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CA Sudhir Halakhandi

जी.एस.टी. को लेकर सर्राफा व्यापार पर किस तरह से कर लगेगा यह प्रश्न भी हमसे बार- बार किया जा रहा है कि सर्राफा व्यापारी किस तरह से कर देंगे और उन पर जी.एस.टी. के प्रावधान किस तरह से लागू होंगे तो आइये आज अध्यन करें कि किस तरह इस व्यवसाय पर कर लगेगा :-

सोना , चांदी  एवं अन्य मूल्यवान धातुओं पर जी.एस.टी. के दौरान  कर की दर क्या रहेगी ? 

सोना , चांदी एवं अन्य मूल्यवान धातुओं पर कर की दर 3% प्रतिशत रहेगी .

 सोना, चांदी एवं अन्य मूल्यवान धातुओं के जेवर पर कर की दर क्या रहेगी ? 

सोना , चांदी एवं अन्य मूल्यवान धातुओं के जेवर पर भी कर की दर 3% प्रतिशत ही रहेगी  है.

 सोना , चांदी एवं अन्य मूल्यवान धातुओं की मेकिंग पर जो जॉब चार्ज लगेंगे उन पर जी.एस.टी. की दर क्या होगी और इसका भुगतान किसे करना होगा.  

सोना, चांदी एवं अन्य मूल्यवान धातुओं के जेवर की मेकिंग पर जो जॉब वर्क लगता है उस पर कर की दर 5% है और इसका भुगतान भी उस डीलर को करना होगा जो इनका उपयोग जेवर बनवाने के लिए कर रहा है क्यों कि अधिकतर कारीगर एवं जॉब वर्कर अन रजिस्टर्ड होते है इसलिए इसका भुगतान रिवर्स चार्ज के दौरान होगा और उस डीलर को जो इस कर का भुगतान कर रहा है, इसकी इनपुट क्रेडिट भी मिलेगी.

 जी.एस.टी. के दौरान एक उदाहरण

आपने  30000.00 रूपये का सोना खरीदा और उस पर 3 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान किया  जिसमें से 1.50% एस.जी.एस.टी. एवं 1.50% सी.जी.एस.टी. है . इस प्रकार सोने की खरीद पर 450.00 रूपये एस.जी.एस.टी. और 450.00 रूपये के सी.जी.एस.टी. का भुगतान हुआ है और यह आपकी इनपुट क्रेडिट भी होगी.

अब आपने इसे एक कारीगर को जेवर बनाने के लिये दिया और उनकी मजदूरी 2400.00 रूपये होते है और इस पर जी.एस.टी. की 5% की दर से 120.00 रूपये जी.एस.टी. का कर बनेगा   इसमें से एस.जी.एस.टी. 60.00 रूपये होगा  एवं 60.00 रूपये सी.जी.एस.टी. बनेगा जिसका भुगतान आपको रिवर्स चार्ज के रूप में करना होगा   और इसकी इनपुट क्रेडिट भी आपको मिलेगी .

अब आप इस बने हुए जेवर को 35640.00 रूपये में बेचते हैं तो आप ग्राहक से 3% की दर से जी.एस.टी. के कुल 1070.00 रूपये वसूल करेंगे जिसमें से 535.00 रूपये एस.जी.एस.टी. के लिए होंगे और 535.00 रूपये सी.जी.एस.टी. के लिए होंगे.      

 आइये अब देखें कि इस उदहारण में आपके द्वारा चुकाया जाने वाला कर किस तरह से तय होगा

विवरण एस.जी.एस.टी. सी.जी.एस.टी. कुल कर
कर की दर 1.50% 1.50% 3.00%
(i).आउटपुट टैक्स :-

बिक्री 35640.00 रूपये की बिक्री 3% जी.एस.टी.

