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वैश्विक महामारी के रूप में उभरी कोरोना (covid 19) के दुष्परिणाम हर जगह देखने को मिल रहे हैं | जहां जन-स्वास्थ्य के ऊपर कोरोना एक बहुत बड़े चुनौती के तौर पर उभर रहा है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक एवं व्यवसाय जगत पर भी कोरोना का दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ना निश्चित है । 100 से भी अधिक देशों ने कोरोना से बचाव के चलते अंतरराष्ट्रीय आवागमन पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाए हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित है |

चाइना के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स द्वारा जारी उत्पादन प्रबंध सूचकांक,  पिछले 2 वर्षों के अपने न्यूनतम स्तर यानी कि 50 से गिरकर 35 पर आ गया है । ब्लूमबर्ग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अनुसार कोरोन से संपूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जितना व्यापार प्रभावित होने का अनुमान है । ग्लोबल रिसर्च संस्थान डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के अनुमान के अनुसार कोरोना के साये मे इस वर्ष भारत की GDP ग्रोथ रेट 5% से और कम रह्ने का अंदेशा है ।   भारत देश में भी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों के राष्ट्रीय लॉक-डाउन की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत मात्र अति-आवश्यक सेवाएं निर्धारित समय के लिए परिचालित रहेंगी एवम्‌ अन्य सभी निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, उद्योग, बाजार बंद रहेंगे |

Coronavirusभारत में जहां एक ओर व्यापार और व्यवसाय ठप पड़ा है, वही छोटे-छोटे उद्योग धंधे चलाने वाले सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम स्तर के व्यापारी एवम्‌ दैनिक भत्ते पर जीवन यापन करने वाले श्रमिकों इस नेशनल लोक-डाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित । यदि आप भी स्वरोजगार, सूक्ष्म लघु या मध्यम श्रेणी के उद्योग धंधे के संचालक हैं, तो निश्चित ही वर्तमान समय में आपको बैंकिंग एवं फाइनेंस के प्रबंधन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है होगा । ऐसे समय में अपने उद्योग धंधों को जीवित रख पाना निश्चित ही बड़ी चुनौती है, लेकिन समय रहते इस चुनौती के बेहतर प्रबंधन से ही इन उद्योग धंधों को ऑक्सीजन दे पाना संभव होगा | इस संबंध में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा दिनांक 27 मार्च 2020 को जारी राहत पैकेज में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं | आइये इसी सन्दर्भ में देखते हैं की कोरोना क्रायसिस के दौर मे आपके व्यवसाय के  वित्त प्रबंधन हेतु क्या विकल्प उपलब्ध है ?

Five lockdown

  • दिन-प्रतिदिन की बिजनेस बैंकिंग

ऐसे उद्योग धंधे, जो प्रशासन द्वारा अति आवश्यक श्रेणी में रखे गए हैं एवं जिनमें परिचालन अभी चालू है,  उन्हें यह ध्यान रखना होगा की व्यापार चलाने के साथ ही उन्हें स्वयं,  कर्मचारियों, उपभोक्ता, आदि सभी हितग्राहीयों के उत्तम स्वास्थ्य और संक्रमण से  सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी है । यहाँ सबसे पहले यह आवश्यक हो जाता है कि दिन-प्रतिदिन की बिजनेस बैंकिंग जैसे कि पेमेंट प्राप्त करना या पेमेंट भेजना, अकाउंट स्टेटमेंट चेक बुक रिक्वेस्ट, चेक्स का स्टॉप पेमेंट आदि सुविधाएं जहां तक संभव हो आपके बैंक द्वारा दी जा रही इंटरनेट आधारित वेबसाइट या आपके बैंक के एप्लीकेशन के माध्यम से ही संचालित कर सकते हैं जिससे कर्मचारी बाहरी संपर्क मे आने से बचे रहें ।  कई बैंकों ने कोरोना क्राइसिस को ध्यान में रखते हुए आइएमपीएस (IMPS),  आरटीजीएस (RTGS), एनईएफटी (NEFT) एवं ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर सेवाओं पर शुल्क न्यूनतम कर दिए हैं अथवा शुल्क माफ कर दिया है, तो अधिक से अधिक इन सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए । कुछ बैंकों ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए कैश एट होम यानी आपके घर पर कैश डिलीवरी एवं पिकअप की सुविधा भी दी है,  इसका भी इस्तेमाल करना चाहिए | छोटे-छोटे कैश विड्रोल के लिए एटीएम मशीन का प्रयोग एवं कैश डिपॉजिट करने के लिए भी कैश डिपॉजिट मशीन का प्रयोग करें | आपके क्षेत्र में लागू प्रतिबन्ध के अनुसार बैंक की ब्रांचेज निर्धारित समय के बीच लेन-देन के लिए खुली रहेंगी , अति-आवश्यक होने पर ब्रांच में जा कर बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं |

