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53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के उपरांत जीएसटी विभाग द्वारा चार महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। ये अधिसूचनाएं केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) नियम, 2017 में संशोधन और नई प्रक्रियाओं की शुरुआत से संबंधित हैं। इस लेख में हम इन अधिसूचनाओं का बिंदुवार विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों और करदाताओं को इन संशोधनों को समझने में आसानी होगी।

जीएसटी में जारी अधिसूचनो का विश्लेषण

यह कि 53 वी जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होने के उपरांत जीएसटी विभाग द्वारा चार अधिसूचना जारी की है। जिसका हम बिंदुवार विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं

1. अधिसूचना संख्या 12/2024 (केन्द्रीय कर) दिनांक 10 जुलाई 2024

अधिसूचना में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) नियम, 2017 में कई संशोधन किए गए हैं और फॉर्म में नए बदलाव अधिसूचित किए गए हैं। नीचे कुछ बिंदुवार बदलाव दिए गए हैं:

संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ :

इन नियमों को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) नियम, 2024 कहा जाता है।

ये आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होते हैं।

पंजीकरण A नियम 8 में संशोधन – के लिए आवेदन :

उपनियम (4ए) : पहले परंतुक के पश्चात् एक नया परंतुक अंतःस्थापित किया जाता है:-

जो आवेदक आधार प्रमाणीकरण का विकल्प नहीं चुनते हैं, उनके (या संबंधित व्यक्ति) का फोटोग्राफ अवश्य लिया जाना चाहिए।

फॉर्म जीएसटी आरईजी-01 के साथ अपलोड किए गए मूल दस्तावेजों का सत्यापन निर्दिष्ट सुविधा केंद्रों पर किया जाना चाहिए।

सफल सत्यापन के बाद ही आवेदन पूर्ण माना जाएगा।

लेखक की टिप्पणी- 

यदि करदाता आधार प्रमाणीकरण का विकल्प नहीं चुनता हैI तो उसे अपने सुविधा केंद्र पर फोटो तथा मूल दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा Iतभी उसका आवेदन पूर्ण माना जाएगा .जिसका निष्कर्ष यह हैI कि जो प्रक्रिया पहले व्यापार कर/Vat  में की जाती थी ।वही प्रक्रिया जीएसटी में आ गई है।

B नियम 21 में संशोधन – पंजीकरण रद्द करना

यदि आपने जीएसटीR-1 और जीएसटीR 3b में रकम में अंतर होगा। तो प्रॉपर ऑफिसर नियम 21 के तहत पंजीकरण को रद्द कर सकता है।

नियम 21a के अंतर्गत यदि आपके द्वारा 30 दिन की अवधि में बकाया रिटर्न दाखिल नहीं किए गए। तो प्रॉपर ऑफिसर को अधिकार होगा। कि वह करदाता रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दे

C खण्ड (च) : “फॉर्म जीएसटीआर-1” शब्दों, अक्षरों और अंकों के पश्चात् “, जैसा” अक्षर, शब्द और अंक जोड़े जाते हैं।

विशेष विस्तृत चर्चा एक अलग आर्टिकल में की गई है।

D फॉर्म जीएसटीआर-4 में संशोधन :

निर्देशों में, क्रम संख्या 2 में, “ऐसे वित्तीय वर्ष के अंत” शब्दों के बाद, शब्द और अक्षर “वित्त वर्ष 2023-24 तक के लिए। इसके अलावा, प्रत्येक वित्तीय वर्ष या उसके भाग के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 में विवरण, वित्तीय वर्ष 2024-25 के बाद के लिए ऐसे वित्तीय वर्ष के अंत के बाद जून के 30 वें दिन तक प्रस्तुत किया जाना चाहिए।” डाले गए हैं।

E फॉर्म जीएसटीआर-1ए में संशोधन :

