आयकर रिटर्न में प्रीफिलिंग के प्रयोजनों के लिए,ब्याज आय से संबंधित जानकारी की रिपोर्टिंग को शामिल करने के लिए सीबीडीटी ने अधिसूचना 16/2021 दिनांक 12.03.2021 जारी की है। इसके लिए नियम 114E का नया उप नियम 5A निर्दिष्ट करता है कि जानकारी निर्धारित फॉर्म में निर्धारित तरीके से प्रस्तुत की जाएगी । इसके लिए दिनांक 20 अप्रैल 2021 को अधिसूचना संख्या 2/2021 जारी की गई जिसमें (SFT) ब्याज आय के लिए प्रारूप, वित्तीय लेनदेन का विवरण प्रस्तुत करने की प्रक्रिया और दिशानिर्देश  दिए गए । जिसके अनुसार निम्नलिखित तीन व्यक्तियों  द्धारा यह SFT विवरणी भरी जाएगी :-

1.  एक बैंकिंग कंपनी या एक सहकारी बैंक जिसे बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) लागू होता है (सहित) किसी भी बैंक या बैंकिंग संस्थान को धारा 51 में संदर्भित किया गया है वह अधिनियम)

2. पोस्ट मास्टर जनरल के रूप में खंड 2 के खंड (जे) में संदर्भित भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 (1898 का ​​6)।

3. नॉनबैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसके पास एक प्रमाण पत्र है भारतीय रिजर्व बैंक की धारा 45IA के तहत पंजीकरण अधिनियम, 1934 (1934 का 2), जनता से जमा को रखने या स्वीकार करने के लिए।

उपरोक्त तीनो व्यक्तियो द्धारा  वित्तीय वर्ष  2020-21  के  लिए  यह SFT विवरणी 31.05.2021 तक भरी जाएगी जिसमे निम्न सूचनाएं भरी जाएगी :-

(1) सभी खाते / जमा वे धारक जहां वित्तीय वर्ष में प्रति व्यक्ति संचयी ब्याज 5,000 / – रु से अधिक है।

(2) ब्याज जो कि आयकर अधिनियम 1961 के तहत कर से मुक्त है, जैसे कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)अकाउंट पर ब्याज,विदेशी मुद्रा अनिवासी (FCNR) खाता, सुकन्या समृद्धि खाता, निवासी विदेशी मुद्रा खाता आदि। रिपोर्ट की जरूरत नहीं है।

(3)   ब्याज राशि की रिपोर्टिंग करते समय, ब्याज राशि का भुगतान / क्रेडिट किया गया ब्याज धारा 80TTA के तहत उपलब्ध 10,000 / रुपये की कटौती से कम नहीं किया जाना चाहिए।

(4)  संयुक्त खाते के मामले में, ब्याज / भुगतान  पहले / प्राथमिक खाता धारक को निर्दिष्ट या  निर्दिष्ट प्रपत्र  37BA के अनुसार व्यक्ति को किया जाना चाहिए।

(5) नाबालिग के खाताधारक होने के मामले में, जानकारी के लिए लीगल गार्जियन के नाम से सूचित किया जाएगा।

(6) प्रत्येक खाते के लिए संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है (i.e. S-­Savings, T­-Time Deposit, R­-Recurring Deposit, O-Others) और उसी प्रकार के खाते पर ब्याज होना आवश्यक है।

(7) ब्याज, वित्तीय वर्ष के दौरान ब्याज / भुगतान की कुल राशि होगी।

इस प्रकार SFT विवरणी  फाइल होने पर ब्याज राशि से सम्बंधित सूचनाएं करदाता के फॉर्म न . 26AS में दिखाई देगी जिसे करदाता को अपनी आयकर विवरणी फाइल करते समय अपनी आय में दिखाना होगा।

Author Bio

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Whatsapp

taxguru on whatsapp GROUP LINK

Join us on Telegram

taxguru on telegram GROUP LINK

Download our App

  

More Under Income Tax

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search Posts by Date

December 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031