Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

Financial Planning for Home-Maker

एक होम-मेकर (Home-Maker) होना बहुत गर्व और आनंद का विषय है। अपने परिवार के सुनहरे भविष्य के लिए एक गृहणी के रूप में कई कर्तव्यों को पूरा करने में अपना सतत योगदान एक बड़ी इमारत के नीवं के पत्थर जैसा है, जिस पर सब कुछ टिका हुआ रहता है।

फण्ड प्लानिंग एक ऐसी जिम्मेदारी है जो एक होम-मेकर के दिमाग में हमेशा किसी न किसी रूप में चलती रहती है। एक गृहणी के रूप में आप पारिवारिक आय के सीमित स्रोत के भीतर ही छोटे-बड़े सभी पहलू और जरूरतों को समायोजित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। एक गृहणी के रूप में अपने दायित्व के कुशल निर्वहन के लिए ‘अनुशासन’ और ‘प्लानिंग’ ये दो सबसे जरूरी टूल्स हैं।

एक गृहणी के रूप में घर का बेहतर मैनजमेंट करते हुए सेविंग्स को कैसे बढ़ाना ?! यदि आपके दिमाग भी ये पहलु छाया हुआ है, तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि यहां आपको मिलने वाले हैं कुछ फण्ड प्लानिंग टिप्स जिनको अपना कर एक होम-मेकर् द्वारा बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया जा सकता है ।

प्रत्येक माह का बजट बनाएं (Make Budget for Each Month)

एक डायरी में माह के फिक्स्ड एवं वेरिएबल खर्चो का प्लान पहले ही बना लें। बजट बनाने से आशय खर्चे कम करना नहीं होता, किन्तु खर्चों की प्राथमिकता तय करना होता है, ताकि जरूरी कार्यों पर खर्च पहले किया जाए। बजट बनाते समय फिक्स खर्चे जैसे रेंट, लोन की किश्त, बिजली बिल, बच्चों की फीस, बचत की फिक्स राशि, को वरीयता देते हुए वेरिएबल खर्चे जैसे मनोरंजन, ट्रेवलिंग, शॉपिंग, आदि को बची हुई राशि के हिसाब से ही प्लान करें।

इमरजेंसी फण्ड बनाएं और हर महीने उसमे पैसा डाले (Make Emergency Fund)

एक इमरजेंसी फण्ड बनाकर उसमें हर माह के बजट की निश्चित प्रतिशत राशि जोड़ते जाएं। ये फण्ड आपकी एक गुल्लक में, बैंक खाते में या ई-वॉलेट में भी जमा कर सकते हैं। अचानक आने वाले खर्चे जैसे चिकित्सा, यात्रा, मरम्मत आदि के समय ये फण्ड काफी काम आएगा। जन्मदिवस, शादी की सालगिरह आदि मौको पर मिलने वाली भेंट राशि को अनिवार्यतया इसी फण्ड में डालने का नियम बना लें। इमरजेंसी फण्ड को सिर्फ अतिआवश्यक आकस्मिक खर्चों के लिए ही उपयोग में लाने ले नियम बनाएं।

खर्चे से पहले बचत को प्लान करें (Plan your Savings before expenses)

आय में से खर्चा करने के बाद यदि राशि बची तो ही बचत करना इस सिद्धांत की बजाय मासिक आय में से पहले निश्चित राशि की बचत करने के बाद बची हुई राशि को ही खर्च करना, इसकी आदत डालें। याद रहे, बचत महीने की पहली तारीख को ही होनी चाहिए, आखिरी तारीख को नहीं।

सेविंग यानी बचत की आदत सिर्फ पैसो तक ही नहीं, आप घर के रिसोर्सेज जैसे बिजली, पानी, गैस आदि की बचत की भी आदत पूरे परिवार में डाल कर संसाधनों के साथ ही पैसो की भी बचत कर सकती हैं। अपने बच्चों का भी बैंक खाता खुलवाकर बचपन से उन्हें बचत के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को परिवार से मिलने वाली शगुन राशि, प्रतियोगिता में जीती इनाम राशि आदि को उनके ही खाते में जमा करवा कर उन्हें उत्साहित करें।