  • कच्चे माल के सप्लाई करने वाले एजेंसीज , वेंडर्स को भुगतान

ऐसे व्यापारी एवं उद्योग जिन्होंने जिन्हे अपना व्यापार  सुचारु रूप से चलने हेतु अपने कच्चे माल के सप्लाई करने वाले एजेंसीज आदि को भुगतान करना है, वो ध्यान दें | सर्वप्रथम जो भुगतान आपको प्राथमिकता पर करने हैं,  ऐसे सभी वेंडर्स एवं सप्लायर्स से यह सुनिश्चित करें कि वह ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं अथवा नहीं ? यदि आपके सप्लायर्स और वंडर्स ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करते हैं,  तो आप ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से अपने क्रेडिट कार्ड्स (यदि क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हों तो ) के माध्यम से यह भुगतान कर सकते हैं । ध्यान रहे कि क्रेडिट कार्ड आपके बिलिंग साइकिल के अनुसार आपको अधिकतम 50 दिन तक की ब्याज मुक्त लिमिट प्रदान करता है | उदाहरण के तौर पर यदि आपके क्रेडिट कार्ड की साइकिल 30 मार्च से चालू होने वाली है एवं 2 अप्रैल को आप कोइ भुगतान करते हैं, तो उसे चुकाने के लिए आपको 05 से 10 मई (अलग-अलग क्रेडिट कार्ड कंपनी कि पॉलिसी अनुसार) तक की ब्याज मुक्त अवधि प्राप्त होगी, जिस अवधि में आप क्रेडिट कार्ड का बिल चुका सकते हैं । लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप इस निर्धारित अवधि में क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय से पूर्व कर दें ताकि किसी भी किस्म की ब्याज और पैनल्टी का शिकार ना होना पड़े |

  • अनसिक्योर्ड बिज़नेस लोन से इमरजेंसी फंडिंग –

यदि माल सप्लाई करने वाली एजेंसीज आपको भुगतान के लिए अधिक समय देने को तैयार न हो एवं क्रेडिट कार्ड से भी भुगतान लेने में असमर्थ हो,  तो इस दशा में एक अन्य विकल्प भी उपलब्ध है अनसिक्योर्ड बिज़नेस लोन | वर्तमान में कई बड़ी वित्तीय संस्थाओं द्वारा इंटरनेट वेबसाइट, ऍप के माध्यम से, अस्थाई तरलता हेतु, सीमित अवधि के अनसिक्योर्ड बिज़नेस लॉन्स दिए जा रहे हैं । अत्यधिक आवश्यकता होने पर व्यवसायी द्वारा अनसिक्योर्ड लॉन्स प्राप्त किए जा सकते हैं । किंतु यह ध्यान रहे की इनकी ब्याज दर,  सिक्योर्ड लोन की तुलना में काफी अधिक एवं रीपेमेंट समय सामान्यता 12 से 24 महीने का ही मिलता है,  जिसके कारण मासिक किस्त की राशि तुलनात्मक रूप से काफी अधिक रहती है, तो अनसिक्योर्ड लोन लेने के पहले आप की किस्त चुकाने की क्षमता भी जांच लें |

