मोहन एक अक्टूबर, 2018 को रिटायर हुए हैं. उनकी ग्रेच्युटी की रकम 20 लाख रुपये से ज्यादा है. लेकिन, संस्थान ने बताया है कि उन्हें केवल 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स से छूट मिलेगी. क्या यह सही है?
Tax Guruji मोहन के सवाल का जवाब दे रहे हैं. वह कहते हैं कि आयकर कानून के सेक्शन 10(10)(ii) के अनुसार पेमेंट आफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत एक तय सीमा तक ग्रेच्युटी टैक्स फ्री है. इस सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. 29 मार्च, 2018 को इस संशोधन से जुड़ी अधिसूचना जारी हुई है.
श्रम मंत्रालय ने पिछले साल 30 मार्च को साफ किया था कि ग्रेच्युटी की बढ़ाई गई सीमा 29 मार्च, 2018 से लागू है. इसका मतलब यह है कि सीमा को बढ़ाए जाने का प्रावधान उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो 29 मार्च, 2018 को या इसके बाद रिटायर होंगे.
चूंकि मोहन एक अक्टूबर, 2018 को रिटायर हुए हैं. इसलिए उन पर नया प्रावधान लागू होगा. इस तरह उन्हें 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स नहीं देना होगा.
आइए, अब हरीश अग्रवाल का सवाल लेते हैं. हरीश की पत्नी ने एमसीए करने के बाद बच्चों को कोचिंग देना शुरू किया है. वह साथ-साथ बीएड भी कर रही हैं. क्या उनकी आमदनी को प्रोफेशन से इनकम के तौर पर लिया जाएगा?
Tax Guruji कहते हैं कि सेक्शन 44एडीए पात्र प्रोफेशन पर लागू है. इन्हें 44AA(1) के तहत परिभाषित किया गया है. हरीश की पत्नी कुछ बच्चों को पढ़ा रही हैं. इससे यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि वह टीचिंग प्रोफेशन में हैं. यह प्रोफेशन 44AA(1)के तहत पात्र नहीं है. इस तरह उन्हें टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा.
चलिए, अब आदित्य का सवाल लेते हैं. आदित्य जानना चाहते हैं कि क्या 10 रुपये के टैक्स डिमांड को चुकाने की जरूरत है?
Tax Guruji कहते हैं कि ऐसा करने की जरूरत नहीं है. सरकार ने 5 जनवरी, 2012 को साफ किया था कि 100 रुपये से कम की डिमांड को करदाता से नहीं मांगा जाएगा.