई तंत्र निर्धारित  है, जिनके मामले में धारा 16(4) के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण मांगें(Demond )प्रस्तावित/पुष्टि/बरकरार रखी गई हैं?

Ans- निम्नलिखित तथ्यों को शामिल किया गया

1. उन व्यक्तियों को राहत दी गई है जिनके GSTR-3B रिटर्न में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे या तो खारिज किए जाने के अधीन हैं या धारा 16(4) के तहत निर्दिष्ट समय सीमा के बाद दाखिल किए जाने के कारण पहले ही खारिज किए जा चुके हैं।

2. यह कि राहत केवल वित्त वर्ष 2017-2018, 2018-2019, 2019-2020 और 2020-2021 से संबंधित ITC के लिए लागू है, जिसमें दावे 30/11/2021 को या उससे पहले किए गए हैं।

Q.3 जब ITC के विलंबित दावे को अस्वीकार करने का प्रस्ताव करने वाले DRC-01A फॉर्म में सूचना दी जाती है, तो क्या करना चाहिए? 

Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसी स्थितियों में जहां धारा 16(4) के कथित उल्लंघन के लिए गलत आईटीसी लाभ के संबंध में कार्यवाही चल रही है, लेकिन धारा 73 या 74 के तहत कोई मांग नोटिस जारी नहीं किया गया है, और करदाता अब धारा 16(5) और 16(6) के तहत ऐसे आईटीसी का दावा करने के पात्र हैं, प्रॉपर ऑफिसर को 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी धारा 16 में पूर्वव्यापी संशोधनों पर विचार करना चाहिए।

टिप्पणी –  यह सुझाव दिया जा सकता है कि नोटिस प्राप्तकर्ता को धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6) का संदर्भ देते हुए डीआरसी-01ए का उत्तर देना चाहिए।

Q.4 यदि धारा 73 या 74 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और मामला न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है, तो क्या करना चाहिए?

Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में, न्याय निर्णय प्राधिकरण धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6) का संज्ञान लेगा तथा उचित आदेश पारित करेगा।

टिप्पणी –यह सुझाव दिया जा सकता है कि नोटिस प्राप्तकर्ता को धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6,) का संदर्भ देते हुए एससीएन(SCN )का उत्तर देना चाहिए।

Q.5 यदि धारा 73 या 74 के तहत आदेश जारी किया गया है, तथा धारा 107 के तहत अपील दायर की गई है, लेकिन अपील प्राधिकरण ने अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया है, तो क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?

Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में, अपील प्राधिकरण धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6) का संज्ञान लेगा तथा धारा 107 के तहत उचित आदेश पारित करेगा।

टिप्पणी- यह सुझाव दिया जा सकता है कि नोटिस प्राप्तकर्ता इसे एक अतिरिक्त आधार के रूप में माने तथा अपील प्राधिकरण के समक्ष लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत करे।

Q.6 यदि धारा 73 या 74 के तहत कोई आदेश जारी किया गया है, तथा धारा 108 के तहत पुनरीक्षण कार्यवाही पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा शुरू की गई है, लेकिन उक्त धारा के तहत अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है, तो क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?

 Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में पुनरीक्षण प्राधिकारी धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6) का संज्ञान लेगा, तथा धारा 108 के तहत उचित आदेश पारित करेगा। 

टिप्पणी- यह सुझाव दिया जा सकता है कि यदि नियम 109बी (1) के अनुसार कोई नोटिस दिया गया है, तो नोटिस प्राप्तकर्ता को धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं(5,6) का संदर्भ देते हुए उत्तर देना चाहिए।

Q.7 यदि धारा 73 या 74 के तहत कोई आदेश जारी किया गया है, लेकिन उक्त आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई है, तो क्या कदम उठाए जाने चाहिए? 

Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में करदाता को अधिसूचना संख्या 22/2024-सीटी दिनांक 08/10/2024 के तहत निर्धारित विशेष प्रक्रिया के अनुसार सुधार के लिए आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।

Q.8 यदि धारा 107 या 108 के तहत आदेश जारी किया गया है, लेकिन उक्त आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई है, तो क्या करना चाहिए?

