Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

-सुधीर हालाखंडी

Sudhir Halakhandi

जीएसटी 2017 में भारत वर्ष में लागू किया गया था और अब हम आज नए वर्ष 2019 में प्रवेश कर रहें है और जुलाई 2017 से अभी तक जीएसटी में क्या –क्या हुआ इसके बारे में हम लगातार चर्चा करते रहें हैं आइये आज देखें कि 2019 में आप जीएसटी से क्या आशा और उम्मीद रख सकते हैं:-

1. जीएसटी नेटवर्क की कार्यप्रणाली में वांछित सुधार हो और जीएसटी नेटवर्क की क्षमता एक बार में 1.50 लाख से बढ़कर 15 लाख हो जाए ताकि ये नेटवर्क अंतिम दिन भी रिटर्न ले सके .  जीएसटी नेटवर्क की स्पीड और क्षमता दोनों को बढाया जाये.

2. जिन डीलर्स ने विपरीत परिस्तिथियों में लेट फीस के भुगतान के साथ रिटर्न भर दिए है उन्हें उनकी लेट फीस लौटने के बारे में शीघ्र ही कोई सकारात्मक फैसला हो.

3. रिटर्न प्रक्रिया में वांछित सुधार तुरंत लागू हो और इसे भविष्य की किसी तारीख पर नहीं टाला जाए.

4. बिक्री की डिटेल “बिल टू बिल” के स्थान पर “डीलर टू डीलर” की जाए .

5. ई –वे बिल की न्यूनत्तम राशि 50 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपये की जाए और ई –वे बिल की चेकिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.

6. “बेक टू बेक” हर माह रिटर्न भरने की प्रक्रिया से डीलर्स को राहत दी जाए.

7. हर डीलर अपना मिस्मेच निकाले इसके स्थान पर केन्द्रीय सॉफ्टवेयर से मिस्मेच निकाले जाने की व्यवस्था लागू की जाए.

8. वार्षिक रिटर्न का कोई सरल एवं व्यवहारिक स्वरुप विकसित किया जाए.

9. रिवर्स चार्ज के बार-बार स्थगन को समाप्त कर इसे हमेशा के लिए हटाया जाए.

10.कम्पोजीशन डीलर्स की लिमिट 1.50 करोड़ कर दी जाए.

11. सेवा क्षेत्र के लिए कम्पोजीशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागु कर दी जाये.

12. जीएसटी कौंसिल में जो भी फैसले हो तुरंत लागू किये जाए.

13. 28 % की दर केवल “Sin and Luxary goods” पर ही हो और इसे फैसले को शीघ्र लागू किया जाये .

14. जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया ऑनलाइन “मानव रहित” सिस्टम से हो . ये कैसे हो इसे देखना हमारे कानून निर्माताओं का काम है .

15. जीएसटी हेल्प लाइन 2019 में मजबूत हो ताकि उन्हें बताई गई समस्याओं का वे हल बता सके.

16. अब तक भरे गए समस्त रिटर्न्स में संशोधन की डीलर्स को सुविधा का प्रावधान वार्षिक रिटर्न भरने के पहले आ जाए.

17. सरकार डीलर्स पर विश्वास रखे और यह माने कि अधिकांश डीलर्स का कर चोरी से कोई सबंध नहीं होता है इसलिए कुछ अवांछित डीलर्स की कर चोरी की प्रवृति रोकने की लिए सभी ईमानदार डीलर्स को इतनी कठोर प्रक्रिया में नहीं डाले और उन्हें एक सरल प्रक्रिया के दौरान व्यापार करने का मौक़ा दे.

18. कर का भुगतान एक ही लेजर से हो.

ये सभी जीएसटी को लेकर वर्ष 2019 में आशाएं और उम्मीदें है और आशंका यह है कि जीएसटी सरलीकरण में यदि त्वरित कार्यवाही नही की गई तो जीएसटी डीलर्स और भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक बोझ बन जाएगा जो कि भारतीय अर्थ व्यवस्था से जुडा कोई भी वर्ग , चाहे वे कानून निर्माता हो , डीलर्स एवं करदाता हो , जीएसटी में कार्य कर रहे प्रोफेशनल्स हो या जीएसटी प्रबंधन हो नहीं चाहता हैं अत : जीएसटी  सरलीकरण के लिए फैसले शीघ्र क्रियान्वित किये जाए और इसके लिए नए वर्ष 2019 की पहली तिमाही सबसे अच्छा समय है.

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ .

सुप्रभात – आपका आज का दिन और यह वर्ष अति उत्तम रहे .

(Author can be reached at [email protected])

Sponsored

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Sponsored
Search Post by Date
August 2024
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031