कोष्ठक, अक्षर, शब्द और आंकड़े “(जी.एस.टी.आर.-1, जी.एस.टी.आर.-5 और जी.एस.टी.आर.-7 से स्वचालित रूप से तैयार)” के स्थान पर “(जी.एस.टी.आर.-1, जी.एस.टी.आर.-1ए, जी.एस.टी.आर.-5 और जी.एस.टी.आर.-7 से स्वचालित रूप से तैयार)” रखा गया है।

विशेष विस्तृत चर्चा एक अलग आर्टिकल में की गई है।

F फॉर्म जीएसटीआर-1 तालिका 5 में संशोधन:

1 अगस्त 2024 से प्रभावी:

क्रम संख्या 6 : शीर्षक में आंकड़े, अक्षर और शब्द “2.5 लाख रुपये” को “1 लाख रुपये” से प्रतिस्थापित किया गया है।

क्रम संख्या 7 : तालिका में, खंड (7बी) में, शीर्षक में, आंकड़े, अक्षर और शब्द “2.5 लाख रुपये” को “1 लाख रुपये” से प्रतिस्थापित किया जाता है।

लेखक का मत 

इस संशोधन के अनुसार करदाता द्वारा जो सेल अ पंजीकृत व्यक्ति को की जाएगी, पूर्व में घोषित रुपए 2.5 लाख के स्थान पर अब रुपए 1.0 लाख स्थापित किया गया है ।अर्थात अब ढाई लाख के स्थान पर₹1,00,000 की अपंजीकृत को सप्लाई का विवरण देना होगा।

फॉर्म जीएसटीआर-7 में संशोधन :

तालिका 3 : तालिका को जीएसटीआईएन, चालान विवरण, कटौतीकर्ता को भुगतान की गई राशि और स्रोत पर कटौती की गई कर की राशि को दर्ज करने के लिए एक नए प्रारूप से प्रतिस्थापित किया गया है।

तालिका 4 : तालिका 3 के समान विवरण प्राप्त करने के लिए एक नया तालिका प्रारूप प्रस्तुत किया गया है।

लेखक का मत 

अब फॉर्म जीएसटीR 7 करदाता को दाखिल करना अनिवार्य कर दिया गया है। चाहे टर्नओवर शुन्य हो।

फॉर्म जीएसटीआर-9 में संशोधन :

भाग II, क्रम संख्या 4 : एक नई प्रविष्टि “जी1 आपूर्तियाँ जिन पर ई-कॉमर्स ऑपरेटर को धारा 9(5) के अनुसार कर का भुगतान करना आवश्यक है” जोड़ी गई है।

क्रम संख्या 5 : एक नई प्रविष्टि “सी1 आपूर्तियाँ जिन पर धारा 9(5) के अनुसार ई-कॉमर्स ऑपरेटरों द्वारा कर का भुगतान किया जाना है [आपूर्तिकर्ता को रिपोर्ट करना है]” जोड़ी गई है।

जीएसटीR 9 के क्रम संख्या 8 में अब 8A टेबल में 2a के स्थान पर 2B द्वारा जेनरेट आईटीसी का विवरण उपलब्ध होगा। अतः सभी टैक्स प्रोफेशनल को अब जीएसटी 2a के साथ 2B से सतर्कता पूर्ण आईटीसी का मिलान करना होगा। नया जीएसटीR 9    1अगस्त 2024 से प्रभावी होगा।

निर्देश, पैराग्राफ 4 : शब्द “या वित्त वर्ष 2023-24” को “या वित्त वर्ष 2022-23” के बाद डाला जाता है।

लेखक का मत 

 क्योंकि इस वर्ष ई-कॉमर्स ऑपरेटर के द्वाराअपंजीकृत करदाताओं द्वारा माल की सप्लाई करने के उपरांत जीएसटीR-1 में परिवर्तन किया गया है। इसलिए जीएसटी R 9 में उसका विवरण होना आवश्यक है। इसलिए यह संशोधन किया गया है। मुख्य परिवर्तन टेबल 8 में आईटीसी 2a के स्थान पर 2B से स्वत भरी जाएगी।

