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जीएसटी R 9 की Table 8 A करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है ।यह संबंधित जीएसटी R 2a के रिटर्न से पूरे वित्तीय वर्ष के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ स्वत ही भर जाता है ।इसलिए table 8 में शेष टेबल का गहन सत्यापन के बाद  ही भरना चाहिए ।इस समीक्षा के माध्यम से हम Table 8 A के महत्व पर  समीक्षा करते हैं

महत्वपूर्ण संशोधन जीएसटी R 9 वार्षिक रिटर्न के प्रारूप में बदलाव के लिए जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के बाद की अवधि का उल्लेख अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 के स्थान पर 30 नवंबर 2022 तक शामिल किया गया है ।अर्थात नियमानुसार जीएसटीR 9 में जो संशोधन 30 नवंबर तक किए जाएंगे उनका प्रभाव जीएसटी R 9 की टेबल 8A पर होगा। अर्थात 3B में संशोधन 30नवम्बर तक होना चाहिए।नोटीफिकेशन संख्या 22/2022/central tax/15/11/2022 से प्रभावी किया है।

Table 8A क्या है

जीएसटी R 9 की टेबल8 A मे  संपूर्ण वित्तीय वर्ष में इनपुट सप्लाई से उपलब्ध कुल आईटीसी का विवरण शामिल होता है। जिसमें इनवार्ड सप्लाई में SEZ से प्राप्त सेवाओं सहित सभी खरीदारी शामिल होती है ।लेकिन इसमें इंपोर्ट और रिवर्स चार्ज के लिए उत्तरदाई इनवर्ड सप्लाई शामिल नहीं होती है ।अर्थात किसी वित्तीय वर्ष में की गई संपूर्ण इनवार्ड सप्लाई पर उपलब्ध आईटीसी का विवरण उपलब्ध होता है।

Table 8A में उपलब्ध डाटा

फॉर्म जीएसटीR 2a की टेबल 3 और 5 के आधार पर इस टेबल 8A में स्वत भर जाता है ।यह व्यवसाय में सप्लायर द्वारा दाखिल फॉर्म जीएसटी R 1 में हर महीने दाखिल किए गए रिटर्न से स्वचालित रूप से भर जाता है ।इसमें फॉर्म जीएसटी R 5  भी शामिल है

फॉर्म जीएसटी R 2a में रिपोर्ट किया गया डाटा

दाखिल करने की तारीख जिस दिन सप्लायर द्वारा जीएसटी R 1 दाखिल किया गया है।

जीएसटी R9 दाखिल करते समय Table 8A डाटा के मिलन का महत्व

जीएसटी R9 में Table 8A  वित्तीय वर्ष के लिए सभी आईटीसी डाटा प्रदर्शित करती है। Table 8A में आईटीसी की सभी रिपोर्टिंग उस वित्तीय वर्ष के लिए दिखाई देती हैं ।जिससे करदाता सटीक आईटीसी का दावा करना चाहता है ।इस तालिका में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ।अर्थात भले ही 8A में प्रदर्शित आईटीसी की राशि गलत है ।लेकिन करदाता को इसमें संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है। इसके अतिरिक्त एक बार जीएसटी R9 दाखिल करने के बाद उसमें भी संशोधन नहीं किया जा सकता है। इसलिए करदाता को आईटीसी के समाधान के लिए ध्यानपूर्वक  डाटा और डॉक्यूमेंट के ब्रेकअप के साथ आईटीसी का समाधान करना चाहिए। यदि आईटीसी का अधिकतम समाधान नहीं हो पा रहा है। तो जीएसटी 9C के द्वारा उसका समाधान करना चाहिए और यदि कर का भुगतान है। तो उसे करना चाहिए।

Table 8Aऔर जीएसटीR 2a के बीच  अंतर के संबंध में कारण 

निम्नलिखित कारणों से Table 8 A जीएसटी R 2a में अंतर आता है जैसे

1. यह कि सप्लायर द्वारा अपने फॉर्म जीएसटी R 1 में को अभी तक दाखिल नहीं किया गया है। ऐसा विवरण जीएसटी R 2a में प्रदर्शित नहीं होगा।

2. यह कि सप्लायर द्वारा निर्धारित तिथि तक अपना जीएसटी R 1 दाखिल नहीं किया है ।जिसके कारण Table 8 A में डाटा उपलब्ध नहीं होगा।

3. यह कि सप्लायर द्वारा जीएसटी R 1 में टैक्स इनवॉइस की एंट्री करी ।लेकिन गलती से रिपोर्ट में सप्लाई को रिवर्स चार्ज के लिए निर्धारित कर दिया गया। जिससे प्राप्तकर्ता की Table 8 A में यह शामिल नहीं होगा।

4. यहकि सप्लायर द्वारा गलती से Recipinant का जीएसटी नंबर गलत दर्ज कर दिया गया। तो यह आईटीसी भी Table 8 A में नजर नहीं आएगा। यदि संशोधन समय से किया गया है। तो यह Table 8 A में नजर आएगा।

5. यह कि सप्लायर द्वारा सप्लाई के स्थान पर सही विवरण दर्ज नहीं किया गया ।तो भी प्राप्तकर्ता के Table 8 A में डाटा उपलब्ध नहीं होगा।

6. यह कि सप्लायर कंपोजिशन स्कीम में है ।तो उसे खरीदे गए बिलों का विवरण भी Table 8 A में नहीं होगा।

उपरोक्त के अलावा जीएसटी R 2a में हर महीने रिपोर्टिंग में गलती के कारण आईटीसी और प्राप्तकर्ता के खातों में वास्तविक आईटीसी के बीच में अंतर होगा जिसके निम्न कारण हो सकते हैं

वास्तविक टैक्स इनवॉइस और जीएसटी R 2a में रिपोर्ट किए गए डाटा के बीच में टैक्स इनवॉइस नंबर गलत दर्ज होना /दिनांक गलत दर्ज होना/ किसी विशेष महीने में टैक्स इनवॉइस जारी किए जाने के बाद अगले महीने में रिपोर्ट करने के कारण या विक्रेता के जीएसटीएन पर गलत बिल जारी करने के कारण।

एक करदाता द्वारा जीएसटी R 9 फाइल करते समय आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकता ।क्योंकि एक्ट द्वारा किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए अंतिम संशोधन के लिए 30 नवंबर की तिथि घोषित कर दी गई है। यदि कर दाता ने अपने 3B द्वारा 30 नवंबर से पूर्व आईटीसी क्लेम कर ली गई तो ठीक है ।लेकिन 30 नवंबर के बाद आईटीसी क्लेम नहीं की जा सकती।

यह लेखक के निजी विचार है।

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