Bank help

  • बैंक आदि वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण का प्रबंधन

Covid 19 से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के  उद्देश्य से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा दिनांक 27 मार्च 2020 को जारी COVID 19 राहत पैकेज में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं |  ये निर्देश भारत में कार्यरत सभी व्यवसायिक बैंक , स्माल फाइनेंस बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी, कोपरेटिव बैंक्स, हाउसिंग फाइनेंस कम्पनीज, माइक्रो फाइनेंस कम्पनीज आदि सभी वित्तीय संस्थाओं पर लागू होंगे | रिज़र्व बैंक ने ये गाइडलाइन्स जारीकरते समय स्पष्ट किया है की इन राहतों का उद्देश्य कोरोना COVID 19 से उत्पन्न आर्थिक समस्याओं के बेहतर प्रबंधन के लिए भारतीय ऋण धारकों की मदद करना है, जिससे वर्तमान असाधारण परिस्थितियों में  वित्तीय तनाव से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने  मिलेगी | इसके मुख्य प्रावधान निम्न है –

  • टर्म लोन की किश्त चुकाने के लिए 03 माह का मोरेटोरियम (अतिरिक्त अवधि) रिज़र्व बैंक द्वारा 27 मार्च को जारी की गए निर्देशों के अंतर्गत 01 मार्च 2020 को बकाया ऋण को चुकाने के सम्बन्ध में अतिरिकत मोहलत देने का प्रावधान करने का आदेश ऋण देने वाली सभी  वित्तीय संस्थाओं  को दिया गया है | इस सन्दर्भ में टर्म लोन (जिसमे मॉर्टगेज लोन्स, होम लोन, प्रॉपर्टी लोन्स, प्रोजेक्ट लोन , ऑटो लोन्स आदि शामिल होते हैं) की किश्त को चुकाने के लिए तीन महीनो का मोरोटोरियम यानी की अतिरिक्त राहत अवधि प्रदान की गई है | अर्थात, आपके द्वारा लिए गए टर्म लोन की बकाया अवधि और किश्तें ०३ महीने आगे सरक जाएगी | सीधे शब्दों में यदि आपको अभी अगले 18 माह तक २५ हज़ार रूपये प्रति माह किश्त चुकानी थी तो अब आपको इसे चुकाने के लिए 3 + 18 महीने यानी 21 महीने मिलेंगे , जिसमे पहले 03 महीने आपको मोरोटोरियम मिलेगा | किन्तु याद रखें की इस 03 माह की अतिरिक्त राहत अवधि का ब्याज आपको बाद में  आपके बैंक द्वारा तय किये गए फॉर्मूले के आधार पर चुकाना ही पड़ेगा |
  • वर्किंग कैपिटल का ब्याज चुकाने के लिए 03 माह का मोरोटोरियम (अतिरिक्त अवधि)- सामान्यतया व्यवसाय के दैनिक खर्चे चलने के लिए बैंक वर्किंग कैपिटल प्रदान करता है | कॅश क्रेडिट (CC), ओवर ड्राफ्ट (OD) आदि रूप में ली गई वर्किंग कैपिटल सुविधा पर लगने वाले ब्याज में भी रिज़र्व बैंक ने 01 मार्च 2020 से 3 महीने का मोरोटोरियम  सुविधा दी है, यानी इन 3 महीनो में आपको इन सुविधाओं पर कोई ब्याज नहीं चुकाना होगा | लेकिन  इन तीनो महीनो का ब्याज आपसे चौथे महीने में एक साथ लिया जायेगा , इसको ध्यान में रखें |  चौथे महीने में आप तीन महीने का ब्याज चुकाने की तैयारी रखें और यथा संभव हर महीने कुछ रिज़र्व राशि अलग से ब्याज चुकाने हेतु निकलते जाए |
