The GST council has at last resolved the so called deadlock of Dual Control problem over the GST Dealers and now as per the promise of lawmakers one dealer will be controlled by one authority and will not be put under dual control but the solution is very unique and not practical.
जी.एस.टी. के दौरान केन्द्रीय बिक्री कर अर्थात सी.एस.टी. का पूर्ण रूप से अंत हो जाएगा एवं सी फॉर्म एकत्र करने की कोई समस्या भी नहीं रहेगी. लेकिन एक प्रश्न फिर भी उठता है कि तब एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच होने वाले व्यापार को किस प्रकार से नियमित एवं नियंत्रित किया जाएगा.
A new model proposed GST to monitor the interstate trade of Goods and Services and this is called IGST i.e. Integrated Goods and Service Tax.
The government of India is very keen to introduce Goods and Service Tax in India from 1st April 2017 and the preparation for the same is in full swing.
आइये समझे कि क्या स्वरुप होगा भारत में लगने वाले जी.एस.टी. का और किस तरह करदाता इसका पालन करेंगे और इसका क्या प्रभाव पडेगा भारतीय उपभोक्ताओं पर, और सरकार की किस तरह की तैयारी है जी.एस.टी. को लेकर . इसके अतिरिक्त इस समय जी.एस.टी. को लेकर नया क्या हो रहा है और अंत में क्या संभावना है कि जी.एस.टी. 1 अप्रैल 2017 से लागू हो पायेगा या नहीं और साथ ही कुछ और भी महत्वपूर्ण प्रश्न जी.एस.टी. को लेकर :-
जी.एस.टी. को लेकर भारत सरकार के प्रशासनिक प्रयास तेज हो चुके है और विभिन्न राज्यों के डीलर्स का जी.एस.टी. नेटवर्क पर रजिस्ट्रेशन कार्य प्रारम्भ हो चुका है.
Goods and Service Tax is a very important topic these days. The GST constitution amendment Bill is Now passed by both the Houses of Parliament. Now it will be presented in the State Legislative Assemblies for its approval by simple majority since it is required that before sending it to the President of India it has to be ratified by at least half of the state assemblies.
जी.एस.टी. संविधान संशोधन विधेयक अब राज्यसभा से भी पारित हो गया है और यह लोकसभा से पहले ही पारित हो गया था . इसके बाद इसे राज्यों की विधानसभाओं में रखा जाएगा जहाँ कम से कम आधे राज्यों में यह साधारण बहुमत से अनुमोदित होना जरुरी है इसके बाद ही यह राष्ट्रपति महोदय के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा और सरकार को जी.एस.टी. लगाने की शक्तियां भारतीय संविधान के द्वारा प्राप्त हो जायेगी.
एक विशेष बात और है यहाँ कि सबसे पहले सन 2006 में जब भारत में जी.एस.टी. की चर्चा प्रारम्भ की गई थी तब इसकी एक “एकल” कर के रूप में इस तरह से व्याख्या की गई थी जिसके तहत कर केवल एक ही जगह अर्थात केंद्र में एकत्र होना था जिसे केंद्र और राज्यों के बीच में बंटना था .लेकिन हमारे देश में शासन का संघीय ढांचा है जिसके तहत केंद्र एवं राज्य दोनों को कर लगाने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है
आप सभी को एवं आपकी सम्मानीय एवं अग्रणी संस्था “भारतीय उध्योग एवं व्यापार मंडल” को इस वर्ष के व्यापारी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए . इस दिवस के सन्दर्भ में मुझे भारत में प्रस्तावित “गुड्स एवं सर्विस टैक्स” की आलोचनात्मक व्याख्या करने को कहा गया है. यहाँ देखिये जी.एस.टी. के गुणों की व्याख्या तो आपने कई विशेषज्ञों से