535.00 535.00 1070.00
(ii). जॉब वर्क 2400.00 रूपये पर 5% की दर से रिवर्स चार्ज के तहत कर 60.00 60.00 120.00
कुल आउटपुट टैक्स (i)+(ii) 595.00 595.00 1190.00
(ii). इनपुट टैक्स:-

सोने की खरीद 30000.00 रूपये पर 3% जी.एस.टी.

450.00 450.00 900.00
(iii). जॉब वर्क की राशि 2400.00 रूपये पर 5% जी.एस.टी. 60.00 60.00 120.00
कुल इनपुट क्रेडिट 510.00 510.00 1020.00
कर भगतान का  आपका दायित्व 85.00 85.00 170.00

 आइये अब आपका जो कर 170.00 रूपये हुआ है उसको भी क्रॉस चेक कर लेते है   

आपकी सोने की  खरीद 30000.00
आपकी जेवर की बिक्री 35640.00
कुल वैल्यू एडिशन 5640.00
कर की दर 3%
कर की रकम जो कि 5640.00 के वैल्यू एडिशन पर निकाली गई 170.00

 आइये अब इस वैल्यू एडिशन की रकम 5640.00 को भी क्रॉस चेक कर लेते हैं

सोना खरीदने के बाद लगी जॉब वर्क की रकम 2400.00
आपका मुनाफ़ा 3240.00
कुल वैल्यू एडिशन 5640.00
कर की दर 3%
कुल कर जो आपको चुकाना है 170.00

 एक और प्रश्न

सर्राफा व्यवसायी अपने व्यवसाय के दौरान ग्राहकों से जेवर की बिक्री करते समय पुराने जेवर भी लेते है तो क्या इस पर भी रिवर्सचार्ज के रूप में हमें कोई कर चुकाना होगा ? 

हाँ यदि आप अपने ग्राहकों से पुराने जेवर लेते है तो इसे भी सप्लाई ही माना जाएगा और आपको इस पर भी रिवर्स चार्ज के तहत कर का भुगतान करना होगा लेकिन इस रिवर्स चार्ज के दौरान चुकाए गए कर की भी इनपुट क्रेडिट आपको मिलेगी.

 सर्राफा व्यापारी और कम्पोजीशन स्कीम 

अब तक विभिन्न राज्यों में सर्राफा व्यापरियों के लिए अलग- अलग कम्पोजीशन स्कीम या सर्राफा स्कीम चल रही थी उन सबकी जगह अब जी.एस.टी. कानून की धारा 10 में जो कम्पोजीशन स्कीम ले लेगी और यह कम्पोजीशन स्कीम व्यापारी और निर्माताओं दोनों के लिए होंगी . व्यापारी वर्ग के लिए कम्पोजीशन की दर 1 प्रतिशत होगी और निर्माता वर्ग के लिए यह दर 2 प्रतिशत होगी . इस दर में से आधा कर राज्य के जी.एस.टी. का होगा एवं आधा कर केंद्र के जी.एस.टी. का होगा.

कंपोजीशन में जाने वाले डीलर्स यह ध्यान रखें कि कम्पोजीशन डीलर को एक बार तो पूरे कर का भुगतान करना ही होता है और उसके बाद कम्पोजीशन कर का भुगतान होता है. आइये यह कैसे होता है इए भी एक बार समझ लें .

कम्पोजीशन डीलर या तो रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदते है तो वे रजिस्टर्ड डीलर उनसे कर की वसूली करते है या फिर कम्पोजीशन डीलर्स अन रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदते है तो फिर वे रिवर्स चार्ज के दौरान अपनी खरीद पर कर का भुगतान करते है इसप्रकार वे एक बार तो 3 प्रतिशत का भुगतान करने के बाद ही कम्पोजीशन कर का भुगतान करते है और इस प्रकार वे कम्पोजीशन स्कीम में अपने 75 लाख रूपये  (उत्तर पूर्व के राज्यों में 50 लाख रूपये तक ) के टर्नओवर तक जा तो सकते है लेकिन कर का भार व्यापारी के लिए 4% (3% कर और 1% कम्पोजीशन कर ) और निर्माता के लिये 5% (सोने पर 3% कर और 2% कम्पोजीशन कर के साथ लेबर चार्ज पर 5% का कर ) का भुगतान करना होगा और चूँकि आप एक मंहगी वास्तु में व्यापार कर रहे है तो यह 1% या 2% का अतिरिक्त कर आपके लाभ पर भारी पड़ सकता है .

