यह कि राजस्व विभाग भारत सरकार द्वारा जीएसटी अधिनियम 2017 के नियममावली में नोटिफिकेशन संख्या 52 /2023 /केंद्रीय कर/ दिनांक 26 अक्टूबर 2023 से कुछ नियमों में संशोधन किया है। तथा इन नियमों के संशोधन के साथ इसका नाम केंद्रीय माल और सेवाकर चौथा संशोधन नियम 2023 घोषित किया गया है।
यह कि नोटिफिकेशन संख्या 52 /2023 /केंद्रीय कर /दिनांक 26 अक्टूबर 2023 में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं
i. यह कि केंद्रीय माल और सेवा कर चौथा संशोधन नियम 2023 नाम घोषित किया गया है।
ii. यह कि केंद्रीय माल और सेवा कर नियम 2017 के नियम 28 उपनियम 1 में संशोधन करते हुए किसी कंपनी के डायरेक्टर द्वारा दी गई गारंटी या प्रस्तावित गारंटी के संबंध में केंद्रीय माल और सेवा कर के नियम 28 उपनियम एक में उसे गारंटी के मूल्य पर या वास्तविक गारंटी मूल्य जो दोनों में अधिक हो पर एक प्रतिशत जीएसटी का नियम प्रतिस्थापित किया गया है।
iii. यह कि नियम 142 उपनियम 3 में फॉर्म जीएसटी डीआरसी 05 में आदेश शब्द के स्थान पर सूचना शब्द अंकित किया गया है।
iv. यह कि नियम 159 उपनियम 2 में अब कार्रवाई का समय एक वर्ष की अवधि घोषित की गई है ।अर्थात धारा 83 के अंतर्गत प्रोविजनल अटैचमेंट के लिए सभी करवाई प्रॉपर ऑफिसर द्वारा आदेश जारी करने से 1 वर्ष के अंदर पूर्ण करनी होगी।
v. यह कि नियमावली में रजिस्ट्रेशन के संबंध में फॉर्म जीएसटी REG 01 में अब रजिस्ट्रेशन के लिए वन पर्सन कंपनी का भी उल्लेख मिलेगा।
vi. यह कि फॉर्म जीएसटी REG 0 8 में टीडीएस, टीसीएस के लिए उत्तरदाई पंजीकृत व्यक्ति / कंपनी को और अधिक उत्तरदायित्व सुनिश्चित किए गए हैं जिसमें लेट फीस/ इंटरेस्ट आदि का प्रावधान किया गया है।
उपरोक्त अधिसूचना का का हम व्यावहारिक रूप में अध्ययन करते हैं ।तो बिंदु अनुसार इसकी व्याख्या निम्न प्रकार है
i. यह कि रूल 28(1) वैल्युएशन आफ सप्लाई का निर्धारण करती है। जो सप्लाई की गई है। उसका वैल्यूएशन किस प्रकार होगा। मुख्यता यह परिवर्तन कंपनी लॉ अनुसार किया गया है ।ताकि जीएसटी का दायित्व सुनिश्चित किया जा सके । इस बिंदु को उदाहरण से समझते हैं माना कोई कंपनी XYZ प्राइवेट लिमिटेड है। जिसमें मिस्टर A डायरेक्टर है । मिस्टर A के द्वारा कोई नई कंपनी का प्रमोशन किया जाता है। जिस कंपनी का नाम ABC कंपनी रखा गया है।अब ABC कंपनी को बैंकिंग संस्था से लोन की आवश्यकता है । जब ABC कंपनी लोन के लिए अप्लाई करती है । तो बैंकिंग संस्था उसकी गारंटी के बारे में पूछती है । इसके संबंध में XYZ कंपनी के डायरेक्टर मिस्टर Aजिनकी गुडविल बैंकिंग संस्थानों में अच्छी है। तो बैंकिंग संस्था को मिस्टर A अपनी गारंटी देते हैं । ABC लिमिटेड के लिए ऐसी स्थिति में मिस्टर A जो बैंक गारंटी दी है । माना यदि ABC कंपनी ने रुपए 100 करोड़ के लिए अप्लाई किया था । जिसकी वारंटी मिस्टर A के द्वारा दी गई । इस परिस्थिति में ABC लिमिटेड को 100 करोड रुपए के गारंटी के लिए 1% जीएसटी देना होगा । यदि लोन की राशि Rs 100 करोड़ से अधिक की होगी ।उसे स्थिति में अधिक ऋण राशि पर 1% जीएसटी का प्रावधान होगा। अतः स्पष्ट है। कि बैंक गारंटी देने पर अधिक धनराशि पर 1%जीएसटी नियम 28(1) के अंतर्गत देना होगा।
