Highlights
♥ फॉर्म को बनाने में केंद्रीय बजट 2018-19 से जुड़ी घोषणाओं को ध्यान में रखा गया है
♥ 5 लाख रुपये से ज्यादा की एग्रीकल्चरल इनकम को अब अलग से बताना होगा
♥ ITR 1 फॉर्म में स्टैंडर्ड डिडक्शन की फील्ड अलग से जोड़ी गई है
इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय नजदीक आ रहा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए नए ITR फॉर्म जारी कर दिए हैं. इन फॉर्मों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. इनमें करदाता से ज्यादा जानकारी मांगी गई है. करदाता इन जानकारियों को देने से इनकार नहीं कर सकते. Tax Consultant Jitendra Sharma कहते हैं, “इसके पीछे मकसद कर चोरी को रोकना और सिस्टम की खामियों को दूर करना है.”
रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. पेनाल्टी से बचने के लिए इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लेने में समझदारी है. वेतन पाने वालों के लिए ITR 1 और ITR 2 फॉर्म होते हैं. इनमें भी बदलाव हुए हैं. इन बदलावों को समझ लेना जरूरी है. ITR 1 और ITR 4 ऑनलाइन फाइलिंग के लिए incometaxindiaefiling.gov.in पर पहले से ही उपलब्ध हैं. अन्य को भी जल्दी अपलोड कर दिया जाएगा.
कैसा है नया ITR 1
फॉर्म को बनाने में केंद्रीय बजट 2018-19 से जुड़ी घोषणाओं को ध्यान में रखा गया है. इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन की फील्ड जोड़ी गई है. आप सीधे 40,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसी तरह वरिष्ठ नागरिक बचत से ब्याज पर 50,000 रुपये की छूट क्लेम कर सकते हैं.
इसके अलावा फॉर्म अन्य स्रोतों से आय के बारे में बताने के लिए कहता है. पिछले साल तक आपको केवल एक फिगर बताने की जरूरत पड़ती थी. अगर कोई एक्जेम्प्ट इनकम है तो इसका भी ब्योरा देना पड़ेगा.
–ज्यादा जानकारियां देनी होंगी
ITR 2 में रेजिडेंशियल स्टेटस के बारे में बताते हुए भारत में बिताए गए दिनों की विस्तृत जानकारी देनी होगी. 2018-19 तक आपको केवल तीन विकल्पों के बीच चुनाव करना पड़ता था. इनमें रेजिडेंट, रेजिडेंट बट नॉट ऑर्डिनेरिली रेजिडेंट और नॉन-रेजिडेंट शामिल हैं.
देनी होगी घर खरीदने की जानकारी
अगर आपने कोई प्रॉपर्टी बेची है तो अब ज्यादा स्क्रूटनी के लिए तैयार हो जाएं. Tax Consultant Jitendra Sharma कहते हैं, “आपको खरीदार का नाम, पैन, ट्रांजेक्शन का मूल्य और प्रॉपर्टी का पता बताना होगा.” अगर घर खरीदने वाले कई लोग हैं, तो उन सभी का ब्योरा साझा करना पड़ेगा.
वेतन पाने वालों के संदर्भ में हुए बदलाव
ITR 1 (सहज)
कब करना है इसका इस्तेमाल…
-अगर भारत में रहते हैं; सैलरी, पेंशन और ब्याज से इनकम 50 लाख रुपये तक है; एक घर है; कृषि से इनकम 5,000 रुपये तक है.
तब न करें इस्तेमाल…
-अगर कंपनी के डायरेक्टर हैं; गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया है; कैपिटल गेंस घोषित करना बचा है.
ITR 1 के इस्तेमाल पर बंदिशें
अगर आपने गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया है तो आप इस साल ITR 1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इसका उपयोग वे भी नहीं कर सकते हैं जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं. यह फॉर्म तभी प्रासंगिक है, अगर कृषि से इनकम 5,000 रुपये से कम है. यह सीमा पार हो जाने पर ITR 2 का इस्तेमाल करना होगा.
गैर–सूचीबद्ध शेयरों का डिस्क्लोजर ITR 2 में उन सभी गैर-सूचीबद्ध कंपनियों का ब्योरा देना होगा, जिन्हें होल्ड किया गया है. आपको कंपनी का नाम, पैन, शेयरों की संख्या, खरीद का मूल्य इत्यादि बताना होगा.
अन्य बदलाव ITR (सहज) –
एचआरए जैसी एक्जेम्प्ट इनकम का ब्योरा देना है. अन्य स्रोतों से इनकम का नेचर बताना है. -सेक्शन 80टीटीबी के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन और डिपॉजिट से ब्याज आय पर एक्जेम्प्शन के लिए फील्ड शुरू की गई है.
ITR 2 –
भारत में और विदेश में बिताए गए दिनों की विस्तृत जानकारी देनी है.
-गैर-सूचीबद्ध शेयरों की जानकारी बतानी है.
-प्रॉपर्टी बेची है तो खरीदारों की जानकारी देनी है.
-कृषि आमदनी से जुड़े ब्योरे देने हैं.
कृषि आमदनी इस साल फॉर्मों में कृषि से इनकम एक और फोकस एरिया है. Tax consultant Jitendra Sharma कहते हैं, “5 लाख रुपये से ज्यादा की एग्रीकल्चरल इनकम को अब अलग से बताना होगा. इसमें जिले का पिन कोड, भूमि की नाप इत्यादि जैसे ब्योरे शामिल हैं.”