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Summary: आगामी जीएसटी काउंसिल बैठक 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में आयोजित होगी। बैठक में टैक्स दरों में बदलाव के कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें बीमा प्रीमियम, साइकिल, पानी की बोतल, एक्सरसाइज नोटबुक जैसी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं, जबकि महंगे जूते और रिस्ट वॉच की कीमत बढ़ने की संभावना है। बीमा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए, ₹5 लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस कवर और वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसी पर जीएसटी हटाने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। इससे बीमा खरीदने की लागत घटेगी और अधिक लोग स्वास्थ्य व जीवन बीमा का लाभ ले पाएंगे। साथ ही, साइकिल और 20 लीटर पानी की बोतल पर जीएसटी को घटाकर क्रमशः 5% और 12% करने का प्रस्ताव है, जबकि ₹25,000 से अधिक कीमत वाली रिस्ट वॉच और ₹15,000 से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी दर को 28% तक बढ़ाने की सिफारिश है। सरकार और बीमा उद्योग को इस कदम से राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन यह बीमा की पहुंच को बढ़ाने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद करेगा। सभी प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय 21 दिसंबर 2024 की बैठक में लिया जाएगा।

जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक 21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में आयोजित होगी। जिसमें कई वस्तुओं पर टैक्स दरों में बदलाव का प्रस्ताव है, जिससे कुछ वस्तुएं सस्ती और कुछ महंगी हो सकती हैं। इसमें  इंश्योरेंस,साइकिल, पानी की बोतल और एक्सरसाइज नोटबुक सस्ती होंगी, जबकि रिस्ट वॉच और महंगे जूते महंगे हो सकते हैं। बैठक में इंश्योरेन्स सेक्टर मुख्य रूप से चर्चा का विषय है, जिसकी टैक्स दर में  परिवर्तन से क्या लाभ होगा और क्या नुकसान होगा उस पर संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है-

Insurance Premium पर बड़ी राहत का प्रस्ताव हैं? जीएसटी में कटौती से आपको मिल सकता है बड़ा फायदा? लेकिन 2025 में?

बीमा खरीदने वालों के लिए एक खुशखबरी हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि Insurance Premium पर लगने वाले जीएसटी में कटौती हो सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो यह बीमा ग्राहकों के लिए नए साल का सबसे बड़ा तोहफा होगा। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह कैसे आपकी जेब पर असर डालेगा और बीमा सेक्टर के लिए क्या बदलाव आ सकता हैं?

बीमा पर जीएसटी की मौजूदा स्थिति-

यह कि Term Insurance और Health Insurance के प्रीमियम पर फिलहाल 18% जीएसटी लागू होता है।

और Traditional Life Insurance Policies पर पहले साल के प्रीमियम पर 4.5% और उसके बाद 2.25% जीएसटी लगाया जाता है।

यह कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार ने Life  Insurance से ₹8,135 करोड़ और Health Insurance से ₹8,263 करोड़ का जीएसटी राजस्व के रूप कमाया।

अब क्या बदल सकता है?

जीएसटी काउंसिल ने 9 सितंबर 2024 की बैठक में Life और Health Insurance पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक Group of Ministers (GOM) का गठन किया था। जिसकी रिपोर्ट के अनुसार –

A. Term Life Insurance पर जीएसटी को पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

B. ₹5 लाख तक के Health Insurance Cover और Senior Citizens द्वारा खरीदी गई बीमा पॉलिसी पर जीएसटी हटाने पर विचार किया जा रहा है।

21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में होने वाली जीएसटी Council की बैठक में Group of Ministers (GOM) की रिपोर्ट पर चर्चा होगी।

जीएसटी कटौती के संभावित फायदे-

Insurance Premium  सस्ता होगा।

जीएसटी दर में कमी होने से बीमा प्रीमियम सीधे तौर पर कम हो जाएगा। इससे पॉलिसीधारकों को वित्तीय राहत मिलेगी।

