CA Sudhir Halakhandi
इनपुट क्रेडिट भाग -1
जी.एस.टी.के दौरान इनपुट क्रेडिट एक बहुत मुख्य भाग है और जी.एस.टी. की एक जो सबसे अच्छी बात है वह यह है कि अब आपको लगभग उन सभी सेवाओं और माल की खरीद पर चुकाए हुए कर की इनपुट क्रेडिट मिलेगी जो कि आप अपने व्यापर के दौरान व्यापर की बढ़ोतरी के लिए – “During the course of business and for furtherance of business” खरीदते या प्राप्त करते है.
कर पर कर के युग की समाप्ती “अभी तक होता यह था कि आप जब वेट का भुगतान करते थे तो इस समय आपको सेंट्रल एक्साइज का इनपुट नहीं मिलता था और जब आप सेंट्रल एक्साइज का भुगतान करते थे तो आपको वेट का इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता था . यही सम्बन्ध वेट और सर्विस टैक्स का भी था.” इसे ही कास्केडिंग इफ़ेक्ट कहते है जो कि कर पर कर की स्तिथी है जो कि इस वक्त की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की एक सबसे बड़ी कमी बताई जाती है. |
अब आप जो भी कर चाहे वह केंद्र का सी.जी.एस.टी. हो , राज्य का एस.जी.एस.टी. या दो राज्यों के बीच व्यापार के दौरान चुकाया हुआ आई.जी.एस.टी. हो जो कि आपने माल, सेवा या पूंजीगत माल (Capital Goods) चुकाया हो की इनपुट क्रेडिट आपको मिल जायेगी.
क्या अब व्यापार के दौरान और व्यापार की बढ़ोतरी में खरीदी गई प्रत्येक वस्तु और सेवा पर इनपुट क्रेडिट मिल जायेगी.
-हाँ आप लगभग ऐसा ही समझ सकतें है क्यों कि इसके सम्बन्ध में कुछ सेवाओं और माल की छूट पर या तो प्रतिबन्ध या इनपुट क्रेडिट कुछ शर्तं के साथ मिलने वाली है लेकिन यह सूचि बहुत ही सीमित है अत: यह ज्यादा प्रभाव डालने वाली नहीं है . इन सेवाओं आर माल का जिक्र हम आगे के भाग-2 करेंगे.
आपने सितम्बर माह में 10 लाख रुपये का माल बेचा जिसे आपने 9.50 लाख में खरीदा था और इस माल पर कर की दर 12 प्रतिशत है . मान लीजिये इसमें से 6 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है और 6 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. है . इस प्रकार आपका आउटपुट कर एस.जी.एस.टी. के तहत 60000.00 रूपये है और एस.जी.एस.टी. के तहत भी इसी तरह से 60000.00 रूपये होता है. आपने यह माल खरीदते समय जो कर का भुगतान किया वह एस.जी.एस.टी. 57000.00 एस.जी.एस.टी. होगा और इतना ही सी.जी.एस.टी. होगा और यह आपकी इनपुट क्रेडिट होगी . इस प्रकार इस माल की खरीद बिक्री से आपका कर दायित्व एस.जी.एस.टी. में 3000.00 एवं सी.जी.एस.टी. में भी 3000.00 रूपये बनेगा जो कि आपके मार्जिन 50000.00 का 6 प्रतिशत तो एस.जी.एस.टी. में होगा और इतना ही कर सी.जी.एस.टी. में बनेगा . इसी माह में आपके व्यवसायिक टेलीफोन का बिल 2000 .00 था जिस पर 18 प्रतिशत की दर से 360 जिसमें से 180.00 रुपये एस.जी.एस.टी.था और 180.00 रूपये ही सी.जी.एस.टी. थी अब आप कर का भुगतान करते समय आपके मासिक कर दायित्व में से 180.00 एस.जी.एस.टी. में से कम कर लेंगे और 180.00 सी.जी.एस.टी. में से कम कर लेंगे. इस प्रकार कर का भुगतान करते समय आप एस.जी.एस.टी. के 2820.00 रूपये का भुगतान करेंगे और इतना ही कर सी.जी.एस.टी. में भुगतान करेंगे. इस प्रकार आपको समझ आ गया होगा कि किस प्रकार अब आपको इनपुट क्रेडिट जी.एस.टी. के दौरान काम में लिए प्रत्येक माल और सेवा के लिए भी मिलेगी. |
क्या रिवर्स चार्ज के दौरान भुगतान किये गए कर की इनपुट क्रेडिट भी जी.एस.टी. के दौरान मिलेगी.