  • इन तीन महीनो में क्या मेरा क्रेडिट स्कोर बिगड़ जाएगा ? –रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन्स में जहाँ 03 माह की अतिरिक्त अवधि प्राप्त हो  सकती हैं , वहीँ साथ ही इस 03 माह  की अतिरिक्त अवधि में ऋण नहीं चुकाने पर भी आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित नहीं होगा , इस हेतु आवश्यक दिशा निर्देश  रिज़र्व बैंक द्वारा क्रेडिट इनफार्मेशन कम्पनीज को दिए जा रहे हैं |
  • क्या आपको ये 03 माह का एक्स्ट्रा पीरियड स्वतः प्राप्त हो जायेगा ? – रिज़र्व  बैंक द्वारा दी गई ये राहतें आपको तुरंत आटोमेटिक तरीके से प्राप्त हो जाएगी, ऐसा नहीं है | इस हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन्स के आधार पर सभी बैंको और ऋण देने वाली वित्तीय संस्थाओं को अपनी-अपनी पालिसी एवं प्रक्रिया बनाने को कहा गया है,  जिसके अंतर्गत ही आप आवेदन करने पर ये लाभ प्राप्त कर पाएंगे | प्रत्येक बैंक इस सम्बन्ध में अपनी प्रक्रिया शीघ्र जारी करेंगे |  ऐसी परिस्थिति की जहां ऋण की किश्त चुकाना संभव या मुश्किल नजर आ रहा है तो, ऐसी दशा में सर्वप्रथम आप अपने ऋण प्रदाता बैंक से संपर्क करें एवं लिखित में मेल या पत्र के द्वारा आवेदन देकर उन्हें सूचित करें कि कोरोना वायरस या नेशनल लॉक-डाउन के कारण आपके व्यापार एवं व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है,  जिस कारण व्यवसाय की बिक्री एवं स्थिति ऋण की किश्त चुकाने के लिए अनुकूल नहीं है | ऐसी दशा में आप अपने बैंक से किश्त चुकाने के लिए अतिरिक्त समय की मांग कर सकते हैं, जिसे प्रदान करना द्वारा रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार बनाये जाने वाली पालिसी पर निर्भर रहेगा |
  • क्या होम लोन और क्रेडिट कार्ड की किश्त में भी आपको 3 माह का अतिरिक्त समय मिलेगा ?- रिज़र्व बैंक द्वारा जारी गाइडलाइन्स में अलग से होम लोन का उल्लेख नहीं है | पर चूँकि होम लोन एक लोन ही है , अतः ये राहत सुविधा होम लोन पर भी मिलना तय है, ऐसा ही माना जा रहा है   |  पर इस हेतु आपको अपने बैंक से पृथक से आवेदन करना होगा , जिसकी मंजूरी आपके बैंक द्वारा निर्धारित की जाने वाली टर्म्स एवं कंडीशंस के ऊपर निर्भर करेगी | अतः आप ये सुनिश्चित करें की आपके बैंक की इस सम्बन्ध में क्या पालिसी आती है | जहाँ तक क्रेडिट कार्ड की बात है तो ये न तो टर्म लोन है और न ही वर्किंग कैपिटल बल्कि ये पर्सनल फाइनेंस सुविधा है | रिज़र्व बैंक द्वारा सर्वप्रथम जारी गाइडलाइन्स में क्रेडिट कार्ड के बारे में कोई राहत के प्रावधान नहीं घोषित किये थे , किन्तु अच्छी खबर है की सोशल मीडिया पर हज़ारों क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं की फीडबैक और सवाल मिलने पर रिज़र्व बैंक तुरंत एक्शन में आया और क्रेडिट कार्ड के ड्यू भी 03 माह तक आगे बढ़ाये जा सकते हैं यानी कि क्रेडिट कार्ड धारकों को भी ये 03 माल की अतिरिक्त रहत अवधि अपने देय  रकम को चुकाने के लिए मिलेगा |

