मध्यप्रदेश | सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं | पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा मेक इन इंडिया , स्टैंड अप इंडिया मुद्रा , वोकल फॉर लोकल आदि योजनाओं के माध्यम से MSME उद्यम क्षेत्र में नई ऊर्जा भरने के प्रयास किये जा रहे हैं | विभिन्न तरह के पूंजीगत सब्सिडी और अन्य वित्तीय रियायतों के पैकेज भी सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्योगों को दिए जा रहे हैं | इसी क्रम में मध्यप्रदेश भी व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र में भारत अग्रणी राज्य बनने के लिए निरंतर प्रयासरत है | मध्यप्रदेश राज्य की MSME निवेश प्रोत्साहन योजना के माध्यम से चयनित श्रेणिओं में नए उद्योगों को 48% तक की कैपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है |
इसी क्रम में मध्यप्रदेश शासन द्वारा MSME उद्यमों को ऋण प्राप्ति से सम्बंधित लगने वाली मॉर्गेज स्टाम्प ड्यूटी (अचल संपत्ति के मॉर्गेज पर लगने वाली )और हायपोथीकेशन (चल संपत्ति जैसे स्टॉक – करंट एसेट्स आदि पर लगने वाली) स्टाम्प ड्यूटी के सम्बन्ध में समय समय पर विशेष रियायतें प्रदान की गई है | इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) की स्थापना हेतु बैंक / वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए 25 लाख तक के ऋण की सिक्योरिटी के तौर पर अचल संपत्ति के एकविटेबल मोर्टगेज डिक्लेरेशन पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी ( जो की पूर्व में MSME हेतु ऋण राशि का 0.25% थी) को घटा कर फ्लैट पांच सौ रुपये (500/-) कर दिया गया है | इस कदम से जहाँ छोटे उद्यमों को ऋण प्राप्ति की लागत में कमी आएगी एवं अधिक उद्यमी ऋण लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे|
वैसे राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 से ही इस सन्दर्भ में घोषणा जारी कर दी थी, फिर भी व्यापक प्रचार प्रसार के अभाव में कई MSME द्वारा 25 लाख तक के लोन पर मोर्टगेज ड्यूटी 0.25% के आधार पर भरी जा रही है | अतः आवश्यक है कि 24 जनवरी 2018 के इस परिपत्र का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि राज्य के अधिक से अधिक सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) इस परिपत्र के माध्यम से दी गई छूट का लाभ उठा सकें |
(लेखक आर्थिक सलाहकार है एवं वित्तीय मामले के जानकार है | पूर्व में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सहायक उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके है एवं वर्तमान में इंक्लूसिव ग्रोथ फाउंडेशन के माध्यम से MSME अवेयरनेस लघु उद्यम जागरूकता पर कार्य कर रह हैं | | ये लेखक के निजी विचार हैं, इस लेख के सम्बन्ध में सुझाव, विचार लेखक के ईमेल आई डी [email protected] पर भेजें जा सकते हैं |)