-इस इनपुट क्रेडिट में आप द्वारा रिवर्स चार्ज के दौरान जो कर दिया जाता है वह भी शामिल किया जाएगा उसमे वह कर भी शामिल होगा जो कि आपने अन- रजिस्टर्ड डीलर्स से खरीद कर उस पर कर चुकाया है.
मान लीजिये आप कृषी मंडी में एक किसान से तिलहन खरीदते है माह मई में 10 लाख रूपये का और चूंकि किसान एक अन- रजिस्टर्ड डीलर है अत: वो आपसे कर नहीं लेते है तो इस समय तो यह आपकी अन रजिस्टर्ड डीलर से खरीद हो जाती है और खरीद के समय आपको इस पर कोई कर नहीं चुकाना होता है .इसकी बिक्री पर ही कर चुकाना होता है . लेकिन यदि यही खरीद आप जुलाई में करते है और तब तक जी.एस.टी. लग चुका है तो आपको इस माल 2.50% की दर से एस.जी.एस.टी. चुकाना होगा और इसी दर से 2.50% दर से सी.जी.एस.टी. चुकाना होगा और इसके लिए आपको एक बिल भी बनाना होगा जिसमें खरीददार भी आप ही होंगे . इसे आप कुछ राज्यों में लगने वाले खरीद कर अर्थात PURCHASE TAX से भी कर सकते है . इस प्रकार खरीद का यह व्यवहार आपकी खरीद भी होगी और इस पर आप ही कर चुकायेंगे और इसकी भी आपको “इनपुट क्रेडिट” भी मिल मिलेगी . |
इनपुट क्रेडिट प्राप्त करने के लिये क्या – क्या दस्तावेज पेश करने होंगे और इसके लिए क्या क्या अनिवार्यता होगी.
– आइये इनका अध्ययन करें
1. आपके पास इनवॉइस या डेबिट नोट या वह दस्तावेज होना चाहिए .
2. आपको वह सेवा या माल अथवा दोंनों प्राप्त हो जाने चाहिए . 3. आपने जिस माल या सेवा को खरीदा है उसके सेवा प्रदाता ने या माल बेचने वाले ने कर का भुगतान कर दिया है . 4. आपने अपना मासिक रिटर्न भर दिया है . |
इनपुट क्रेडिट मिसमैच
यदि आपके विक्रेता आप को बेचे गए माल पर कर नहीं चुकाते है या इसकी विगत अपने बिक्री के रिटर्न में समुचित रूप से नहीं दिखाते है तो आपको यह मौक़ा मिलेगा कि आप इसमें जब यह आपके खरीद के रिटर्न में अपने आप आये तो आप इसमें संशोधन कर सकते है लेकिन यदि यह संशोधन आपके विक्रेता द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है तो यह एक मिसमैच होगा और इसे आपको एवं आपके विक्रेता को रिटर्न भरने की अंतिम तिथी के बाद सूचित कर दिया जाएगा और जिस माह में आपको सूचित किया जाता है उस माह में इस मिसमैच का निस्तारण नहीं होता है तो यह खरीददार के उस माह से अगले माह कर में जोड़ दिया जाएगा और इसे आपको जमा कराना होगा. इस तरह अब सरकार मिस्मैच को लेकर लंबा इन्तजार करने को तैयार नहीं है . इस तरह से जब विक्रेता अपने रिटर्न सही करके इनपुट् क्रेडिट देगा तब यह क्रेडिट फिर से आपको मिल जायेगी . लेकिन अब आपको माल खरीदते वक्त सतर्क रहना होगा और आपके विक्रेताओं को भी प्रेरित करना होगा कि वे समय पर कर जमा कराएं और रिटर्न सही-सही भरे और इसके साथ ही आप जहाँ विक्रेता है वहाँ आप भी अपने रिटर्न सही – सही भरें ताकि आपके क्रेता किसी परेशानी में नहीं पड़े. (हमने अपने पिछले एक लेख एवं ऑडियो में भी इसका जिक्र किया था और उस संमय यह बताया था कि यह कर जिस माह में मिसमैच होता है उस माह में जमा करना होगा लेकिन उसे आप संशोधित कर लें और इसके लिए अब आपको ऊपर बताये अनुसार दो माह का समय मिल जाएगा ) |
क्या इनपुट क्रेडिट का कैपिटल गुड्स पर लिए गए डेप्रिसिएशन से भी कोई सम्बन्ध है ?
