Discover the challenges faced by dealers when GST ITC is blocked. Learn expert advice, legal insights, and potential actions to resolve ITC issues in this detailed article.
जानिए जीएसटी लेजर में आईटीसी ब्लॉक होने पर व्यापारियों को कैसे चाहिए कार्रवाई करनी, सरकारी निर्देशों को कैसे समझना चाहिए।
पिछले सात वर्षों में भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी के प्रभाव का अन्वेषण करें। इसके कार्यान्वयन, सामना की गई चुनौतियों और आगे की राह के बारे में जानें।
Discover why Input Tax Credit (ITC) safety in GST is uncertain for businesses. Explore reasons, challenges, and proposed government actions for safeguarding ITC.
GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुरक्षा पर विचार करते हुए जानिए क्यों खरीदार को होती हैं चिंताएँ और सरकार के उपाय। यह लेख आपको विस्तार से बताएगा इस समस्या का समाधान।
जीएसटी की विभिन्न समस्याओं और सुधार की आवश्यकता पर विस्तृत अध्ययन। सार्थक एमनेस्टी स्कीम की जरुरत, विक्रेता और खरीदार की समस्याओं का समाधान।
Explore critical GST issues affecting taxpayers and the urgent need for reforms. Learn about the proposed GST amnesty scheme and its implications.
गुड्स ट्रासपोर्ट एजेंसी से जुडा अप्रत्यक्ष कर चाहे वह सर्विस टैक्स हो या जीएसटी कभी भी भ्रम या विवादों के परे नहीं रहा है . अधिकांश गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी का जीएसटी आरसीएम के तहत था लेकिन फॉरवर्ड चार्ज के तहत एक उन्हें एक विकल्प दिया गया ताकि वे 12 प्रतिशत कर चुका कर अपने द्वारा चुकाए गए कर का इनपुट टैक्स ले सके. आरसीएम के तहत तो कोई इनपुट मिलता ही नही है इसलिए गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी 12 प्रतिशत की दर से कर चुका कर इनपुट क्रेडिट भी ले सकती है .
अभी अभी एक खबर आई है कि मार्च 2024 में जीएसटी का कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रूपये हुआ है तो आइये आज बात करें कि राजस्व तो बढ़ रहा है पर क्या जीएसटी सफल है !!! राजस्व का लगातार बढना क्या जीएसटी की सफलता का संकेत हैं या अभी भी कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ छुट रहा है . ये तो आप मान कर चलिए जीएसटी राजस्व के मामले में तो सफल है ही और इसके साथ ही करदाताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है तो इससे यह लगता है कि जीएसटी का संचालन सफलता पूर्वक हो रहा है .
अपनी स्वेच्छा से अपनी स्वयं की सम्पति को अपनी मृत्यु के बाद बांटने का सबसे उचित तरीका तो वसीयत ही है जिससे होता यह है कि इंसान अपने जीवन काल में ही अपनी इच्छानुसार यह लिख जाता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी सम्पति किस तरह से और किसे मिलेगी. वसीयत किसी एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके वारिसों के मध्य विवादों को समाप्त करवाने के लिए भी जरुरी है. इसके लिए ना सिर्फ वसीयत होनी चाहिए बल्कि एक स्पष्ट वसीयत होनी चाहिए ताकि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके वारिसों में किसी भी प्रकार का विवाद नहीं रहे.