फॉर्म जीएसटीआर-10 में संशोधन :

फॉर्म में, नवीनतम अपडेट और अनुपालन आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए विशिष्ट निर्देशों और फ़ील्ड को संशोधित किया गया है।

नियम 21ए में संशोधन – पंजीकरण निलंबन :

उप-नियम (2ए) : पहले परंतुक के पश्चात एक नया परंतुक डाला जाएगा जिसमें उन शर्तों को निर्दिष्ट किया जाएगा जिनके अधीन पंजीकरण का निलंबन हटाया जा सकेगा।

लेखक का मत 

 नियम 21 ए में एक नया प्रोविजो डाला गया है। जिससे प्रॉपर ऑफिसर को निलंबन करने का /हटाने का अधिकार दिया गया है।

नियम 36(4) में संशोधन – इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए दस्तावेजी आवश्यकताएं और शर्तें :

उप-नियम (4) : चालान या डेबिट नोट के बिना अनंतिम इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का प्रतिशत पात्र आईटीसी के 10% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

लेखक का मत 

जैसा कि पूर्व में हमारे द्वारा देखा गया है। कि नियम 36(4) में यदि चालान या डेविड नोट या लीगल डॉक्यूमेंट नहीं है ।तो करदाता कितना आईटीसी क्लेम करेगा ।उसमें आईटीसी को 10% से घटकर 5% निर्धारित कर दिया गया है। लेकिन इसके परिणाम आने वाले समय में पता चलेंगे।

नियम 138ई में संशोधन – फॉर्म जीएसटी ईडब्ल्यूबी-01 के भाग ए में सूचना प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध : 

लेखक का मत 

यहअपंजीकृत खरीदार को PAN बेस ERN  फॉर्म भरना होगा।

उन शर्तों में परिवर्तन किया गया है जिनके तहत ई-वे बिल जारी करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

फॉर्म जीएसटी REG-01 में संशोधन :

नए क्षेत्रों को शामिल करने और आवेदकों के लिए स्पष्ट निर्देश प्रदान करने के लिए संशोधन किए गए हैं।

फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 में संशोधन :

नये वित्तीय वर्ष के लिए कंपोजिशन स्कीम में शामिल होने के लिए निर्देश अद्यतन कर दिए गए हैं।

फॉर्म जीएसटी आईटीसी-04 में संशोधन :

जॉब वर्क के लिए भेजे गए और वापस प्राप्त इनपुट/पूंजीगत वस्तुओं की रिपोर्टिंग के प्रारूप में परिवर्तन किए गए हैं।

अधिसूचना में अधिक जानकारी उपलब्ध हैं।

लेखक का मत 

 फॉर्म जीएसटी CMP 02 और फॉर्म जीएसटी आईटीसी 04 में संशोधन करके इन फार्मो को अपडेट कर दिया गया है

2. अधिसूचना संख्या 13/2024 (केन्द्रीय कर) दिनांक 10 जुलाई 2024

केंद्रीय माल और सेवा कर नियम, 2017 के नियम 8 के उप-नियम (4बी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में, केंद्र सरकार, परिषद की सिफारिशों पर, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग की अधिसूचना संख्या 27/2022-केंद्रीय कर, दिनांक 26 दिसंबर, 2022 को भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3, उप-खंड (i), दिनांक 26 दिसंबर, 2022 में संख्या जीएसआर 903 (ई) द्वारा प्रकाशित, को रद्द करती है, सिवाय उन बातों के जो ऐसे निरसन से पहले की गई हैं या करने से छूट गई हैं।

यह अधिसूचना सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी।

लेखक का मत 

पूर्व घोषित अधिसूचना 27/ 2022 दिनांक 26 दिसंबर 2022 से गुजरात, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में आधार द्वारा  प्रमाणित  से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी ।जिसे अधिसूचना संख्या 13/2024 दिनांक 10 जुलाई 2024 से वापस ले लिया गया है।