-हाँ यदि आप केपिटल गुड्स पर डेप्रिसिएशन लेते समय जी.एस.टी. के कर को भी जोड कर डेप्रिसिएशन लेते है तो ऐसे कर की इनपुट आपको नहीं मिलती है.
इस प्रकार यदि आप कैपिटल गुड्स पर जी.एस.टी. की इनपुट क्रेडिट लेना चाहते है तो कैपिटल गुड्स पर डेप्रिसिएशन लेते समय जी.एस.टी. कर को शामिल नहीं करें
क्या करमुक्त वत्तुओं के निर्माण के दौरान कोई वस्तु या सेवा पर कोई कर दिया है तो क्या उसका क्रेडिट मिलेगा ?
-करमुक्त वस्तुओं के निर्माण में जो इनपुट लगता है उसकी क्रेडिट नहीं मिलेगी . यह स्वाभाविक ही है क्यों कि आप जब करमुक्त वस्तुओं पर कोई कर ही नही दे रहे है तो आपको उसमें लगे किसी भी इनपुट का क्रेडिट नहीं मिलेगा.
यदि कोई डीलर करमुक्त और करयोग्य दोनों ही वस्तुओं में इनपुट का इस्तेमाल करतें है तो इनपुट क्रेडिट किस प्रकार मिलेगी ?
– ऐसी अवस्था में इनपुट क्रेडिट आनुपातिक रूप से मिलेगी और आपको उतना ही क्रेडिट मिलेगा जितना कि आप करयोग्य वस्तूओं और सेवाओं की सप्लाई के लिए काम में ले रहे हैं.
यदि किसी इनपुट का इस्तेमाल व्यापार के साथ व्यक्तिगत कार्य में भी लेते हैं तो इनपुट किस तरह से मिलेगी ?
– ऐसी अवस्था में भी इनपुट क्रेडिट आनुपातिक रूप से मिलेगी और जितना व्यक्तिगत उपयोग किया गया है उतनी क्रेडिट निरस्त हो जायेगी.
“जीरो रेटेड” गुड्स एवं सर्विसेज पर लगे इनपुट का क्या होगा ? कर तो यहाँ भी नहीं दिया जाता है तो क्या यहाँ भी इनपुट क्रेडिट निरस्त हो जायेगी ?
– जी.एस.टी. के दौरान जीरो रेटेड सप्लाई वो होती जो या तो निर्यात की जाती है या सेज (SEZ DEVELOPERS OR SEZ UNITS) डीलर्स को की जाती है .
इनपर लगी इनपूट क्रेडिट रिफंड हो जायेगी .
यहाँ ध्यान रखें कि जो जी.एस.टी. की सूचि जारी की गई है वहां जो NIL TAX में वस्तुएं है उन्हें आप ZERO RATED नहीं समझे वे करमुक्त वस्तुए है और उनपर कोई इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगी .
यदि किसी एक बिल से आने वाला माल की डिलीवरी किश्तों में होती है तो इनपुट क्रेडिट कब मिलेगी ?
– ऐसी अवस्था में इनपुट क्रेडिट डीलर को अंतिम डिलीवरी मिलने पर मिलेगी .
– क्या इनपुट क्रेडिट प्राप्त करने का कोई सम्बन्ध माल एवं सेवा के भुगतान से भी है ?
क्रेताओं को इस बात के लिए प्रोहत्साहित करने या उन्हें आपको भुगतान करने के लिए मजबूर करने के लिए जी.एस.टी. कानून में एक प्रावधान बनाया गया है जिसके तहत यदि कोई क्रेता अपने विक्रेता को माल खरीदने के 180 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करते है तो उनकी ऐसे माल पर जिसका भुगतान नहीं करते है की इनपुट क्रेडिट तब तक के लिए कैंसिल कर दी जायेगी और यह क्रेडिट उन्हें उस वक्त ही मिलेगी जब कि वे अपने विक्रेताओं को भुगतान कर दे.
-CA Sudhir Halakhandi
“Halakhandi”, Laxmi Market, Beawar-305901(Raj)
Cell- 9828067256, MAIL –[email protected]
Nice Sir,
Please continue publish your artical in Hindi
आपके द्वारा लिखा गया लेख बहुत ही सरल भाषा में हे और एक आम नागरिक को भी समझ आ सकता हे.
बहुत धन्यवाद
श्याम सुन्दर जोशी\
तेजपुर