After writing few articles of the intricacies of the E-filing of Tax audit report we are receiving regular queries from various fellow professionals , out of which we have selected some of the common questions which are being answered here for the benefit of other readers and fellow professions.
The Journey of GST in India is now completing one year and it is the time to analyse the impact of GST on all the stakeholders viz. The Law makers- Government of India, The Taxpaying Public- the dealers and the professionals managing the GST- The Tax Professional, Tax advocates and the CAs.
जीएसटी लागू हुए लगभग अब दो माह पूरे होने को है तो आइये अब समय आ गया है की हम चर्चा प्रारम्भ करें जीएसटी होने के बाद की समस्याओं की और आज चर्चा कर रहें है कुछ् ऐसे ही छोटे व् मध्यम दर्जे की डीलर्स की व्यवहारिक रूप से सिर्फ कम्पोजीशन स्कीम के तहत ही काम कर सकते है लेकिन जी.एस.टी. के सिस्टम की तकनीकी खामियों के कारण उन्हें कपोजीशन के लाभ से वंचित कर दिया गया है .
Goods and Services Tax is the newest taxation law in India. It is one of the biggest tax reforms in the historic Indian economic set-up. The Goods and Services Tax regime seeks to strengthen and streamline the taxation regime with respect to trade in goods and services which would reduce numerous internal processes and will improve ease of doing business in India.
जयपुर (राजस्थान ) का एक व्यापारी अ जयपुर के ही एक दूसरे व्यापारी “ब” को कोई माल 10 लाख रुपये में बेचता है और मान लीजिये कि राज्यों के जी.एस.टी. की दर 9 प्रतिशत है एवं केंद्र के जी.एस.टी. की दर 9 प्रतिशत रहती है इस प्रकार जी.एस.टी. की कुल दर 18 प्रतिशत हुई (फिलहाल मान लीजिये ) तो अ इस व्यवहार में 90000.00 रुपये एस.जी.एस.टी. (राज्य का जी.एस.टी.) एवं 90000.00 रुपये सी.जी.एस.टी. (केंद्र का जी.एस.टी.) के रूप में अपने खरीददार “ब” से वसूल करेगा.
जी.एस.टी. को लेकर सर्राफा व्यापार पर किस तरह से कर लगेगा यह प्रश्न भी हमसे बार- बार किया जा रहा है कि सर्राफा व्यापारी किस तरह से कर देंगे और उन पर जी.एस.टी. के प्रावधान किस तरह से लागू होंगे तो आइये आज अध्यन करें कि किस तरह इस व्यवसाय पर कर लगेगा :-
कम्पोजीशन स्कीम में जो डीलर्स जाना चाहते है वे निम्नलिखित बातें विशेष और पर ध्यान रखें – -यदि उनके द्वारा किसी एक पेन पर जारी किसी भी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए वे यदि कम्पोजीशन डीलर नहीं हैं तो वे उसी राज्य में या देश में किसी अन्य राज्य में भी में वे कम्पोजीशन स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं.
प्रिय मित्रों जी.एस.टी. ई –बुक का तीसरा संस्करण आपके लिए भेजा जा रहा है इसमें जी.एस.टी कानून में दी गई 100 से अधिक परिभाषाओं का हमने हिंदी अनुवाद किया है, इनपुट क्रेडिट, प्रारम्भिक स्टॉक पर मिलने वाली इनपुट क्रेडिट , अन –रजिस्टर्ड डीलर्स से खरीद पर रिवर्स चार्ज के तहत कर का भुगतान , जी.एस.टी. […]
आई.जी.एस.टी. बिक्री के लिए ट्रांजेक्शन- प्रथम विक्रेता x मुंबई – 10 लाख रूपये मुंबई के ही y को . द्वितीय विक्रेता – Y मुंबई 10.50 लाख रूपये राजस्थान के Z को . तृतीय विक्रेता – Z राजस्थान 11 लाख रूपये राजस्थान में ही उपभोक्ता को. 1.पहला ट्रांजेक्शन राज्य के भीतर है . 2. दूसरा ट्रांजेक्शन अन्तर प्रान्तीय है (IGST). तीसरा ट्रांजेक्शन राज्य के भीतर है .
जी.एस.टी. में 30 जून अर्थात जी.एस.टी. लागू होने की पूर्व संध्या पर जो स्टॉक डीलर्स के पास रहता है उसको लेकर एक बहुत बड़ी हलचल देश में है विशेष तौर पर इस स्टॉक में जुड़े टैक्स , जो वेट भी हो सकता है और सेंट्रल एक्साइज भी है और इसके साथ ही कुछ् भ्रांतियां और भ्रम भी जुड़े है तो आइये एक बार फिर हम ताजा सवालों और हाल ही में जारी इस सम्बन्ध में रूल्स को देखते हुए इस विषय पर चर्चा करते हैं.