बचत को पैसा कमाने में लगाएं (Invest Your Saving to make Money)

बचत की राशि भले कितनी ही छोटी या बड़ी हो, इसे पैसा कमाने में लगाये। छोटी छोटी सेविंग्स की आदत के लिए आप SIP सिस्टम का प्रयोग करके म्यूच्यूअल फण्ड, रेकरिंग डिपाजिट, आदि के मध्यम से पैसा इन्वेस्ट कर सकती है। कई बैंक आजकल सेविंग खातों पर भी अच्छा ब्याज देने लगे हैं। सेविंग खाते, रेकरिंग डिपाजिट, पोस्ट आफिस स्कीम्स आदि में अपने इमरजेंसी फण्ड को रख सकते हैं। लांग टर्म सेविंग को सलाहकार के माध्यम से फिक्स्ड डिपाजिट, म्यूच्यूअल फण्ड, टैक्स सेविंग फण्ड, इक्विटी शेयर, गोल्ड फण्ड, आदि में निवेश करके उसे और पैसा कमाने में लगाया जाना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड पर ऑफर्स के लालच से बचें (Limit Your Credit Card Dues)

मनोरंजन एवं ट्रेवल आदि पर कई बार लुभावने ऑफर्स के आधार पर अनियोजीत खर्चों से बचें। सिर्फ वो ही खर्चे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से करें, जो आपके बजट में प्लान किये गए हैं।

घर की अनुपयोगी वस्तुओं को ट्रेड करें (Trade Old Household goods)

पुराना फर्नीचर, पुराने कपडे, पुराने बर्तनों को नया समान खरीदते समय ट्रेड / एक्सचेंज करने की आदत बनाए। इस से आप अच्छी राशि बचाने में समर्थ हो सकते हैं ।

इन्शुरन्स कवर खरीदे (Buy Insurance)

आकस्मिक खर्चे जैसे अस्पताल, दवाइयों आदि से बचने के लिए प्रतिवर्ष एक निश्चित राशि इन्शुरन्स प्रीमियम में भर कर स्वास्थ बीमा खरीदें। स्वास्थ्य बीमा आप सरकारी योजना में या अपने बैंक के माध्यम से भी कम दरों पर खरीद सकते हैं। बीमा कवर आपको आकस्मिक खर्चो से सुरक्षा प्रदान करेगा और आपके इमरजेंसी फण्ड को सुरक्षित रखेगा। इसी तरह अपनी टू व्हीलर एवं कार का भी बीमा अवश्य कराएं।

इन छोटी छोटी आदतों से आप घर की बेहतर वित्तीय प्लानिंग करने जीवन मे आने वाली अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम बन सकती हैं।

(लेखक आर्थिक विशेषज्ञ है एवं वित्तीय मामले के जानकार है| पूर्व में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सहायक उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके है एवं वर्तमान में इंक्लूसिव ग्रोथ फाउंडेशन के माध्यम से MSME अवेयरनेस, वित्तीय जागरूकता, लघु उद्यम जागरूकता पर कार्य कर रह हैं| ये लेखक के निजी विचार हैं, इस लेख के सम्बन्ध में सुझाव, विचार लेखक के ईमेल आई डी [email protected] पर भेजें जा सकते हैं| )

Sponsored

Author Bio

Empowering MSMEs | Project Finance Expert | SME Finance Expert | Infra &; PPP Expert| www.effologic.in Professional with over 14 years of extensive experience in Finance and Banking with expertise in areas such as PPP, Project Finance, Infrastructure Finance, Asset Reconstruction, Credit View Full Profile

My Published Posts

MSME ऋण में स्टाम्प ड्यूटी में बड़ी छूट – 25 लाख तक के लोन पर मोर्टगेज ड्यूटी सिर्फ 500 रुपये One Time Settlement (OTS) of Bank Loan is Not a Right of Borrowers Madhya Pradesh – Change Land Use on Self-assessment basis (Hindi Article) कोरोना क्रायसिस में बिज़नेस फायनंस को कैसे संभाले ? Indian MSMEs need Cashflow based Financing!! View More Published Posts

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Ads Free tax News and Updates
Sponsored
Search Post by Date
December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031