  30 जून को जो स्टॉक आपके पास है उसकी क्रेडिट का क्या होगा

30 जून को जो स्टॉक आपके पास उसकी नियमानुसार आपको इनपुट क्रेडिट को आगे ले जाने का मौक़ा मिलेगा जिसका अध्ययन हम अपने इनपुट क्रेडिट वाले भाग में जो पहले आपको भेजा था, में  कर चुके है. आपको भी यह क्रेडिट उसी तरह से मिलेगी जैसे अन्य जी.एस.टी. डीलर्स को मिलनी है. इसके अतिरिक जो डीलर्स कम्पोजीशन स्कीम के तहत इस समय है और अब जी.एस.टी. डीलर बन रहे है और उनके पास स्टॉक है उस पर यदि वर्तमान कानून के तहत कर लगा हुआ है तो नियमानुसार उसकी क्रेडिट भी आपको मिलेगी .  

इस क्रेडिट के सम्बन्ध में ध्यान रखें कि यदि आप जी.एस.टी. के दौरान कम्पोजीशन स्कीम के तहत जाने का फैसला करते है तो फिर आपको अपने स्टॉक की एवं खरीद की भी कोई इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगी.

 आइये 30 जून के स्टॉक के सामन्य नियम देख लें :- 

1.यदि आप वेट में सामान्य डीलर की तरह रजिस्टर्ड है तो आपके अंतिम वेट रिटर्न में जो इनपुट क्रेडिट केरिड फॉरवर्ड की गई है उसे ही आपके एस.जी.एस.टी. के इनपुट क्रेडिट लेजर का प्रारम्भिक शेष माना जाएगा.
2.यदि आप सेंट्रल एक्साइज में सामान्य डीलर की तरह रजिस्टर्ड है तो आपके अंतिम सेंट्रल एक्साइज  रिटर्न में जो इनपुट क्रेडिट  केरिड फॉरवर्ड की गई है उसे ही आपके सी.जी.एस.टी. के इनपुट क्रेडिट लेजर का प्रारम्भिक शेष माना जाएगा.
3. यदि आप सेंट्रल एक्साइज में रजिस्टर्ड नहीं है लेकिन आप निर्माता या व्यापारी है और आपके बिल में सेंट्रल एक्साइज लगा हुआ दिख रहा है तो आपको अपने स्टॉक पर इस तरह से लगे हुए सेंट्रल एक्साइज का इनपुट क्रेडिट इस बिल पर लगे हुए सेंट्रल एक्साइज के आधार पर सी.जी.एस.टी. में मिल जाएगा.

इस तरह के बिल जिन पर यह क्रेडिट ली जानी है वह जी.एस.टी. लगने की तारीख से 12 माह से ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए.

4.यदि आप सेंट्रल एक्साइज में रजिस्टर्ड नहीं है और आप व्यापारी है  लेकिन अब जी.एस.टी. में सामान्य डीलर की तरह रजिस्टर हो रहें है और आप के स्टॉक पर सेंट्रल एक्साइज लगा हुआ है लेकिन वह बिल में दिख नहीं रहा है तो आपको इस माल की बिक्री पर लिए गए   सी.जी.एस.टी. का 40 प्रतिशत इनपुट क्रेडिट लेजर में क्रेडिट कर वापिस दे दिया जाएगा . 

