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यह कि दिनांक 13 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैजाबाद बार एसोसिएशन की रिट पिटीशन संख्या 19804-19805/2024 जिसमे इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय दिनांक 8 अगस्त 2024 को चुनौती दी गई थी।माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उस पर सुनवाई की जिस पर न्याय मूर्ति सूर्यकांत ने इस विषय की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा “यह एक बहुत ही गंभीर विषय है ,हमारी पूरी न्यायिक प्रणाली पंगु हो गई है, लोग दूर दराज के गांव से केवल इसका सामना करने के लिए यात्रा करते हैं “ माननीय न्यायालय ने न्यायालय के अधिकारी के रूप में अधिवक्ताओं के कर्तव्य पर जोर दिया और कहा कि न्याय की प्रक्रिया पर उनके कार्यों के प्रभाव को रेखांकित करते हुए टिप्पणी की वकीलों की लगातार हड़तालों के कारण होने वाले प्रावधानों को दूर करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार दिनांक 13 सितंबर 2024 को पूरे उत्तर प्रदेश में इस वर्ष जिला बार एसोसिएशन द्वारा शुरू की गई हड़ताल ,बहिष्कार और न्यायिक कार्यों में व्यवधान की संख्या पर विस्तृत हिसाब किताब मांगा है ।न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्याय मूर्ति उज्जवल भूयान की अगुवाई वाली पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को राज्य के सभी जिला न्यायाधीशों की रिपोर्ट के माध्यम से यह डाटा संकलित करने का कार्य  सौंपा है ।

यह निर्देश इलाहाबाद हाई कोर्ट के हाल के फैसले 1.फैजाबाद बार एसोसिएशन बनाम बार काउंसिल उत्तर प्रदेश रिट पिटीशन संख्या 1645/ 2024 2. जनहित याचिका संख्या 350/ 2024 दिनेश कुमार सिंह एवं अन्य बनाम बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पारित आदेश दिनांक 8 अगस्त 2024 के  खिलाफ सुनवाई के दौरान सामने आया की एसोसियेशन की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने और दिसंबर 2024 तक इसकी गवर्नमेंट काउंसिल के चुनाव की निगरानी के लिए एक एल्डर कमेटी के गठन का आदेश दिया था। जिसे फैजाबाद बार एसोसिएशन ने चुनौती दी है I

इससे पहले 4सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निष्कर्ष पर ध्यान दिया था ।जिसमें संकेत दिया था कि फैजाबाद में वकीलों ने नवंबर 2023 और अप्रैल 2024 के बीच में 134 कार्य दिवस में से 66 दिन तक काम से विरक्त रहने का आह्वान किया ।माननीय न्यायालय ने सुधार के उपाय के रूप में बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी को भविष्य में प्रस्ताव का समर्थन न करने का वचन देते हुए शपथ पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता बताई हैं।

जांच के दायरे का विस्तार करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उत्तर प्रदेश में सभी बार एसोसिएशन के प्रदर्शन और कार्य क्षमता की समीक्षा करने की योजना बनाई है, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय को 2024 के दौरान अदालत के बहिष्कार के बारे में जानकारी एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है।

इस प्रकरण में माननीय सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई हेतु दिनांक 23 सितंबर 2024 निर्धारित की है जिसमें किसी अंतरिम आदेश आने की आशा है।

फैजाबाद बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार खन्ना, कुमार मुरलीधर, अतुल वर्मा ,सुकुमार पट जोशी आदि शामिल थे ।

जबकि मूल याचिका कर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने अपील का विरोध किया ।जबकि उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता K परमेश्वर इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पेश हुए तथा अपना पक्ष प्रस्तुत किया।

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