3. अधिसूचना संख्या 14/2024 (केन्द्रीय कर) दिनांक 10 जुलाई 2024

वार्षिक रिटर्न छूट अधिसूचना संख्या 14/2024-केंद्रीय कर (जीएसआर 378(ई)) : यह अधिसूचना वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों को वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से छूट देती है। यह छोटे व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जिससे उनका अनुपालन बोझ कम हो जाएगा।

लेखक का मत 

एनुअल रिटर्न के संदर्भ में पूर्व की भांति वित्तीय वर्ष 2023 24 में जिन करदाता का टर्नओवर रुपए दो करोड़ से कम है ।उन्हें एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 न भरने की छूट दी गई है।

5. अधिसूचना संख्या 15/2024 (केन्द्रीय कर) दिनांक 10 जुलाई 2024

केंद्रीय कर समायोजन(CGST)

अधिसूचना संख्या 15/2024-केंद्रीय कर (जीएसआर 379 (ई)) : संघ शासित प्रदेश कर समायोजन के समान, यह अधिसूचना अधिसूचना संख्या 52/2018-केंद्रीय कर में संशोधन करती है, जिसमें कर की दर को “आधा प्रतिशत” से बदलकर “0.25 प्रतिशत” कर दिया गया है। इस समायोजन का उद्देश्य विभिन्न श्रेणियों में कर दरों को सुव्यवस्थित करना है

(IGST)

अधिसूचना संख्या 01/2024- एकीकृत कर (जीएसआर 380 (ई)) : यह संशोधन अधिसूचना संख्या 02/2018- एकीकृत कर में कर की दर को “एक प्रतिशत” से “आधा प्रतिशत” तक समायोजित करता है, जिससे विभिन्न कर व्यवस्थाओं में एकरूपता सुनिश्चित होती है।

संघ शासित प्रदेश कर समायोजन(UTGST)

अधिसूचना संख्या 01/2024-संघ शासित प्रदेश कर (जीएसआर 381(ई)) : यह अधिसूचना कर की दर को “आधा प्रतिशत” से घटाकर “0.25 प्रतिशत” करके मूल अधिसूचना संख्या 12/2018-संघ शासित प्रदेश कर में संशोधन करती है। यह परिवर्तन आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रभावी है।

लेखक का मत 

ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा टीसीएस के संबंध में वित्त विभाग ने जो पहले कर की दर थी ।उसको घटाया गया है ।अर्थात सीजीएसटी में 0.25% आईजीएसटी में 0.50% और यूटीजीएसटी में 0.25% की दर से टीसीएस काटा जाएगा।

दिनांक 15.7.2024 से कुछ वस्तुओं के रेट ऑफ टैक्स में परिवर्तन किया गया है ।अभी तक वह वस्तुएं 18% टैक्स रेट में थी  जिन्हें अब 12% की दर में शामिल किया गया है ।जैसे नालीदार डब्बे जो पैकिंग में इस्तेमाल किए जाते हैं। सभी प्रकार के कंटेनर दूध ,पानी आदि के संबंध में। अतः 15 जुलाई 2024 से इन वस्तुओं पर रेट ऑफ टैक्स 18 % के स्थान पर 12% घोषित किया गया है ।अब करदाता के मन में प्रश्न है? कि हमने 18% की दर से 15 जुलाई से पूर्व माल खरीदा है ।तथा 15 जुलाई से इस माल को 12% की दर से विक्रय किया जाएगा। ऐसी स्थिति में हमारे 6% टैक्स का क्या होगा?