सौ बात की एक बात की रिज़र्व बैंक ने जो covid 19 से मुकाबला कर रहे भारतीय व्यवसाय जगत को राहत पैकेज दिया है , वो निश्चित ही मददगार साबित होगा , परन्तु ये लाभ आपको घर बैठे प्राप्त नहीं होगा अपितु आपको निरंतर अपने बैंक के संपर्क में रह कर इसे हासिल करना होगा |और ये भी ध्यान रखें की रिज़र्व बैंक ने ऋण और ब्याज चुकाने के लिए 03 महीनो की अतिरिक्त अवधि दी है , इसे ऋण माफ़ी या किस्त मे छूट जैसी योजना समझने की भूल न कर बैठे | मतलब कि इस तीन महीने की अतिरिक्त समय में लगने वाले ब्याज का भुगतान आपको अपनी जेब से ही करना है, भले ही तीन महीने बाद ही सही |

Hepling Hand

  • कोरोना प्रभावित व्यवसायों को  बैंक से  अतिरिक्त ऋण

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के निर्देश पर,  भारतीय बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों हेतु कई तरह के कोरोना वायरस रिवाइवल पैकेजेस भी बनाए जा रहे हैं, इस हेतु आप अपने बैंक से संपर्क करें,  साथ ही लिखित में पत्र अथवा मेल द्वारा अपने बैंक से उपलब्ध रिवाइवल पैकेज के बारे में जानकारी अवश्य मांगे । मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार,  भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोरोना प्रभावित व्यापार एवं व्यवसाय के लिए एक इमरजेंसी क्रेडिट फंड बनाया गया है, जिसमें बैंक के वर्तमान योग्य लोन खातों के कस्टमर्स के लिए 10% तक अतिरिक्त ऋण राशि स्वीकृत करने का प्रावधान न्यूनतम दरों पर किया गया है | उदाहरण के तौर पर यदि आपने वर्तमान में एसबीआई से दस लाख रुपये का ऋण प्राप्त कर रखा है एवं आपका खाता अभी स्टैंडर्ड कंडीशन में है ( यानी कोई किश्त और ब्याज ओवरड्यू नहीं है) तो,  मांगे जाने पर बैंक  आपको 10 % यानि एक लाख रुपये तक का ऋण 2 साल की अवधि के लिए, 7.50 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवा सकता है । इस धनराशि का प्रयोग आप इमरजेंसी फंड के रूप में अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए कर सकते हैं | अन्य बैंकों द्वारा भी अपने विभिन्न सक्षम अधिकारियों को एड-हॉक लोन लिमिट्स एवं लोन सैंक्शन करने के अधिकार पूर्व में ही दिए गए हैं,  जिनका प्रयोग बैंक की पॉलिसी के अनुरूप आवश्यकता पड़ने पर कर सकते हैं । यदि आपको लगता है कि आपके व्यवसाय को वर्तमान परिस्थिति मे इमरजेंसी फंड की आवश्यकता है,  तो आप तुरंत अपने बैंकर से संपर्क करें एवं लिखित में आवेदन अवश्य दें | साथ ही यह अवश्य ध्यान दें की यथासंभव आपका ऋण खाता स्टैंडर्ड कंडीशन में रखें अर्थात सभी लोन एवं ब्याज की किस्त समय पर चुका है क्योंकि बैंक द्वारा दी जाने वाले रिवाइवल पैकेज उन्हीं खातों के लिए माननीय होते हैं जो वर्तमान में स्टैंडर्ड कंडीशन ( यानी कोई किश्त और ब्याज ओवरड्यू नहीं है) में है |

  • शेयर , म्यूचुअल फंड या फिक्स डिपाजिट – किससे पैसा निकालें

इसके बाद भी आपके व्यापार-व्यवसाय हेतु इमरजेंसी फंडिंग की आवश्यकता होने पर यह अवश्य ध्यान दें की आपके द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट्स में शेयर मार्केट, म्यूचल फंड एवं अन्य मार्केट आधारित इन्वेस्टमेंट को सरेंडर करके पैसा प्राप्त करना करने का अभी सही समय नहीं है ।  शेयर मार्केट में भारी गिरावट के कारण आपके द्वारा पुर्व मे किए गए यह सभी इन्वेस्टमेंट्स अभी पहले से काफी कम मार्किट वैल्यू  पर ट्रेड कर रहे हैं, अत: इन्हें बेचने का अभी सही समय नहीं है | यदि आपके पास बैंक या अन्य जगह फिक्स डिपाजिट,  रेकरिंग डिपाजिट के रूप में इन्वेस्टमेंट है,  तो संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था से संपर्क करके उसके ऊपर ओवरड्राफ्ट की सुविधा ले सकते हैं | यदि विकल्प आपके पास मौजूद हो तो शेयर मार्केट आधारित निवेश की बजाय,  फिक्स्ड-डिपॉजिट करंट अकाउंट या सेविंग अकाउंट में पड़े पैसे को प्रयोग में लाना ज्यादा तार्किक है |