यह माल आपको जी.एस.टी. लागू होने के 6 माह के भीतर बेचना होगा और इसके बाद यह क्रेडिट नहीं मिलेगी.

3. यदि आप वेट में रजिस्टर्ड नहीं है लेकिन आप निर्माता या व्यापारी है और आपके बिल में वेट  लगा हुआ दिख रहा है तो आपको अपने स्टॉक पर इस तरह से लगे हुए वेट  का इनपुट क्रेडिट इस बिल पर लगे हुए वेट के आधार पर एस.जी.एस.टी. में मिल जाएगा.

इस तरह के बिल जिन पर यह क्रेडिट ली जानी है वह जी.एस.टी. लगने की तारीख से 12 माह से ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए.

5.यदि आप वेट में रजिस्टर्ड नहीं है और आप व्यापारी है और अब जी.एस.टी. में सामान्य डीलर की तरह रजिस्टर हो रहें है और आपके स्टॉक पर वेट  लगा हुआ है लेकिन वह बिल में दिख नहीं रहा है तो आपको इस माल की बिक्री पर लिए गए एस.जी.एस.टी. का 40 प्रतिशत इनपुट क्रेडिट लेजर में क्रेडिट कर वापिस दे दिया जाएगा और यह वापसी आपके एस.जी.एस.टी. के इनपुट क्रेडिट लेजर में क्रेडिट देकर की जायेगी.

यह माल आपको जी.एस.टी. लागू होने के 6 माह के भीतर बेचना होगा और इसके बाद यह क्रेडिट नहीं मिलेगी.

 क्या जो डीलर्स किसी स्कीम के तहत कर भर रहे थे उन्हें भी क्लोजिंग स्टॉक पर इनपुट क्रेडिट का कोई लाभ मिलेगा

जो डीलर्स एक फिक्स रेट  \ फिक्स रकम के रूप में  सामान्य कर की जगह भुगतान कर रहे है (कई राज्यों में इसे ग्रीन चेनल स्कीम या सर्राफा स्कीम का नाम भी दिया जाता है ) उन्हें भी स्टॉक पर जो पर कर लगा है उसकी इनपुट क्रेडिट भी मिलेगी और यह क्रेडिट उनके स्टोक के बिल में लगे हुए कर के हिसाब से मिलेगा और यहाँ भी  शर्त यह है कि ये बिल 12 माह से पुराना नहीं होना चाहिए.

 नोट :- जी.एस.टी. एक नया विषय है . लेख को तैयार करते समय पूरी सावधानी बरती गई है एवं प्राप्त सूचनाओं का सोच –समझ कर उपयोग किया गया है लेकिन कोई त्रुटि आपको नजर आये तो सूचित करें ताकि इसमें सुधार किया जा सके.

-CA Sudhir Halakhandi  -CA Abhas Halakhandi

“Halakhandi”, Laxmi Market, Beawar-305901(Raj)

Cell- 9828067256, MAIL –sudhirhalakhandi@gmail.com

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4 Comments

  1. GHAN SHYAM VERMA says:

    1 i am gold smith and dealor i made ornaments self then what is gst rate on labour
    2 if we purchage readymade jewellery in or out of state and sale to coustomer then what is gst rate on cost and labour

  2. Vishal Singh says:

    Sir i am a wholesale dealer so if we purchase silver article from another state then how will we get input tax credit , it will be whole 3% or 1.5%
    Please let me know

  3. CA VIJAY PATIL says:

    well explained.

    I want to add one point with regard to sale of old jewellery by consumer to dealer.

    in your article, it is mentioned that dealer has to pay tax on reverse charge basis. My view is different on this, if we carefully examine the provisions of section 9(4), such supply from consumer should be taxable then only reverse charge is applicable, as the consumer is not supplying goods during his business or furtherance of it then it should not be taxable.

    And hence, purchasing dealer should not be liable for reverse charge tax.

    Thanks,
    CA Vijay Patil

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