हर वित्त वर्ष के अंत में वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियां बहुत सक्रिय हो जाती हैं. इनमें बैंक, बीमा कंपनी और फंड हाउस शामिल हैं. ये केवल ईमेल और मैसेज से नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी होर्डिंग के जरिए एक ही बात का प्रचार करते दिखती हैं. वे बताती हैं कि कैसे आप उनके प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर टैक्स बचा सकते हैं. टैक्स सेविंग सीजन का फायदा उठाने के लिए अब मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर भी इसमें कूद पड़े हैं. कई बड़े सेंटर एसएमएस भेजकर और अखबारों में इश्तिहार के जरिए लोगों को बता रहे हैं कि कैसे उनके यहां प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप कराकर टैक्स बचाया जा सकता है. ये मेडिकल लैब अपने मैसेज में कह रही हैं, ‘सेव टैक्स एंड योर हेल्थ’ यानी टैक्स और अपनी सेहत बचाएं.
The Accounts hub के Tax Advisor Jitendra Sharma कहते है, “Don’t tax your health, Don’t tax your wealth, preventive care check-ups save you and your tax. Book now” (न सेहत पर टैक्स लगाएं न दौलत पर, प्रीवेंटिव केयर चेक-अप आपको और आपके टैक्स को बचाता है. अभी बुक करांए )
आप कैसे बचा सकते हैं टैक्स?
मेडिकल लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर एक बात का फायदा उठाते हैं. इसके लिए आयकर कानून के सेक्शन 80डी का सहारा लिया जाता है. इसमें इनकम से टैक्स वसूलने से पहले डिडक्शन के तौर पर ‘प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप’ पर एक वित्त वर्ष में 5,000 रुपये तक के खर्च को क्लेम किया जा सकता है. इस यूएसपी का इस्तेमाल कर ये लैब लोगों को वित्त वर्ष के अंत से पहले मेडिकल टेस्ट कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. कानून के अनुसार, प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च को डिडक्शन के तौर पर क्लेम किया जा सकता है. फिर चाहे आप किसी मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस से कवर हों या नहीं.
The Accounts hub के Tax Advisor Jitendra Sharma कहते है कि जरूरी नहीं कि टैक्स बचत के लिए अपना ही प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप कराया जाए. यह परिवार के किसी सदस्य के भी लागू है.
क्लेम खारिज न हो यह सुनिश्चित करने के लिए क्या करें?
Tax Advisor Jitendra Sharma कहते हैं कि हेल्थ चेक-अप पर खर्च के लिए अधिकतम 5,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. याद रखना चाहिए कि प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप के लिए डिडक्शन की रकम चुकाए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की कुल सीमा के दायरे में आती हो.
खुद, जीवनसाथी और आश्रित बच्चों के लिए चुकाए जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर एक वित्त वर्ष में 25,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. 60 साल से ज्यादा की उम्र होने पर यह 50,000 रुपये है. माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25,000 रुपये या 50,000 रुपये तक अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. यह उनकी उम्र पर निर्भर करता है.
इस तरह अगर आपने 20,000 रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम दिया है तो प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप के लिए उपलब्ध अधिकतम रकम के लिए डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, प्रीमियम के तौर पर 23,000 रुपये दिए हैं तो प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप के लिए केवल 2,000 रुपये की रकम क्लेम की जा सकती है.
कितना टैक्स बचा सकते हैं आप?
वैसे तो डिडक्शन के लिए 5,000 रुपये उपलब्ध हैं. लेकिन, टैक्स की बचत इस बात पर निर्भर करेगी कि आपकी इनकम पर कितना टैक्स लगता है. यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि सभी दस्तावेज को सुरक्षित रखें. इनमें डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन, मेडिकल टेस्ट की रसीदें और अन्य साक्ष्य शामिल हैं. आयकर विभाग के सबूत मांगने पर इन्हें पेश किया जा सकता है.
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