GST Rules: 1 अक्टूबर से जीएसटी नियमों में बदलाव होने जा रहा है. वर्ष 2017-18 से किसी भी वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए E-Invoice जारी करना जरूरी हो जाएगा ।.
GST Rules: नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अक्टूबर, 2022 से ऐसे कई सारे नियमों में बदलाव आने जा रहा है, जिनका सीधा असर आम आदमी पर होगा. ऐसे ही एक नए नियम के अनुसार, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत 10 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर से E-Invoice को अनिवार्य कर दिया गया है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की एक सर्कुलर के अनुसार, ऐसे सभी व्यापारी जो B2B बिजनेस करते हैं, और जिनका सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें 1 अक्टूबर से इलेक्ट्रॉनिक चालान जनरेट करना जरूरी होगा.
सरकार द्वारा GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं ताकि टैक्स चोरी कम हो और कलेक्शन को बढ़ावा मिले. इसको लेकर अक्टूबर साल 2020 में सरकार ने यह फैसला लिया था कि ऐसी कंपनी जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है उन्हें अपने B2B लेनदेन पर ई-चालान जनरेट करना जरूरी होगा.
इसके बाद नियमों में बदलाव किए गए और 1 जनवरी 2021 को 100 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर रखने वाले व्यापारियों के लिए ई-चालान का नियम लागू किया गया. 1 अप्रैल 2021 को नियमों में फिर बदलाव हुआ और 50 करोड़ , 1 अप्रैल 2022 से 20 करोड़ तक के सालाना टर्न ओवर के लिए ये नियम रखा गया.
अब एक बार फिर इन नियमों में बदलाव हुआ है और अब जिन व्यापारीयों का सालाना टर्न ओवर 10 करोड़ से ज्यादा है, और बिजनेस टू बिजनेस का लेनदेन करते हैं उन्हें अब ई-इनवॉइस जनरेट (E-Invoice) जनरेट करना होगा.
ई–इनवॉइस (E-Invoice) से क्या है फायदा
GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) टैक्स पेयर्स E-Invoice ऑनलाइन E-Invoice रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिए भेजना होगा. इससे बिल बनाने में होने वाली गलतियों की संभावना कम हो जाएगी. साथ ही हर बार अलग-अलग फाइलिंग भी नहीं करना पड़ेगी. इससे चोरी और गलती दोनों की ही संभावना कम होगी.