Ans- यह कि परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में, करदाता को अधिसूचना संख्या 22/2024-सीटी दिनांक 08/10/2024 के तहत निर्धारित विशेष प्रक्रिया के अनुसार सुधार के लिए आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।

जीएसटी अधिनियम, 2017 में शामिल धारा 16(5)(6) का लाभ कैसे लें

Q.9 यदि मामला जांच अधिकारी, न्यायनिर्णयन अधिकारी, अपीलीय प्राधिकारी (धारा 107 के तहत) या पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष लंबित है, तो क्या सुधार आवेदन दायर करने की कोई आवश्यकता है?

Ans- नहीं। परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी के अनुसार, ऐसे मामलों में, संबंधित प्राधिकारी धारा 16 की नई शामिल उप-धाराओं (5,6)का स्वतः संज्ञान लेगा।

Q.10 यदि किसी व्यक्ति ने धारा 16(4) के उल्लंघन में आईटीसी के दावे से संबंधित किसी प्रस्ताव, आदेश या अपीलीय आदेश के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट आवेदन या अपील दायर की है, तो क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

Ans- यह कि  उपरोक्त परिपत्र और अधिसूचना में इस विषय को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं किया गया है, फिर भी आम तौर पर उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए माननीय उच्च न्यायालय से रिट (शर्त या बिना शर्त, परिस्थितियों के आधार पर) या अपील (पूरी तरह या आंशिक रूप से) वापस लेना और फिर अधिसूचना संख्या 22/2024-सीटी दिनांक 08/10/20244 के अनुसार प्रॉपर ऑफिसर के समक्ष आदेश में सुधार के लिए आवेदन प्रस्तुत करना उचित है।

टिप्पणी – यह कि ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि न तो अधिसूचना और न ही परिपत्र में सुधार आवेदन दाखिल करने से पहले माननीय उच्च न्यायालय से रिट या अपील वापस लेने का आदेश दिया गया है।उन मामलों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए जहां माननीय न्यायालय के समक्ष रिट या अपील में विचाराधीन मामले के अलावा अन्य विषय शामिल हैं।

Q.11 सुधार आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया क्या है?

Ans- यह कि सुधार सामान्य पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किया जाएगा। आवेदन के साथ, उपरोक्त अधिसूचना के अनुलग्नक ए में प्रोफार्मा में जानकारी।

प्रक्रिया- करदाता www.gst.gov.in पर लॉग इन करने के बाद, विभिन्न मामलों में नीचे दिए अनुसार नेविगेट करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं:

1. ऐसे मामले में जहां धारा 73 या धारा 74 के तहत जारी किए गए आदेश के सुधार के लिए आवेदन दायर किया जाना है-

a. Dashboard → Services → User Services → My Application  पर क्लिक करें।

b. आवेदन प्रकार फ़ील्ड में “आदेश के सुधार के लिए आवेदन” का चयन करें। फिर, नया आवेदन बटन पर क्लिक करें।

2. ऐसे मामले में जहां धारा 107 के तहत जारी किए गए आदेश के सुधार के लिए आवेदन दायर किया जाना है-

a. Dashboard → Services → User Services → Additional Notice/Order  देखें पर क्लिक करें।

b. अतिरिक्त नोटिस और आदेश पृष्ठ प्रदर्शित होता है। जारी किए गए नोटिस/आदेश की केस विवरण स्क्रीन पर जाने के लिए देखें हाइपरलिंक पर क्लिक करें।

c. केस विवरण पृष्ठ प्रदर्शित होता है। आवेदन टैब डिफ़ॉल्ट रूप से चयनित होता है। ऑर्डर टैब चुनें और “सुधार आरंभ करें” लिंक पर क्लिक करें।

3. उस मामले में जहां धारा 108 के तहत जारी किए गए आदेश के सुधार के लिए आवेदन दायर किया जाना है-

a. Dashboard → Services → User Services → Additional Notice/Order  देखें पर क्लिक करें।

b. अतिरिक्त नोटिस और आदेश पृष्ठ प्रदर्शित होता है। जारी किए गए नोटिस/आदेश की केस विवरण स्क्रीन पर जाने के लिए देखें हाइपरलिंक पर क्लिक करें।

c. केस विवरण पृष्ठ प्रदर्शित होता है

ऐसे आवेदन दाखिल करते समय, करदाता को आवेदन के साथ, उक्त अधिसूचना के अनुलग्नक ए में दिए गए प्रोफार्मा में दी गई जानकारी अपलोड करनी होगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उक्त आदेश में पुष्टि की गई मांग का विवरण भी शामिल होगा।

Q.12 क्या सुधार आवेदन दाखिल करने/अपलोड करने की कोई समय सीमा है?

