Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

Sim card -आपके मोबाइल सिम पर अब इन लोगों को नहीं मिलेगा, सरकार ने बनाई लिस्ट।भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने आपके मोबाइल सिम कार्ड को लेकर एक और बड़ी खबर आई है. आइए आपको विस्तार से चर्चा करें।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक- साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए दूरसंचार विभाग(DOT )ने ब्लैकलिस्ट बनाने की शुरुआत कर दी है. इस मामले में सरकार सख्त एक्शन लेने जा रही है. आपको बता दें कि बीते हफ्ते पिछले सप्ताह प्रिंट मीडिया ने दो सिम कार्ड को लेकर एक बड़ी जानकारी दी थी. जिस पर फिर मुहर लग गई. अब आपको एक और खबर के बारे में बताते है.

जानकारी के मुताबिक– किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड लेने वाले या फ्रॉड मैसेज भेजने वाले लोगों पर एक्शन होगा. इन व्यक्तियों पर साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाला माना जाएगा.

इसी के तहत इन सभी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. ऐसे में ब्लैकलिस्ट होने वाले व्यक्तियों के सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएंगे. साथ ही, 6 महीने से लेकर 3 साल तक के लिए कोई भी कनेक्शन नहीं मिलगेा.

क्या है पूरा मामला-दूरसंचार विभाग ने ब्लैकलिस्ट बनाने की शुरुआत कर दी है. किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड लेना अपराध है.

किसी भी तरह के फ्रॉड मैसेज भेजना भी अब अपराध की कैटेगिरी में आता है. ऐसे कामों को साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालना माना जाएगा.

इसीलिए 2025 से नए साल से ब्लैकलिस्ट में अब लोगों के नाम जोड़े जाएंगे. साइबर सिक्योरिटी रूल्स में सरकार ने ये प्रावधान रखा है. रिपोजिटरी ऑफ पर्सन बनाने का प्रस्ताव है.

सरकार पहले व्यक्ति को नोटिस जारी करेगी. व्यक्ति को 7 दिन के अंदर जवाब देना होगा. जनहित में सरकार बिना नोटिस दिए भी कार्रवाई कर सकती है. ऐसे में 6 महीने से लेकर 3 साल तक सरकार ब्लैकलिस्ट में जोड़ सकती है.

नई टेलीकॉम एक्ट में साइबर सिक्योरिटी रूल्स को नोटिफाई किया जा चुका है. यह इसी साल नवंबर में नोटिफाई हुए हैं. इसमें सरकार ने कई नए प्रावधान जोड़े हैं. अब सरकार इसका इस्तेमाल करते हुए एक्शन लेने जा रही है.

TRAI का नया नियम क्या है 2025? 

TRAI ने टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन में 12वां संशोधन करते हुए उपभोक्ताओं के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जैसा कि आप जानते हैं, वर्तमान में मोबाइल रिचार्ज कराने पर वॉयस, एसएमएस और डेटा सेवाओं के लिए एक ही पैक का विकल्प दिया जाता है। हालांकि, देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो केवल वॉयस कॉल और एसएमएस सेवाओं का उपयोग करते हैं और डेटा पैक की जरूरत नहीं महसूस करते।

यह समस्या आम उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक बोझ बन रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, TRAI ने रिचार्ज नियमों में बदलाव किया है। 

नए नियम के तहत-

उपभोक्ता अब अपनी आवश्यकता के अनुसार केवल वॉयस कॉल और एसएमएस सेवाओं के लिए रिचार्ज करा सकते हैं।

जो लोग डेटा सेवाओं का उपयोग करते हैं, वे अलग से डेटा पैक का चयन कर सकते हैं।

इसके साथ ही, TRAI ने सस्ते रिचार्ज विकल्प भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है, जिससे न्यूनतम लागत पर सेवाओं का लाभ उठाया जा सके।

यह संशोधन उपभोक्ताओं को अधिक लचीलापन और आर्थिक लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

नए नियम 2025 की मुख्य विशेषता-

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं:

वॉयस और एसएमएस के लिए विशेष प्लान-

TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे टैरिफ प्लान उपलब्ध कराएं, जो केवल वॉयस कॉल और एसएमएस सेवाओं पर केंद्रित हों।

यह उन उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक है जो इंटरनेट सेवाओं का उपयोग नहीं करते, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग और वरिष्ठ नागरिक।