लेखक के अनुसार

यदि हम धारा 54( 3) और नियम 89(5 )का अध्ययन करते हैं। तो हमें इसके रिफंड वापसी नहीं होगी। क्योंकि जब से जीएसटी लगा है। वित्त विभाग ने जैसा है जहां है की नीति अपनाई है ।उन परिस्थितियों को देखते हुए इन वस्तुओं पर रिफंड की आशा कम है।

फॉर्म DRC 03 A

जीएसटी विभाग ने नियम 142 में कई परिवर्तन किए हैं मुख्य परिवर्तन डीआरसी 03 के साथ एक नया फॉर्म जारी किया है। जिसे फॉर्म जीएसटी 03 A नाम दिया गया है ।यह लगभग डीआरसी 03 की तरह ही है। लेकिन इसका प्रयोग यदि हमारे द्वारा डीआरसी 03 में कोई गलती की गई है ।अर्थात कोई धनराशि गलत हेड में जमा कर दी गई है। तो उसके संशोधन के लिए यह नया फॉर्म डीआरसी 03 A जारी किया गया है। जिसमें कई क्रम संख्या  स्वत ही भरी हुई आएगी। जो धनराशि का ARN जनरेट हुआ था ।उसको भरना होगा तो स्वत ही सब कॉलम भर जाएंगे और आपके द्वारा जो त्रुटि की गई है ।उसमें सुधार हो जाएगा ।क्योंकि यदि हम डीआरसी 03 गलत तरीके से दाखिल करने के कारण उसके लिए हमें प्रॉपर ऑफिसर के पास रिफंड का आवेदन करना होता था। जिससे अब करदाता को से ही अपने आप यह कार्य करना होगा।

एक उदाहरण से समझते हैं 

यदि किसी करदाता का फार्म डीआरसी 07 जनरेट होता है ।तथा वह त्रुटिवश डीआरसी 03 के द्वारा उस धनराशि को जमा कर देता था ।लेकिन उसकी डिमांड अपनी जगह खड़ी होती थी ।क्योंकि हमें लायबिलिटी लेजर में जाकर उसे डिमांड को जमा करना होता था ।ऐसी ही अनेक गलतियां करदाता द्वारा की जाती है। उन्हीं के सुधार हेतु यह फॉर्म डीआरसी 03 A लाया गया है।

विशेष

उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है। कि जीएसटी विभाग ने 53 वी जीएसटी काउंसिल के मीटिंग के पश्चात कई नोटिफिकेशन के द्वारा नियमों में परिवर्तन किया है। यह परिवर्तन अधिसूचना संख्या 12/2024 |केंद्रीय कर/ दिनांक 10 जुलाई 2024 के द्वारा 49 संशोधन जीएसटी नियमावली में किए हैं। जिनका विश्लेषण समय-समय पर किया जाना संभव है।

अधिसूचना संख्या 13/2024/केंद्रीय कर/दिनांक 10 जुलाई 2024 के द्वारा नियम 8(4b) को रद्द किया गया है। जिसकी यह अधिसूचना जारी की गई है। 

यह कि अधिसूचना संख्या 14/2024/ केंद्रीय कर/दिनांक 10 जुलाई 2024 के द्वारा यह अधिसूचित किया गया है । कि  धारा 44 के अंतर्गत रुपए दो करोड़ से कम टर्नओवर के करदाता को एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9  की छूट प्रदान की गई है ।

यह कि अधिसूचना संख्या 15/ 2024/केंद्रीय कर/दिनांक 10 जुलाई 2024 के द्वारा आईजीएसटी/ सीजीएसटी और यूटीजीएसटी में टीसीएस की दर 0.5% ,0. 25% और 0.25 % निर्धारित की गई है।

Conclusion: जीएसटी की 53वीं काउंसिल मीटिंग के बाद जारी अधिसूचनाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। चाहे वह पंजीकरण प्रक्रिया हो, रिटर्न फाइलिंग हो या कर दरों में बदलाव, इन संशोधनों का उद्देश्य करदाताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करना है। करदाताओं को इन संशोधनों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए और किसी भी प्रश्न या संदेह के लिए अपने कर सलाहकार से संपर्क करना चाहिए। इन नए नियमों और प्रक्रियाओं के साथ, जीएसटी प्रणाली अधिक सुगम और संगठित बनेगी।

यह लेखक के निजी विचार है। इनका विधि प्रयोग स्वयं के विवेक पर करें ।जिसके लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होंगे

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक � View Full Profile

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