शेयर खरीद फरोख्त पर आजकल टैक्स बचाने का तरीका जो कि टैक्स लास हारवेस्टिंग के नाम से प्रचलित है, विभिन्न बड़े बड़े ब्रोकिंग फर्मों द्वारा सुझाया जा रहा है और निवेशक बिना सोचे समझे इस तरह के बेतरतीब तरीकों में उलझ रहा है.
टैक्स लास हारवेस्टिंग का तरीका बेवकूफी है या समझदारी, पहले इसे समझते हैं और क्यों शेयर बाजार के विशेषज्ञ इसे सुझा रहे हैं:
1. हम जानते हैं कि शेयर खरीद फरोख्त में हमको दीर्घकालिक या अल्पकालिक केपिटल लाभ या हानि होती है जिसे आयकर के अन्तर्गत दिखाया जाता है.
2. एक साल के अंदर शेयर खरीद फरोख्त पर अल्पकालिक केपिटल लाभ होता है जिस पर 15% की दर से आयकर लगता है.
3. इसी तरह एक साल से ऊपर के शेयर खरीद फरोख्त पर दीर्घकालिक लाभ होता है और जब यह साल भर में 100000/- रुपये से अधिक होता है तो उस पर बिना इंडेक्स के 10% आयकर देना होता है और इंडेक्स लगाने पर 20% आयकर देना होता है.
4. इसके अलावा दीर्घकालिक लास सिर्फ और सिर्फ दीर्घकालिक लाभ से ही सेट आफ होता है.
5. अल्पकालिक लास दीर्घकालिक लाभ और अल्पकालिक लाभ दोनों से सेट आफ हो सकता है.
इसलिए यदि साल भर में शेयर खरीद फरोख्त पर किसी व्यक्ति को दीर्घकालिक या अल्पकालिक केपिटल लाभ पर टैक्स देनदारी आ रही होती है तो ब्रोकर नुकसान में चल रहे शेयर को बेचने की सलाह देते हैं ताकि लाभ को इस वित्तीय वर्ष में कम कर लिया जावे और अगले वर्ष फिर से वही या नए शेयर खरीद लिए जावें ताकि नुकसान की पूर्ति अगले साल में होने की संभावना बढ़ जावे और इस वित्तीय वर्ष में नुकसान होने से टैक्स देनदारी भी कम हो जावेगी और इसी प्रक्रिया को टैक्स लास हारवेस्टिंग के नाम से जाना जाता है.
*लेकिन ऐसा करना या सुझाना क्या समझदारी और प्रभावी तरीका माना जा सकता है, समझें:*
1. किसी भी शेयर को नुकसान में बेचना आखिर नुकसान ही है और क्या संभावना की अगले साल हमें लाभ हो ही जावेगा.
2. यदि अगले साल लाभ भी होता है तो टैक्स देनदारी तो आप पर आऐगी ही तो हम फिर से टैक्स लास हारवेस्टिंग करेंगे और इस चक्र में उलझते रहेंगे.
3. ऐसा करने से सिर्फ लाभ ब्रोकर का होता है क्योंकि व्यापार उनका बढ़ता है और निवेशक का नुकसान साल दर साल बढ़ता ही जाता है.
4. आयकर विवरणी में यदि सही ढंग से शेयर खरीद फरोख्त का लाभ हानि और सेट आफ नहीं दिखाया गया तो और लेने के देने पड़ जाऐंगे.
5. हमें यदि लाभ हुआ है तो टैक्स भरें और यदि हानि तो उसे केरी फारवर्ड कर सेट आफ करें और नियमों का पालन करें.
6. वाकई में नुकसान इसलिए वहन करना कि टैक्स बचेगा, कैसे समझदारी हो सकती है और वो भी टैक्स लास हारवेस्टिंग के नाम पर.
7. टैक्स लास हारवेस्टिंग जानबूझकर नुकसान वहन करने की प्रक्रिया है जिससे न केवल टैक्स की देनदारी कम करने की कोशिश की जाती है बल्कि शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों की दिखावटी खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलता है जो कहीं से भी छोटे निवेशक के हक में नहीं है.
*उपरोक्त तथ्यों से साफ है टैक्स लास हारवेस्टिंग जानबूझकर हानि वहन की एक प्रक्रिया है जिसपर आयकर विभाग और सेबी को लगाम कसनी होगी. सरकार को देखना होगा कि वित्त वर्ष के अंत में किन कंपनियों के शेयरों को बेचा गया और फिर नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में इन्हें वापस खरीद लिया गया ताकि ऐसी दिखावटी खरीद फरोख्त का बाजार पर असर न हो और साथ ही निवेशक एक उचित प्रक्रिया और नियमों के तहत शेयर बाजार में काम कर सकें और जो भी नियमानुसार उसका कर दायित्व है पालन करें.*
*लेखक एवं विचारक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर 9826144965*