Goods and Service Tax is a very important topic these days. The GST constitution amendment Bill is Now passed by both the Houses of Parliament. Now it will be presented in the State Legislative Assemblies for its approval by simple majority since it is required that before sending it to the President of India it has to be ratified by at least half of the state assemblies.
जी.एस.टी. संविधान संशोधन विधेयक अब राज्यसभा से भी पारित हो गया है और यह लोकसभा से पहले ही पारित हो गया था . इसके बाद इसे राज्यों की विधानसभाओं में रखा जाएगा जहाँ कम से कम आधे राज्यों में यह साधारण बहुमत से अनुमोदित होना जरुरी है इसके बाद ही यह राष्ट्रपति महोदय के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा और सरकार को जी.एस.टी. लगाने की शक्तियां भारतीय संविधान के द्वारा प्राप्त हो जायेगी.
एक विशेष बात और है यहाँ कि सबसे पहले सन 2006 में जब भारत में जी.एस.टी. की चर्चा प्रारम्भ की गई थी तब इसकी एक “एकल” कर के रूप में इस तरह से व्याख्या की गई थी जिसके तहत कर केवल एक ही जगह अर्थात केंद्र में एकत्र होना था जिसे केंद्र और राज्यों के बीच में बंटना था .लेकिन हमारे देश में शासन का संघीय ढांचा है जिसके तहत केंद्र एवं राज्य दोनों को कर लगाने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है
आप सभी को एवं आपकी सम्मानीय एवं अग्रणी संस्था “भारतीय उध्योग एवं व्यापार मंडल” को इस वर्ष के व्यापारी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए . इस दिवस के सन्दर्भ में मुझे भारत में प्रस्तावित “गुड्स एवं सर्विस टैक्स” की आलोचनात्मक व्याख्या करने को कहा गया है. यहाँ देखिये जी.एस.टी. के गुणों की व्याख्या तो आपने कई विशेषज्ञों से
जी.एस.टी. को राजनैतिक रूप से जितना प्रचारित किया गया है उसका एक सीधा असर यह हुआ है कि अब यह कर एक राजनैतिक कर में परिवर्तित हो चुका है . अब इस कर को लेकर हो यह गया है कि जो भी दल सत्ता में होगा वह इसे किसी भी प्रकार से लागू करना चाहेगा और जो सत्ता के बाहर होगा वह इसका विरोध तो नहीं कर सकेगा पर इसका समर्थन इसे लागू करने में सहयोग भी नहीं करेगा.
The date for completion and furnishing of tax audit report is 30th Sept. 2015 and it requires an extension. Extension this year also? Why? There is no change in the format of tax audit report and further it is available on the site since long back then why an extension is needed this year also?
आइये बात करें क्या है इस देश में पिछले कुछ वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ यह नया अप्रत्यक्ष कर जिसे एक भारतीय अर्थ –व्यवस्था में बहुत बड़ी क्रांती के रूप प्रचारित किया जा रहा है और यह भी देखेंगे क्या कोई कर प्रणाली देश में ऐसा कोई परिवर्तन भी ला सकती है जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है .
आयकर में निर्धारण वर्ष 2015-16 के लिए समाप्त होने वाला वित्तीय वर्ष 31-03-2015 को समाप्त हो चुका है अर्थात वर्ष 01—4-2014 से 31-03-2015 का जो वर्ष है उसका आयकर रिटर्न अभी सभी को भरने है और अभी तक भी सरकार और हमारे कानून निर्माता आयकर के मुख्य रिटर्न अर्थात आयकर रिटर्न संख्या 3 से 7 अभी तक जारी नहीं हुए है.
सरकार भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स दिनांक 01/04/2016 से लाने की घोषणा कर चुकी है और इसके लिए सरकारी स्तर पर तैयारी भी चल रही है . क्या होगा भारत में इस कर का भविष्य और क्या संभावना है कि जी.एस.टी. सरकार लागू कर पायेगी उसी तिथी से जिसकी वह घोषणा कर रही है […]
The Tax Audits u/s 44AB for the assessment 2015-16 pertaining to the financial year 2014-15 are under progress and in some cases audit report are complete and ready for uploading. Generally we are accustomed to file TAR and ITR simultaneously but since the law makers are still not able to introduce the formats of most of the ITRs and further the utility to E-file the ITRs is still not issued and it is not certain when these forms and their utilities will be made available .