बीमा खरीदने की ओर  रुझान बढ़ेगा ।

सस्ता बीमा खरीदने की वजह से अधिक लोग Health और Life Insurance का लाभ ले पाएंगे।

ज्यादा कवर, वही खर्च मौजूदा ग्राहक कम प्रीमियम पर बड़ा कवर खरीद सकेंगे।

उदाहरण से समझे यदि  18% जीएसटी घटने के बाद ग्राहक अपने पुराने प्रीमियम में ज्यादा बीमा कवर चुन सकते हैं।

Senior Citizens को मिलेगा खास लाभ-

कोविड  महामारी के बाद वरिष्ठ नागरिकों में बीमा की मांग तेज़ी से बढ़ी है। ₹5 लाख के Health Insurance Cover खरीदने वालों की संख्या 2019-20 में तीन लाख से बढ़कर 2023-24 में नौ लाख हो गई। जीएसटी में कमी होने से यह संख्या और बढ़ेगी।

सरकार और बीमा उद्योग पर असर-

राजस्व प्रभावित जीएसटी में कमी का सीधा असर केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व पर पड़ेगा।

इंश्योरेंस सेक्टर को बढ़ावा सस्ती पॉलिसी की वजह से बीमा सेक्टर तेजी से बढ़ेगा और सरकार के 2047 तक हर घर में बीमा पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति होगी।

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की भूमिका- भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) यह सुनिश्चित करेगा कि जीएसटी कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को मिले और कंपनियां इसका दुरुपयोग न करें।

क्यों जरूरी है  बदलाव?

पिछले कुछ वर्षों में Health Insurance की मांग में तेज़ी आई है। कोविड महामारी के बाद जागरूकता बढ़ी है, लेकिन महंगे प्रीमियम की वजह से कई लोग बीमा नहीं खरीद पाते। जीएसटी कटौती से यह बाधा दूर होगी और अधिक लोग बीमा की सुरक्षा ले सकेंगे।

अन्य प्रस्ताव-

A. जीएसटी काउंसिल ने साइकिलों पर जीएसटी की दर को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव किया है, यह बदलाव ₹10,000 से अधिक कीमत वाली साइकिलों पर लागू होगा, जिससे साइकिल सस्ती हो जाएंगी।

B. जीएसटी काउंसिल ने 20 लीटर पानी की बोतल पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया है. इससे पानी की बोतलें सस्ती हो जाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

C. जीएसटी काउंसिल ने एक्सरसाइज नोटस बुक्स पर जीएसटी की दर को 12% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया है. इस बदलाव से एक्सरसाइज नोटस बुक्स सस्ती हो जाएंगी, जिससे छात्रों को फायदा होगा।

D. जीएसटी काउंसिल ने ₹25,000 से अधिक कीमत वाली रिस्ट वॉच पर जीएसटी की दर को 18% से बढ़ाकर 28% करने का सुझाव दिया है. इससे महंगी रिस्ट वॉच पर टैक्स बढ़ जाएगा, जिससे इनकी कीमत में वृद्धि हो सकती है।

E. जीएसटी काउंसिल ने ₹15,000 से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी की दर को 18% से बढ़ाकर 28% करने का सुझाव दिया है. इससे महंगे जूतों पर टैक्स बढ़ जाएगा, जिससे इनकी कीमत में वृद्धि हो सकती है।

निष्कर्ष-

यह कि Insurance Premium पर जीएसटी में कटौती का फैसला ग्राहकों और बीमा सेक्टर दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यह कदम न सिर्फ बीमा को अधिक सुलभ बनाएगा, बल्कि देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने में भी मदद करेगा। साथ ही अन्य वस्तु पर जीएसटी की दर कम होने से मंहगाई पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी। यह सब अब आने वाली 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी Council की बैठक पर निर्भर हैं, जहां इन प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

यह लेखक के निजी विचार हैं।

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