Summary: भारत में GST के तहत धातु स्क्रैप पर TDS लागू करने के लिए हाल ही में अधिसूचना संख्या 25/2024 जारी की गई है, जो 10 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी है। यह कदम धारा 51 में संशोधन कर धातु स्क्रैप के व्यापार को अधिक नियमित और कर-अनुपालन के दायरे में लाने के लिए किया गया है। पंजीकृत व्यवसायों को धातु स्क्रैप की खरीद पर 2% TDS (CGST 1% और SGST 1% या IGST 2%) काटकर सरकार के पास जमा करना होगा। इसका उद्देश्य धातु स्क्रैप व्यापार में कर चोरी को कम करना और कर संग्रह की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी ₹1,00,000 मूल्य का धातु स्क्रैप खरीदता है, तो वह आपूर्तिकर्ता को ₹2,000 TDS काटकर ₹98,000 का भुगतान करेगा। सरकार ने GST पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को भी अपडेट किया है, जिससे धातु स्क्रैप डीलरों को REG-07 फॉर्म के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं के बीच होने वाले B2B लेनदेन में यह TDS लागू होगा, जबकि अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं पर यह लागू नहीं होगा। सरकार इस TDS प्रणाली के माध्यम से धातु स्क्रैप लेनदेन पर अधिक निगरानी रख सकेगी, जिससे कर अनुपालन में सुधार होगा।
जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत टीडीएस की शुरूआत भारत में कर संग्रह में सुधार, कर चोरी में कमी, प्रक्रिया को सरल बनाने और कर अनुपालन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार टीडीएस का क्षेत्र आयकर कीतरह से छोटे करदाता पर भी लागू करके रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की ओर चल रही है ,जिसमें प्रथम संशोधन धारा 51 जो भी तक सरकारी विभागों तक सीमित था उसका विस्तार करते हुए प्रत्येक करदाता पर लागू किया है जो धातु स्क्रैप का बिजनेस कर रहे हैं।धातु स्क्रैप पर टीडीएस का विवरण निम्न प्रकार है-
धातु स्क्रैप पर टीडीएस: डीलरों के लिए जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया-
धातु स्क्रैप पर टीडीएस का अर्थ है कि किसी व्यवसाय को धातु स्क्रैप की खरीद के लिए आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करते समय राशि रोकनी होगी।
उदाहरण-
जब कोई व्यवसायी 1,00,000 रुपये मूल्य का धातु स्क्रैप खरीदता है, तो वह 2% टीडीएस यानी 2,000 रुपये काटेगा और आपूर्तिकर्ता को 98,000 रुपये का भुगतान करेगा। कटौती की गई राशि सरकार के पास जमा करनी होगी।
प्रयोगता –
टीडीएस किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा सरकार को देय जीएसटी पर लागू होता है, जहां वस्तुओं या सेवाओं का कुल कर योग्य मूल्य एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक होता है।
पंजीकृत व्यक्ति जीएसटी की एक निश्चित राशि काटकर सीधे सरकार को भेज देगा।
हालाँकि, आपूर्तिकर्ता द्वारा भुगतानकर्ता द्वारा काटे गए टीडीएस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया जा सकता है।
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 51 के अनुसार- केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या सरकारी एजेंसियों या ऐसे व्यक्तियों या व्यक्तियों की श्रेणी के किसी विभाग या प्रतिष्ठान, जिन्हें सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है, को एक प्रतिशत की दर से कर में कटौती करने की आवश्यकता होती है, जहां ऐसी आपूर्ति का कुल मूल्य दो लाख पचास हजार रुपये से अधिक है।
आधिकारिक अधिसूचना-
अधिसूचना संख्या 50/2018 – केंद्रीय कर दिनांक 13 सितंबर, 2018 के अनुसार-
केन्द्रीय सरकार 1 अक्टूबर, 2018 को वह तारीख नियत करती है जिसको उक्त अधिनियम की धारा 51 के उपबंध उक्त अधिनियम की धारा 51 की उपधारा (1) के खंड (क), (ख) और (ग) के अधीन विनिर्दिष्ट व्यक्तियों और उक्त अधिनियम की धारा 51 की उपधारा (1) के खंड (घ) के अधीन नीचे विनिर्दिष्ट व्यक्तियों के संबंध में लागू होंगे, अर्थात्:-
(क) कोई प्राधिकरण या बोर्ड या कोई अन्य निकाय, –
(i) संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम द्वारा स्थापित; या
(ii) किसी सरकार द्वारा किसी कार्य को करने के लिए, इक्विटी या नियंत्रण के माध्यम से इक्यावन प्रतिशत या उससे अधिक भागीदारी के साथ स्थापित की गई हो;