Ans- उपरोक्त मामलों में सुधार आवेदन 08/10/2024 से 6 (छह) महीने के भीतर दाखिल किए जाने हैं।

Q.13 क्या सुधार आदेश पारित करने की कोई समय सीमा है?

Ans- इन मामलों में सुधार आदेश, जहां तक ​​संभव हो, सुधार आवेदन की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा।

Q.14 सुधार आदेश पारित करने के लिए कौन जिम्मेदार है, और आदेश किस प्रारूप में जारी किया जाएगा?

Ans- यह कि उक्त आदेश को सुधारने के लिए जिम्मेदार प्रॉपर ऑफिसर वह प्राधिकारी होगा जिसने उक्त आदेश जारी किया है। तदनुसार, न्यायनिर्णायक अधिकारी, अपीलीय प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी, जैसा लागू हो, निम्नलिखित प्रपत्रों में सुधार आदेश पारित करेगा:

a) फॉर्म जीएसटी डीआरसी-08, धारा 73 या 74 के तहत पारित आदेश के सुधार के मामले में।

b) फॉर्म जीएसटी एपीएल-04, धारा 107 या 108 के तहत पारित आदेश के सुधार के मामले में।

Q.15 क्या धारा 16(4) के उल्लंघन के कारण कर की मांग से संबंधित गलतियों या त्रुटियों के अलावा अन्य गलतियों को इस विशेष प्रक्रिया के तहत सुधारा जा सकता है?

Ans- नहीं, यह विशेष प्रक्रिया विशेष रूप से धारा 16(4) के उल्लंघन से उत्पन्न मांगों से संबंधित सुधारों तक सीमित है। यह किसी अन्य त्रुटि या गलतियों के सुधार की अनुमति नहीं देता है।

Q.16 क्या आईटीसी की अन्य शर्तों की पूर्ति के मुद्दे पर, जिन्हें एससीएन(SCN) में आधार के रूप में नहीं लिया गया है, सुधार याचिका का निपटान करते समय विचार किया जा सकता है या पूछताछ की जा सकती है?

Ans- यह कि धारा 75(7) नोटिस में निर्धारित आधारों के अलावा किसी अन्य आधार पर किसी भी मांग की पुष्टि को प्रतिबंधित करती है।इसके अलावा, विशेष प्रक्रिया के तहत न्याय निर्णय प्राधिकरण का दायरा सुधार आवेदन पर निर्णय लेने और आदेश जारी करने तक सीमित है। वर्तमान कार्यवाही न्याय निर्णय प्राधिकरण को नए मुद्दों पर जांच करने के लिए विशिष्ट शक्तियां प्रदान नहीं करती है।

टिप्पणी-  ताकि सनद रहें कि परिपत्र का पैराग्राफ 3.5.3 न तो प्रॉपर ऑफिसर को ऐसी जांच करने का निर्देश देता है और न ही बोर्ड के पास अधिकारी को ऐसी शक्तियां प्रदान करने का अधिकार है।

Q.17 क्या उन मामलों में सुधार की अनुमति है, जहां आईटीसी के गलत लाभ के खिलाफ मांग की पुष्टि दो या अधिक आधारों पर की गई है और इनमें से एक आधार धारा 16(4) का उल्लंघन है?

Ans- यह कि सुधार की इस प्रक्रिया में मांगों को सुधारने का सीमित दायरा है और यह केवल उन मामलों में लागू है, जहां धारा 16(4) के प्रावधान के उल्लंघन के आधार पर मांग की पुष्टि की गई है।परिपत्र संख्या 237/31/2024-जीएसटी, पैरा 3.5.3 में अन्य बातों के साथ-साथ यह भी कहा गया है कि उक्त विशेष प्रक्रिया के तहत दायर सुधार के लिए ऐसे आवेदन पर निर्णय लेते समय, प्रॉपर ऑफिसर इनपुट टैक्स क्रेडिट(ITC )की उक्त राशि के संबंध में धारा 73 या धारा 74 के तहत संबंधित नोटिस में लागू जीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (4) के उल्लंघन के अलावा आईटीसी से इनकार करने के लिए आधार, यदि कोई हो, पर भी विचार करेगा।प्रॉपर ऑफिसर को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि धारा 16(4) के उल्लंघन में उठाई गई कोई भी मांग केवल तभी सुधार के लिए उत्तरदायी है जब आवेदक अब धारा 16(5) या 16(6) के प्रावधानों के तहत उक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का हकदार है। ऐसे मामलों में जहां आईटीसी के गलत लाभ के लिए एक ही मांग कई आधारों पर उठाई जाती है, न्यायाधिकरण से सुधार आदेश जारी करने से पहले ऐसे सभी आधारों पर विचार करने की अपेक्षा की जाती है।