छोटे रिचार्ज विकल्प-

अब उपयोगकर्ता ₹10 जैसे न्यूनतम रिचार्ज से भी मोबाइल सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।

इस कदम का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं को सस्ती सेवाएं उपलब्ध कराना है।

लंबी वैधता का लाभ-

TRAI ने विशेष टैरिफ वाउचर्स (STV) की अधिकतम वैधता अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 365 दिन कर दिया है।

इससे उपभोक्ताओं को बार-बार रिचार्ज कराने से राहत मिलेगी।

सेवाओं में लचीलापन-

ग्राहक अब अपनी आवश्यकताओं के अनुसार टेलीकॉम सेवाओं का चयन कर सकते हैं।यह सुनिश्चित करेगा कि वे केवल अपनी ज़रूरत के अनुसार भुगतान करें।

डिजिटल समावेशन का ध्यान-

TRAI ने सुनिश्चित किया है कि ये नियम डिजिटल इंडिया अभियान को प्रभावित किए बिना, सभी वर्गों के लिए किफायती सेवाएं प्रदान करें।इन नियमों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प, बेहतर सुविधाएं और सस्ती सेवाएं प्रदान करना है, जिससे हर वर्ग के लोग दूरसंचार सेवाओं का लाभ उठा सकें।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के नियम का लाभ- 

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नए नियमों से देश के लाखों उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। नए प्रावधानों के अनुसार, कई ऐसे लोग हैं जो इंटरनेट डेटा पैक का उपयोग नहीं करते। अब उन्हें डेटा सेवाओं के लिए रिचार्ज कराने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा और न ही इसके लिए भुगतान करना होगा।

साथ ही, ऐसे उपभोक्ता भी हैं जो अपने सिम कार्ड का बहुत कम उपयोग करते हैं, लेकिन उसे सक्रिय रखने के लिए उन्हें अनावश्यक रूप से महंगे रिचार्ज करवाने पड़ते हैं। ट्राई के नए नियमों के तहत अब उन्हें सिम को चालू रखने के लिए उच्च कीमत वाले रिचार्ज कराने की आवश्यकता नहीं होगी।

 ट्राई(TRAI ) के नये नियम 2025कब से होगा लागू-

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में टेलीकॉम उपभोक्ता संरक्षण विनियम में 12वां संशोधन किया है, जो 23 जनवरी 2025 से लागू होगा।

निष्कर्ष

इन नए प्रावधानों के अनुसार, टेलीकॉम ऑपरेटरों को कम से कम एक ऐसा विशेष टैरिफ वाउचर (STV) उपलब्ध कराना होगा, जो केवल वॉयस कॉल और एसएमएस सेवाओं पर केंद्रित हो, ताकि उन उपभोक्ताओं को फायदा मिल सके जो डेटा सेवाओं का उपयोग नहीं करते।इसके अलावा, विशेष टैरिफ वाउचर्स की वैधता अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 365 दिन कर दिया गया है। यह परिवर्तन उपभोक्ताओं को लंबी अवधि तक सेवाओं का लाभ उठाने में सहायक होगा।TRAI का नया नियम 2025 उपयोगकर्ताओं के लिए एक सराहनीय पहल है। इससे टेलीकॉम सेवाएं न केवल किफायती बनेंगी, बल्कि डिजिटल समावेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। छोटे रिचार्ज विकल्पों के माध्यम से हर वर्ग के लोग जुड़ सकेंगे, चाहे वे किसी भी आर्थिक स्थिति में हों। TRAI का यह कदम भारत को डिजिटल प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाने में अहम योगदान देगा। सरकार ने ट्राई के द्वारा सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की कोशिश की है, जिससे एक आम नागरिक को लाभ मिले और फ्रॉड करने वाले लोगों को कठोर से कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, आने वाले समय में ट्राई के द्वारा उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक लाभ देने की योजना है।

यह लेखक के निजी विचार हैं।तथा प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया आदि से संग्रह किया गया लेख है।

Sponsored

Author Bio

मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक View Full Profile

My Published Posts

जीएसटी एक्ट 2017 की धारा 108 की समीक्षा क्या GST मामलों में लागू होंगे सीआरपीसी के नियम? जीएसटी एक्ट में ‘Track and Trace Mechanism’ क्या हैं? बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 पर जताई आपत्ति अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम की आवश्यकता? View More Published Posts

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Ads Free tax News and Updates
Sponsored
Search Post by Date
March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31