(ख) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का 21) के अधीन स्थापित सोसायटी;
(ग) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम।”
अधिसूचना संख्या 25/2024 – केंद्रीय कर दिनांक 09 अक्टूबर, 2024 के माध्यम से उपरोक्त अधिसूचना में एक और संशोधन किया गया है कि उपरोक्त अधिसूचना के खंड (सी) के बाद एक और खंड डाला जाएगा, जो इस प्रकार है-
(घ) कोई पंजीकृत व्यक्ति जो सीमाशुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 (1975 का 51) की प्रथम अनुसूची के अध्याय 72 से 81 के अंतर्गत आने वाले धातु स्क्रैप की आपूर्ति अन्य पंजीकृत व्यक्ति से प्राप्त करता है।
स्पष्टता
सरल शब्दों में, अधिसूचना संख्या 25/2024 – केंद्रीय कर, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के मामले में धातु स्क्रैप लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत टीडीएस लगाने के लिए पेश किया गया था।
प्रभावी तिथि-
उपरोक्त अधिसूचना 10 अक्टूबर, 2024 से लागू होगी।
टीडीएस दरें(Rate of TDS)-
व्यवसायों को पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से 2% कटौती करना आवश्यक है।
इंट्रा स्टेट:- सीजीएसटी – 1% और एसजीएसटी – 1%
अंतरराज्यीय :- आईजीएसटी 2%
मासिक RETURN रिपोर्ट-
फॉर्म जीएसटीआर-7 आगामी माह की 10 तारीख को दाखिल किया जाएगा और इस फॉर्म में टीडीएस कटौती, आपूर्तिकर्ता को भुगतान की गई राशि, जीएसटीआईएन विवरण और अन्य प्रासंगिक जानकारी शामिल होगी।
धातु स्क्रैप खरीदारों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया-
13 अक्टूबर, 2024 को जारी एडवाइजरी के अनुसार, धातु स्क्रैप खरीदारों को फॉर्म जीएसटी आरईजी-07(REG-07) का उपयोग करके पंजीकरण करने में मदद करने के लिए जीएसटी पोर्टल को अपडेट किया गया है ।
इस श्रेणी के करदाताओं को तालिका 2 के भाग बी में व्यवसाय का गठन अनुभाग के अंतर्गत अन्य का चयन करना होगा और फिर टेक्स्ट बॉक्स में धातु स्क्रैप डीलर दर्ज करना होगा।
यह चरण तालिका 2 में अन्य का चयन करने वालों के लिए अनिवार्य है।
इसके बाद, शेष विवरण भरें और 9 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना संख्या 25/2024 – केंद्रीय कर के अनुसार पंजीकरण पूरा करने के लिए जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म जमा करें।
धातु स्क्रैप पर कुछ प्रश्न और उत्तर –
Q.1 धातु स्क्रैप में कौन-कौन सी आइटम कवर होती है?
Ans.– धातु स्क्रैप में जीएसटी के चैप्टर नंबर 72, 73, 74 ,75,76, 77, 78,79, 80 और 81 पर लागू होता हैI
Q.2 इस नियम से सरकार को क्या लाभ होगा?
Ans.- टीडीएस प्रणाली से सरकार को धातु स्क्रैप लेनदेन पर नज़र रखने और कर अनुपालन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
Q.3 क्या धातु स्क्रैप पर टीडीएस अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं पर भी लागू है?
Ans.-धातु स्क्रैप पर टीडीएस अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं या व्यक्तिगत विक्रेताओं पर लागू नहीं होता है।
Q.4 धातु स्क्रैप पर टीडीएस काटने की जरूरत किसे है?
Ans.- पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से धातु स्क्रैप की खरीद सहित B2B लेनदेन में शामिल व्यवसायों को टीडीएस काटना आवश्यक है।
निष्कर्ष –
उपरोक्त नोटिफिकेशन का निष्कर्ष निम्न तथ्यों से स्पष्ट है कि-
1. अपंजीकरण से मेटल की खरीद करने पर पंजीकृत करदाता पर आरसीएम(RCM )का दायित्व होगा ।पंजीकृत करदाता को नियम 47 का पालन करते हुए इनवॉइस जनरेट करेगा ।
2. दूसरी स्थिति में यदि विक्रेता और क्रेता दोनों ही जीएसटी में पंजीकृत करदाता है उस स्थिति में खरीदार द्वारा यदि पूरे वर्ष में ढाई लाख रुपए (2,50,000=00) या कोई इनवॉइस ₹2,50,000=00का माल क्रय किया हैं। तो धारा 51के अंतर्गत 2% टीडीएस काट कर सरकार के पास जमा करेगा।
अब सरकार टीडीएस के माध्यम से और भी सुचारू और सटीक निर्णय की ओर जा रही है तथा टैक्स प्रोफेशनल को अधिक कार्य करना होगा।
यह लेख जीएसटी विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर तैयार किया गया है ।यह लेखक के निजी विचार है।