सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन-फ्लिपकार्ट से जुड़े मामले कर्नाटक हाईकोर्ट भेजे: सभी केस एक जैसे इसलिए सुनवाई एक जगह पर हो।’
Summary: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन और फ्लिपकार्ट पर प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट के धारवाड़ बेंच में स्थानांतरित कर दी है। ये याचिकाएं भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की 2019 से चल रही जांच पर आधारित हैं, जिसमें आरोप है कि इन कंपनियों ने कुछ विक्रेताओं को प्राथमिकता देकर ई-कॉमर्स मार्केट में असमानता पैदा की। 6 जनवरी 2024 को जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने इन याचिकाओं को एकीकृत सुनवाई के लिए निर्देशित किया। CCI ने आरोप लगाया है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने सैमसंग, श्याओमी, रियलमी, और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों के साथ मिलकर एक्सक्लूसिव उत्पाद लॉन्च किए और भारी छूट दी, जिससे छोटे रिटेलर्स को नुकसान हुआ। ये मामले 15 जनवरी 2025 से सुनवाई के लिए निर्धारित हैं। CCI की जांच में पता चला कि कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा विक्रेताओं को लॉजिस्टिक्स और मार्केटिंग सेवाओं में छूट दी, जो प्रतिस्पर्धा विरोधी है। CCI ने संबंधित कंपनियों से उनके वित्तीय विवरण पेश करने का निर्देश दिया है। इस मुद्दे पर न्यायालय का अंतिम निर्णय भविष्य में स्पष्ट करेगा कि क्या ये प्रथाएं नियमों का उल्लंघन करती हैं।
(संदर्भ -भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) बनाम क्लाउडटेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रिट पिटीशन संख्या 26627/2024)
सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर देश की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट के धारवाड़ बेंच में इनकी सुनवाई होगी. वहां सिंगल बेंच को इस पर फैसला सुनाना है। सभी अन्य हाईकोर्ट से रिट ट्रांसफर कर दी गई है। तथा सुनवाई संभवतया 15 जनवरी 2025 को होगी।
यह कि मामले की सुनवाई 6जनवरी 2024को सुप्रीम कोर्ट की पीठ जिसमें जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान ने की। कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में शामिल सब्जेक्ट मैटर एक है जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही है।
कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल 3 दिसंबर2024 को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
याचिका में CCI ने कहा था- ई कॉमर्स कंपनियां जांच रोकने की कोशिश कर रही।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए CCI ने कहा था कि कंपनियां हाई कोर्ट की जांच रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग कोर्ट में पिटीशन जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर कर चुनौतियां पेश कर रही हैं।
CCI ने कोर्ट से सैमसंग, वीवो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ वेंडर्स की 24 शिकायतों पर सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
अमेजन-फ्लिपकार्ट पर एंटीट्रस्ट-लॉ के उल्लंघन का आरोप का मामला 2019 में CCI की जांच से जुड़ा है। कॉम्पिटिशन कमिशन ने जांच के बाद आरोप लगाया था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कुछ चुनिंदा सेलर्स को मार्केट में ज्यादा प्रायोरिटी दी।
कंपनियों की इस गड़बड़ी का असर भारत के ई-कॉमर्स मार्केट पर पड़ा। CCI की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ने जांच में पाया कि दोनों कंपनियों ने एंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन किया है।
इसके अलावा, सैमसंग और वीवो जैसे स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स के साथ स्पेशल ऑनलाइन लॉन्च के लिए मिलीभगत को उजागर किया गया।
कंपनियों ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
याचिका की पृष्ठभूमि-
ई कॉमर्स कम्पनी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ स्मार्टफोन कंपनियों की मिली भगत सीसीआई की रिपोर्ट में खुलासा –
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग COMPECITION कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) ने सैमसंग, श्यओमी और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों पर अमेजॉन और वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट के साथ मिली भगत का आरोप लगाया है ।
कंपटीशन कमिशन आफ इंडिया (CCI) का कहना हैकि इन कंपनियों ने ई-कॉमर्स साइट से मिलकर उनकी साइट्स पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स लॉन्च किए ।जो प्रतिस्पर्धा विरोधी कानून का उल्लंघन है। इस विषय में प्रस्तुत लेख से स्पष्ट होगा की कंपटीशन कमिशन आफ इंडिया (CCI) का क्या कहना है ?
कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) ने सैमसंग श्यओमी और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों पर अमेजॉन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट के साथ मिली भगत का आरोप लगाया है ।कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) का कहना है कि इन कंपनियों ने ई-कॉमर्स साइट से मिलकर उनकी साइट्स पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट लॉन्च किया जो प्रतिस्पर्धा विरोधी कानून का उल्लंघन है। विभिन्न एजेंसी की रिपोर्ट्स के मुताबिक जिसमें मुख्य एजेंसी रोहिताश की की रिपोर्ट के अनुसार कंपटीशन कमिशन आफ इंडिया (CCI) ने अपनी जांच में पाया कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट में खास विक्रेता को प्रेफरेंस और कुछ लिस्टिंग की प्रायोरिटी और भारी डिस्काउंट दिया जिसे अन्य कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा जो स्थानीय विधि का उल्लंघन है ।
कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) ने इस प्रकार की बिक्री को खतरनाक बताया है अमेजॉन पर तैयार 1027 पेज की रिपोर्ट में कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने स्पष्ट किया है कि अमेजॉन और उसके सहयोगियों ने साथ मिलकर पांच कंपनियां सैमसंग, श्यओमी, मोटरोला, रियलमी और वनप्लस के भारतीय इकाइयों ने एक्सक्लूसिव फोन लॉन्च किया जो प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन है। फ्लिपकार्ट के मामले में (CCI) ने 1696 पेज की रिपोर्ट में कहा कि सैमसंग, मोटोरोला, वीवो ,लेनेवो, रियलमी और श्यओमी की भारतीय इकाइयों ने एक्सक्लूसिव फोन लॉन्च किया। सीसीआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ने 9 अगस्त2024 की तारीख में एक रिपोर्ट्स लिखी है ।जिसमें एक्सक्लूसिव बिक्री ने सिर्फ फ्री एंड फेयर कंपटीशन के खिलाफ है ,बल्कि ग्राहकों के हितों के खिलाफ भी है ।CCI ने यह भी कहा कि दोनों ने विदेशी निवेश का इस्तेमाल करके चुनिंदा विक्रेताओं को सस्ती दरों पर गोदाम और मार्केटिंग जैसी सर्विस दी ।
विवाद की शुरुआत फ्लिपकार्ट ,अमेजॉन और उनके विक्रेताओं की जांच वर्ष 2020 में देश के सबसे बड़े रिटेलर्स एसोसिएशन कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेड (कैट) से जुड़ी 8 करोड़ सदस्य वाली एक संस्था की शिकायत से शुरू हुई थी। जिसमें इंडियन रिटेलर्स ने फ्लिपकार्ट और अमेजन के साथ अन्य स्मार्टफोन कंपनियों पर बार-बार आरोप लगाया कि उनके द्वारा रिटेलर्स को लेटेस्ट मॉडल नहीं मिलते हैं जिससे उनके व्यापार को कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है। भारतीय अनुसंधान कम्पनी गोतम इंटेलिजेंस (DATUM Intelligence)का अनुमान है कि पिछले वर्ष 50% फोन की बिक्री ऑनलाइन से हुई थी ।जो वर्ष 2013-14 में 14.5% पर थी ।फ्लिपकार्ट की ऑनलाइन बिक्री 2023 में 55 परसेंट की हिस्सेदारी थी और अमेजॉन की 35% की हिस्सेदारी थी जिससे स्थानीय रिटेलर को काफी नुकसान हुआ।
अब CCI सीसीआई ने अपनी रिपोर्ट्स के आधार पर कुछ स्मार्टफोन कंपनियां सैमसंग ,वनप्लस, रियलमी, मोटरोला, और श्यओमी को 2024 तक केगत 3 वर्षीय के लिए अपनी फाइनेंशियल स्टेटमेंट पेश करने का आदेश दिया है। जो ऑडिटर से प्रमाणित हो। यह आदेश 28 अगस्त2024 की तारीख में दिया गया है ।जानकारी के मुताबिक सीसीआई आने वाले हफ्तों में अपनी रिपोर्ट्स पर फ्लिपकार्ट, रिटेलर्स एसोसिएशन, अमेजॉन और स्मार्टफोन कंपनियों की आपत्ति की समीक्षा करेगा। जिसके बाद अर्थ दंड की कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही कंपनियों को अपने बिजनेस पार्टनर में बदलाव के लिए कहा जा सकता है। देश में ई कॉमर्स/रिटेल मार्केट में तेजी से बढ़ रहा है और कंसल्टेंसी फर्म VAN के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2028 तक इसका 16000 करोड डॉलर के पास व्यापार पहुंचने की उम्मीद है ।जो वर्ष 2023 में 6000 करोड डॉलर का था।
निष्कर्ष
उपरोक्त व्याख्या से स्पष्ट है कि ई कॉमर्स कंपनी जिसमें मुख्य अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से संबंधित CCI की जांच से संबंधित रिट पिटीशन का निर्णय होना है। कि क्या ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने नियमों को तोड़ा है । यह आने वाले समय में स्पष्ट हो सकेगा
यह लेखक के निजी विचार हैं। किसी भी निर्णय पर जाने से पूर्व मान्य सर्वोच्च न्यायालय और सीसीआई की रिपोर्ट का संदर्भ ग्रहण करें।