ii. यह कि वर्तमान में जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए धारा 73/ 74 के अंतर्गत drc01 के द्वारा नोटिस जारी किए गए। जिसके लिए नियम 142 के अंतर्गत करवाई की जाती है। नियम 142 उपनियम 03 के अंतर्गत फॉर्म जीएसटी डीआरसी 05 नियमानुसार जारी किया जाता है ।अब से पूर्व डीआरसी 05 में आदेश शब्द अंकित था ।लेकिन नियमावली में यह सूचना शब्द दर्ज था ।उसी का संशोधन करते हुए ।अब फॉर्म जीएसटी डीआरसी 05 में सूचना शब्द अंकित किया गया है।
iii. यह कि धारा 83 के अंतर्गत किसी व्यक्ति या कंपनी के विरुद्ध प्रोविजनल अटैचमेंट की कार्रवाई की जाती थी ।इस संदेश के साथ कि व्यक्ति या कंपनी देश छोड़कर या अन्य रूप में गायब न हो जाए। उन स्थिति में नियम 159 उपनियम 2 के अंतर्गत प्रॉपर ऑफिसर को प्रोविजनल अटैचमेंट के आदेश की तारीख से 1 वर्ष के अंदर समस्त करवाई करनी होगी अन्यथा प्रोविजनल अटैचमेंट की कार्रवाई स्वत ही समाप्त हो जाएगी ।उदाहरण से समझे यदि किसी व्यक्ति पर रुपए 50 करोड़ की मांग या कर निर्धरित की स्थिति है ।उन स्थिति में प्रॉपर ऑफिसर धारा 83 नियम 159 उप नियम 2 के अंतर्गत प्रोविजनल अटैचमेंट की कार्रवाई करेगा ।और उसे कार्रवाई को 1 वर्ष के अंदर पूर्ण करेगा।
iv. यहकि अभी तक वन पर्सन कंपनी (one person company)के मामले में जीएसटी रजिस्ट्रेशन के फॉर्म जीएसटी आर REG 01 के भाग Bमें क्रम संख्या 2 के खंड 16 के पश्चात वन पर्सन कंपनी को भी अंकित कर दिया गया है ।जबकि पूर्व में वन पर्सन कंपनी का कोई उल्लेख नहीं था ।अतः अब REG 01 के भाग B में क्रम संख्या 2 में वन पर्सन कंपनी भी अंकित की गई है।
v. यह कि ई-कॉमर्स ऑपरेटर टीडीएस काटने वाली संस्था या व्यक्ति जिनके लिए फॉर्म जीएसटी REG 08 निश्चित है ।उन पर भी शिकंजा करते हुए। REG 08 में लेट फीस /इंटरेस्ट को भी अंकित किया गया है। अब ई-कॉमर्स कंपनी टीसीएस टीडीएस काटने वाले संस्था भी नियमानुसार लेट फीस /इंटरेस्ट दाखिल करेंगे।
मित्रों वर्तमान में कुछ प्रॉपर ऑफिसर कैंसिलेशन आफ रजिस्ट्रेशन के लिए REG 19 जारी कर रहे हैं जिसमें उनके द्वारा जीएसटी-1 और जीएसटी 3b में मिसमैच होने के कारण नियम 21(f) के अंतर्गत नोटिस जारी किए जा रहे हैं ।यह कार्रवाई धारा 29 उप धारा 2 के अंतर्गत निश्चित है ।लेकिन इसके लिए पर्सनल हियरिंग अनिवार्य है ।यदि वर्तमान में जीएसटी r1/ 3b में मिसमैच का प्रश्न उठता है ।तो प्रॉपर ऑफिसर ASMT 10 के द्वारा उसे विषय को उठा सकता है। लेकिन यदि प्रॉपर ऑफिसर को जीएसटी r1 और 3b में अंतर का कारण पत्रावली पर अर्थात पोर्टल पर मिल रहा है ।तो वह धारा 29 उप धारा दो नियम 21(f )के अंतर्गत REG 19 रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन का नोटिस जारी कर रहे हैं ।साथ ही करदाता को पर्सनल सुनवाई का अवसर भी दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में अब GSTR 1/3B का mismatch नहीं होना चाहिए।
मित्रों उपरोक्त समीक्षा से स्पष्ट है। कि राजस्व विभाग नोटिफिकेशन संख्या 52 दिनांक 26 अक्टूबर 2023 के द्वारा नियमों में परिवर्तन कर राजस्व हित सुनिश्चित कर रहा है। यह नियमों के परिवर्तन दिनांक 26 अक्टूबर 2023 से प्रभावी होंगे ।आशा करता हूं ।कि इस समीक्षा से आपको लाभ होगा।
यह लेखक के निजी विचार हैं ।