  • गंभीर रूप से प्रभावित व्यवसाय

ऐसे व्यापार या व्यवसाय जो वर्तमान कोरोना covid 19 जनक  आर्थिक अस्थिरता के माहौल में अत्यधिक गंभीर प्रभावित है एवम जिन पर प्रतिकूल प्रभाव 03 महीने से भी अधिक अवधि के  लिए  रहने का अनुमान हैं , वह अपने बैंकर से लोन अकाउंट की रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं । लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिखित आवेदन एवं सम्बंधित वित्तीय जानकारी देने पर बैंक द्वारा आपके व्यवसाय पर पड़े प्रतिकूल प्रभावों का अध्ययन करके,  आपके व्यवसायिक ऋण कि किस्त राशि एवं ब्याज दर में परिवर्तित करके,  वर्तमान में दी जा रही किस्त से,  कम किस्त राशि स्वीकृत की जा सकती है  एवं ऋण चुकाने के लिए अतिरिक्त अवधि भी प्रदान की जा सकती है  । याद रहे कि लोन अकाउंट की रिस्ट्रक्चरिंग करना बैंक की पॉलिसी एवं बैंक के विवेक पर आधारित है एवं रिस्ट्रक्चरिंग से आपके व्यवसाय का क्रेडिट स्कोर एवं बैंक के लोन पोर्टफोलियो की गुणवत्ता प्रभावित होती है । ऐसी दशा में बैंक द्वारा रिस्ट्रक्चरिंग की जाने पर इस हेतु निर्धारित प्रोसेसिंग फीस भी ली जा सकती है |

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए यह समय बहुत चुनौतीपूर्ण है, अतः यथासंभव अपनी वैधानिक देनदारीयों जैसे इनकम टैक्सजीएसटी आदि का समय पर भुगतान करें । साथ ही यह भी ध्यान रहे कि चालू वित्तीय वर्ष दिनांक 31 मार्च को समाप्त होने जा रहे है तो इस दौरान वित्तीय वर्ष में ड्यू जीवन, स्वस्थ्य अवं अन्य किसी भी इंश्योरंस की किश्त चुकाना न भूले | अपनी ऋण संबंधित देनदारीयों को भी समय अनुसार भुगतान करने का प्रयत्न करें | रिज़र्व बैंक द्वारा दी गई राहतों को प्राप्त करने के लिए अपने बैंक से संपर्क में रहें |  किसी भी तरह कि  विकट वित्तीय परिस्थिति से निपटने कि पुर्व तैयारी कर लेवें एवं अपने बैंकर को इस सम्बन्ध में पूर्व सुचना  लिखित समय में अवश्य देवें | एक जागरूक उपभोक्ता होने के नाते सभी का कर्तव्य है कि वह समय-समय पर विभिन्न क्रेडिट ब्यूरो द्वारा दी जा रही ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करके अपना क्रेडिट स्कोर भी जांच लें |

– प्रकल्प एम जैन , फिनांशियल कंसलटेंट

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(लेखक फाइनेंसियल कंसलटेंट है एवं  वित्तीय मामले के जानकार है | पूर्व में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सहायक उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके है एवं  वर्तमान में ईफ़ॉलोजिक कंसल्टेंसी, इंदौर में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं | ये लेखक के निजी विचार हैं,  इस लेख के सम्बन्ध में सुझाव, विचार लेखक के ईमेल आई डी prakalp@effologic.in  पर भेजें जा सकते हैं |)

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