CA Santosh Mishra
प्राइवेट कंपनी में फण्ड जुटाने के तरीके, कम्पनीज एक्ट 2013 के प्रावधानों के अनुसार
चुकी कम्पनीज एक्ट 2013 जब से आया है एक कंपनी को फण्ड रेज करने के ऊपर बहुत सारे कंडीशन लग गया है I जैसे कंपनी प्राइवेट या पब्लिक निम्न के अलावा किसी से लोन नहीं ले सकती है:-
(a) अपने डायरेक्टर से( लेकिन डायरेक्टर लोन लेकर कंपनी को लोन नहीं दे सकती है)
(b) किसी ऐसे कंपनी से जहाँ कॉमन डायरेक्टर ना हो
(c) किसी बैंक या फाइनेंसियल Institutions से
यदि कंपनी उपरोक्त के अलावा किसी से लोन लेती है तो इसे पब्लिक deposit माना जायेगा, इस तरीके से फण्ड रेज करने का दायरा बहुत ही सिमित कर दिया गया है,पहले प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने किसी रिलेटिव से, अपने शेयर होल्डर्स से अपने किसी ग्रुप कंपनी से लोन लेकर फण्ड रेज कर लेती थी लेकिन अब फण्ड रेज करने का ये सब तरीका समाप्त हो गया है कंपनी एक्ट के नए प्रावधानों के अनुसार.
निम्न ऐसे कुछ तरीके है जो कंपनी एक्ट के नए प्रावधानों का पालन करते हुए कम्पनी फण्ड रेज कर सकती है :-
(1) कंपनी अपने डायरेक्टर से लोन ले तो सकती है लेकिन कंडीशन ये है की डायरेक्टर लोन ले कर लोन नहीं दे सकती है, ऐसे स्थिति में अब यदि डायरेक्टर के पास भी फण्ड न हो तो ऐसे में डायरेक्टर के पास एक विकल्प यही है की डायरेक्टर अपने किसी रिलेटिव से गिफ्ट लेकर कंपनी को लोन देI
(2) कंपनी किसी ऐसे कंपनी से लोन ले सकती है जो कॉमन डायरेक्टर वाली कंपनी नहीं हैI
(3) कंपनी किसी बैंक या फाइनेंसियल Institutions से लोन ले सकती हैI
(4) कंपनी अपने किसी Customer से एडवांस ले सकती है लेकिन कंडीशन ये है की ये एडवांसेज 365 दिन से अधिक दिनों तक का न हो नहीं तो इसे पब्लिक डिपाजिट माना जायेगा, in other words कंपनी यदि किसी Customer से एडवांस ली है तो इसे 365 दिन से पहले समाप्त करना होगा या तो goods सप्लाई करके या एडवांसेज का मनी वापस करकेI
(5) शेयर इशू करके कंपनी फण्ड रेज कर सकती है, कंपनी शेयर निम्न दो तरीके से इशू कर सकती है:-
a. अपने existing शेयर होल्डर्स को right शेयर इशू करके या
b. प्राइवेट प्लेसमेंट के Through शेयर इशू करके
प्राइवेट प्लेसमेंट के procedures के बारे में हम अपने पहले आर्टिकल में जिक्र कर चुके है, यहाँ हम Right शेयर इशू के procedure के बारे में समझेंगेI
एक कंपनी अपने existing शेयर होल्डर्स को बिना प्राइवेट प्लेसमेंट के procedure को फॉलो किये ही धारा 62 में बताये गए प्रावधानों का पालन करके Right शेयर इशू कर सकती हैI
Procedures for issue of Right Shares
(a) Board Meeting :-
(b) Board Meeting :-
Major points to be consider at the time Issue of Right Shares
(The author is a practicing CA at Patna base Firm. He can be reached at santosh.mishra.92123015@facebook.com, Ph.-9570558536)
Your Article is Great 🙂 Thanks for explaining in short and effective manner,
GOOD TEACHING IN SHORT .THANKS
Needful infurmation in short and sweet in HINDI.
Sir ji if i have to declare my deposits that is within 365 days and will have to file dpt-3 or dpt-4 but what if i have accepted deposits aafter 30.6.
Vinod ji plz share information regarding this
after 12th September,2013 only followings loan are permissible:
1 Loan from Director
2 Loan from Corporate Entity
3 Loan from Bank and Financial Institutions
otherwise shall be teat as a Public deposit
Thanks to Mishaji for information but there are so many other clue in this subject.
As far as our company, we are facing serious financial condition as per Company’s Act 2013.
We have arranged unsecured loans from our friend and close relatives. Now , we have to return them back by march 31,2015.
Is it compulsory or we can do something else.
Pl advice at earliest.
Thanks
thanks for article in hindi