Q.18 क्या समुचित अधिकारी सुधार आवेदन का निपटारा करते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने के लिए बाध्य हैं?

Ans- उपरोक्त अधिसूचना के अनुसार, ऐसे सुधार को करने वाले प्राधिकारी द्वारा प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा, यदि ऐसे सुधार से आवेदक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

Q.19 क्या संशोधित आदेश के विरुद्ध अपील दायर की जा सकती है?

Ans- यह कि परिपत्र के पैराग्राफ 3.5.5 में कहा गया है– ऐसे मामलों में जहां उचित अधिकारी द्वारा उस आदेश में कोई सुधार किया गया है जिसके लिए सुधार आवेदन दायर किया गया है, ऐसे संशोधित आदेश के विरुद्ध सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 या धारा 112 के प्रावधानों के तहत, जैसा भी मामला हो, उसमें निर्धारित समय सीमा के भीतर अपील दायर की जा सकती है।

Q.20 निम्नलिखित तथ्यों पर  क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए?

यदि धारा 74 के तहत एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें दो आधारों पर धारा 73 या 74 के तहत मांग उठाई गई है

A. धारा 16(4) के उल्लंघन के कारण आईटीसी का गलत लाभ उठाना और 

B. आउटपुट जीएसटी का कम भुगतान। करदाता चाहता  ​​है कि दोनों मांगों को अमान्य किया जाना चाहिए।

Ans- यह कि इस पर  अलग-अलग राय हो सकती हैं, लेख के अनुसार, पहले सुधार आवेदन दायर किया जाना चाहिए। उसके बाद, अपील दायर की जानी चाहिए। हालांकि, यदि समय सीमा की बाध्यता है, तो सुधार आदेश प्राप्त होने से पहले भी संपूर्ण मांग पर विवाद करते हुए अपील दायर की जा सकती है।

उपरोक्त संदर्भ में, कुछ राय दी गई है कि सुधार आवेदन दायर किए जाने की स्थिति में, अपील दायर करने की सीमा के उद्देश्य से सुधार आदेश संप्रेषित होने तक दिनों की गिनती बंद हो जाती है, 

यह कि परिपत्र के पैरा 3.5.5 में कहा गया है- इसके अलावा, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसे मामलों में जहां उचित अधिकारी द्वारा उस आदेश में कोई सुधार किया गया है जिसके लिए सुधार आवेदन दायर किया गया है, ऐसे सुधारित आदेश के खिलाफ सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 या धारा 112 के प्रावधानों के तहत अपील दायर की जा सकती है, जैसा भी मामला हो, उसमें निर्धारित समय सीमा के भीतर।

Q.21 यदि करदाता ने धारा 16(4) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए मांगी गई पूरी या आंशिक राशि का भुगतान पहले ही कर दिया है, तो क्या रिफंड दिया जाएगा?

Ans- यह कि वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2024 की धारा 150 के अनुसार, पहले से भुगतान किए गए कर या पहले से वापस किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट की कोई वापसी उपलब्ध नहीं होगी, जहां ऐसा कर भुगतान किया गया है या इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण वापस किया गया है, और जहां ऐसा इनपुट टैक्स क्रेडिट अब जीएसटी अधिनियम की धारा 16(5) या 16(6) के प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध है।

यह कि रिफंड पर उपरोक्त प्रतिबंध करदाता द्वारा जीएसटी अधिनियम की धारा 107(6) या 112(8) के अनुसार अपील दायर करने के समय पूर्व जमा के रूप में भुगतान की गई राशि की वापसी पर लागू नहीं होगा, जहां ऐसी अपीलों का निर्णय उक्त करदाता के पक्ष में किया जाता है।

Q.22 ऐसे मामले में क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जहां दो आधारों पर ITC के अवैध लाभ के लिए एक ही मांग उठाई गई हैजैसे 

1. एक धारा 16(4) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए और

2. दूसरा धारा 17(2) के तहत ITC को वापस न लेने के लिए?

