Follow Us :

पिछली 21 दिसंबर 21 को देश में 25 से ज्यादा शहरों और लगभग 11 राज्यों में अबतक की सबसे बड़ी आयकर रेड चीनी मोबाइल कंपनियां जि़ओमी, ओप्पो और वन प्लस पर की गई और ऐसा बताया गया कि हजारों करोड़ रुपये के अपवंचन की संभावना है.  

अगस्त महीने में भी दूरसंचार उपकरण बनाने वाली चीनी कंपनी जेडटीई पर भी छापा डाला गया था. दोनों रेड 7 से 8 दिन तक चली लेकिन जैसी सफलता के गुणगान देशी कंपनियों और निदेशकों के यहाँ छापों से मिलें, बताए गए और मीडिया कवरेज दी गईवही चीनी कंपनियों पर आयकर विभाग और मीडिया लगभग खामोश ही रहा. 

इसके क्या मतलब निकाले जाएं और सबसे बड़ी बात 31 दिसंबर को हफ्ते भर रेड चलने के बाद आयकर विभाग की तरफ से बयान आना कि इन कंपनियों द्वारा विदेश में स्थित ग्रुप कंपनियों को लगभग 5500 करोड़ रुपये का भुगतान रायल्टी के रूप में किया गया जिसको आयकर नियमों के हिसाब से घोषित नहीं करने के कारण इन चीनी कंपनियों पर 1000 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई जा सकती है.  

यह एक चौंकाने वाला बयान है और वही दूसरी ओर चीनी कंपनियों की ओर से कहा गया कि न केवल उन्होंने आयकर प्रक्रिया में पूरा सहयोग किया बल्कि भारतीय नियमों और कानूनों का पूरी तरह पालन किया गया. 

जहाँ आयकर विभाग द्वारा देश में अन्य जगह किए गए छापों के बारे में इतना बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है और मीडिया को करदाता के आफिस और घरों में घुसाकर दिखवाया जा रहा है, तो दूसरी ओर देश के सबसे बड़ी रेड जो चीनी मोबाइल कंपनियों पर की गई और वो भी आयकर इंटेलिजेंस की पुख्ता सूचना के आधार पर, उसके बारे में चुप्पी क्यों?  

ऐसे ताबड़तोड़ आयकर छापें जो पिछले कुछ महीनों से हो रहे हैं, जिसमें करोड़ों रुपये का कर अपवंचन होना प्रचारित जरूर किया गया लेकिन असल में क्या निकला या नहीं संदेह जगाता है और कुछ ज्वलंत प्रश्नों को जन्म देता है: 

  1. यदि आयकर विभाग चीनी मोबाइल कंपनियों पर रेड पर चुप्पी साधे है या मीडिया में इसकी कवरेज नहीं है तो फिर अन्य देशी कंपनियों और करदाताओं पर छापों के बारे में इतनी जानकारी क्यों प्रचारित कर रहा है?
  1. क्यों मीडिया को आयकर छापों जैसी संवेदनशील जानकारी का विश्लेषण और कवरेज करने दिया जा रहा है?
  1. क्या हर करदाता के लिए नियम अलग अलग है? क्यों किसी किसी की इज्जत उछाली जाती है और किसी पर चुप्पी?
  1. छापें की कार्यवाही है तो विभाग कर अपवंचन कितना है जब कंफर्म हो तभी मीडिया को बताएं, क्यों चीनी कंपनियों के केस में सतर्कता बरती और अन्य मामलों में बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है?
  1. क्या आयकर छापें भी राजनीति से प्रेरित होते हैं?
  1. क्या यह तभी किए जाते हैं जब सरकार को राजस्व की आवश्यकता होती है?
  1. क्या इनका आधार और सूचना संतोषजनक होती है या फिर सिर्फ छापों के लिए बनाई जाती है?
  1. क्या इन आधारों को उचित समय पर पब्लिक प्लेटफार्म पर लाया जा सकता है और जरुरत पड़ने पर कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है?
  1. क्या जिन छापों में कुछ भी नहीं निकला और करदाता को सिर्फ परेशान किया गया, उसकी क्या और किसकी जबाबदारी होगी?
  1. क्या मीडिया ट्रायल होना उचित है?
  1. क्या अधिकारियों को छापें अंजाम देने से पहले कैसा कोड आफ कंडक्ट होना चाहिए, इस पर ट्रेन किया जाता है?
  1. क्या आयकर विभाग जैसी संवैधानिक संस्थान की अपनी आत्मनिर्भरता और दृष्टिकोण की कोई योग्यता नहीं?

उपरोक्त प्रश्न विभाग की संवेदनहीनता दर्शाते हैं और हर करदाता को बराबरी से देखने की बजाय भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने जैसा लगता है. 

न केवल आयकर छापें बल्कि सामान्य आयकर दाताओं की समस्याओं के लिए भी सरकार पर निर्भर होना, लोकतंत्र में चिंतनीय है. 

आयकर विभाग के इतिहास में  21 दिसंबर को की गई अब तक सबसे बड़ी रेड  जिसमें 3 चीनी मोबाइल कंपनियां, 25 शहर/ ठिकाने, 11 राज्य, उत्पादन इकाईयां, निदेशकों के ठिकाने, 8 दिन, पुख्ता सूचना, अनगिनत लेनदेन, आदि के बाद कुछ न मिलना या बता पाना असफल रेड दर्शाता है!  

विभाग द्वारा चुप्पी और 31 दिसंबर को सिर्फ यह कहना कि लेनदेन किताबों में सही ढंग से दिखाने पर 1000 करोड़ की पेनल्टी लगाई जा सकती है, इस सबसे बड़ी रेड पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और सूचना तंत्र की खामियां दर्शाता है, तो दूसरी ओर देश के अन्य छापों को गलत तरीके प्रचार प्रसार करवाना केवल दोहरे मापदंड और भेदभाव को इंगित करता है बल्कि संवैधानिक संस्था द्वारा ऐसा होना तर्कसंगत और न्यायसम्मत भी नहीं है.

*लेखक एवं विचारक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर 9826144965*

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search Post by Date
July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031