Ans- यह कि जारी अधिसूचना में प्रयुक्त शब्द “प्राधिकरण उक्त आवेदन पर निर्णय लेगा और सुधारित आदेश जारी करेगा”। इसके अलावा, पैराग्राफ 3.5.3 में परिपत्र में कहा गया है, “उक्त विशेष प्रक्रिया के तहत दायर सुधार के लिए ऐसे आवेदन पर निर्णय लेते समय, उचित अधिकारी इनपुट टैक्स क्रेडिट की उक्त राशि के संबंध में धारा 73 या धारा 74 के तहत जारी संबंधित नोटिस में उल्लिखित सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (4) के उल्लंघन के अलावा इनपुट टैक्स क्रेडिट से इनकार करने के लिए अन्य आधारों, यदि कोई हो, पर भी विचार करेगा”।इस प्रकार प्रतीत होता है कि सुधार आवेदन का निपटारा करते समय समुचित अधिकारी अन्य आधारों पर भी विचार करेगा तथा उसके पश्चात सुधार आदेश पारित करेगा। हालांकि, इस मुद्दे को और अधिक स्पष्ट करने की आवश्यकता है।

Q.23 क्या धारा 161 के अंतर्गत कुछ अन्य मुद्दों पर सुधारित आदेश पुनः सुधार के लिए विशेष प्रक्रिया के लिए पात्र हो सकता है?

Ans- मेरे विचार में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं दिया गया है।

Q.24 क्या सुधार के लिए विशेष प्रक्रिया के अंतर्गत पारित आदेश के विरुद्ध धारा 107 के अंतर्गत अपील दायर की जा सकती है?

Ans- हां, धारा 107 के अंतर्गत अपील दायर की जा सकती है।

निष्कर्ष –

यह कि उपरोक्त  एडवाइजरी के  अतिरिक्त इस संदर्भ में, माननीय गुवाहाटी उच्च न्यायालय का एक हाल का निर्णय सबसे अधिक प्रासंगिक है। मैना देवी चोरारिया बनाम भारत संघ और 6 अन्य के उक्त केस में यह माना गया- “इस प्रकार, लाए गए संशोधनों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता सीजीएसटी अधिनियम, 2017 वित्त (सं.2) अधिनियम, 2024 द्वारा सम्मिलित की नई शामिल धारा 16(5) और धारा 16(6) में निर्धारित शर्तों के अधीन इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा प्राप्त करने का हकदार है। वित्त (सं.2) अधिनियम, 2024 द्वारा कानून में लाए गए संशोधनों और जिन संशोधनों को 01.07.2017 से पूर्वव्यापी प्रभाव दिया गया है, के मद्देनजर याचिकाकर्ता के खिलाफ कारण बताओ नोटिस के माध्यम से शुरू की गई कार्यवाही निरर्थक हो गई है। चूंकि यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका है कि राज्य सरकार द्वारा भी यही अधिसूचना जारी की जानी आवश्यक है, ऐसे प्रस्तुतीकरणों को ध्यान में रखते हुए, यह न्यायालय प्रतिवादी संख्या 5 द्वारा पारित संदर्भ संख्या ZD1802240090xx दिनांक xx.02.2024 वाले विवादित आदेश को रद्द करके तत्काल रिट याचिका को बंद करना उचित समझता है। अब मामला सक्षम क्षेत्राधिकार अधिकारी को वापस भेज दिया गया है ताकि यदि आवश्यक हो तो उचित आदेश पारित किया जा सके।” 

यह लेखक के निजी विचार हैं। यह लेख एक्ट, नियम, नोटिफिकेशन और सर्कुलर के आधार पर निर्मित किया गया है।जिसका उपयोग टैक्स प्रोफेशनल की सलाह से करे।लेखक की कोई जिम्मेदारी नहीं है।

Sponsored

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Ads Free tax News and Updates
Sponsored
Search Post by Date
December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031