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सारांश: GSTR-7 एक मासिक रिटर्न है जिसे वे व्यक्तियाँ या संस्थाएँ भरती हैं, जिन्होंने भुगतान करते समय टीडीएस (Tax Deducted at Source) काटकर जीएसटी जमा किया है। जीएसटी रजिस्टर्ड करदाताओं के लिए यह रिटर्न अनिवार्य होता है। 2024 के बजट और एक हालिया एडवाइजरी के अनुसार, GSTR-7 को अक्टूबर 2024 से क्रमवार फाइल करना अनिवार्य होगा। यदि किसी महीने में टीडीएस नहीं काटा गया है, तो ‘शून्य’ रिटर्न भी भरना होगा। इसके लिए अंतिम तिथि 10 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। करदाता को रिटर्न भरना होगा चाहे टीडीएस काटा हो या नहीं, जिससे जीएसटी प्रणाली में डेटा की सत्यता और मिलान सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि, इस अनिवार्यता को लेकर चिंता जताई जा रही है, क्योंकि यह देर से फाइलिंग पर शुल्क और जुर्माने के मुद्दे को जन्म दे सकता है, खासकर जब कोई टीडीएस नहीं काटा गया हो। इस एडवाइजरी के अनुसार, नवंबर 2024 से GSTR-7 को क्रमवार तरीके से भरना जरूरी हो गया है, जो धातु स्क्रैप के लिए रजिस्टर्ड करदाताओं पर लागू होगा। आलोचकों का मानना है कि यह कदम जीएसटी पोर्टल के अनियमित कार्यों को दर्शाता है, जो कभी कानूनी प्रावधानों से मेल नहीं खाता।

जीएसटीआर-7 फॉर्म क्या होता है?

जीएसटीआर-7 एक ऐसा मासिक रिटर्न है जो उन सभी व्यक्तियों या संस्थाओं की ओर से फाइल किया जाता है जिन्होंने किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को भुगतान करते समय जीएसटी काटकर जमा किया है। इसे सरल शब्दों में समझें तो अगर आपने किसी सप्‍लायर को भुगतान किया है और उस भुगतान पर जीएसटी काटा है तो आपको यह फॉर्म7 फाइल करना होगा।

जीएसटीआर-7 किसे भरना है?

यह कि केंद्र सरकार ने अपने बजट 2024 में वित्त मंत्री ने धारा 39 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा और टीडीएस कटौती करने वालों की ओर से हर महीने रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर दिया। जीएसटी परिषद ने अपनी 53वीं बैठक में भी इसी तरह की सिफारिश की थी।

यह कि जीएसटीएन ने एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें जीएसटी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स को फॉर्म GSTR-7 भरने के बारे में बताया गया है। जिन लोगों को यह फॉर्म भरना है, उन्हें 10 दिसंबर 2024 तक इसे क्रमवार से भरना होगा। GSTR-7 उन सभी जीएसटी रजिस्टर्ड लोगों को भरना पड़ता है, जिन्हें जीएसटी कानून के तहत टीडीएस काटना होता है। अगर टैक्सेबल गुड्स (धातु) की कुल कीमत 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो तय खरीदारों को विक्रेता को भुगतान करने से पहले 2% टीडीएस काटना होता है। इस एडवाइजरी में जीएसटी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स के लिए  अधिसूचना संख्या 17/2024-केंद्रीय कर/27.09.2024 के अनुसार, 1 नवंबर 2024 से GSTR-7 को क्रम से भरना जरूरी हो गया है। इसका मतलब है कि आपको अक्टूबर 2024 से शुरू करके हर महीने का रिटर्न क्रमवार से भरना होगा। अगर किसी महीने में आपने कोई टीडीएस नहीं काटा है तो भी आपको उस महीने के लिए ‘शून्य’ रिटर्न भरना होगा।

यह कि नई एडवाइजरी का मतलब है कि जीएसटी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स को 10 दिसंबर 2024 तक GSTR-7 भरना होगा, भले ही उन्होंने टीडीएस काटा हो या नहीं। अगर टीडीएस काटा है तो फॉर्म भरना तो जरूरी ही है।

लेखक की  टिप्पणी-

यह कि नई एडवाइजरी कहती है कि अगर आपने टीडीएस नहीं काटा है तो भी आपको शून्य रिटर्न भरना होगा। इससे पूरी तरह से नियमों का पालन होगा, डेटा की जांच होगी। जीएसटी सिस्टम में मिलान की प्रक्रिया आसान होगी।’

लेखक के अनुसार  GSTR-7 को अनिवार्य रूप से भरने पर चिंता जताई है। यदि किसी महीने में कोई टीडीएस नहीं काटा गया है तो GSTR-7 भरना अनिवार्य नहीं था। यह पहले से ही पोर्टल पर दिखाया गया था। लेकिन, अचानक ‘टीम जीएसटीएन’ की एक एडवाइजरी आती है और इसे अनिवार्य बना देती है। इससे निश्चित रूप से देर से भरने पर लगने वाले शुल्क और जुर्माने को लेकर अनिश्चिता  होगी, क्योंकि अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, कानूनी रूप से वैध नहीं। जीएसटी लागू होने के 7 साल से ज्यादा समय बाद भी जीएसटीएन सॉफ्टवेयर का अघोषित कानून संसद में पारित कानून पर हावी है।

जैसे कि एडवाइजरी के अनुसार ‘जीएसटीएन ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि GSTR-7 रिटर्न दाखिल करने वाले सभी करदाताओं के लिए क्रमवार फाइलिंग अब एक अनिवार्य आवश्यकता है। इसलिए, इस एडवाइजरी के आधार पर करदाताओं को अनिवार्य रूप से GSTR-7 रिटर्न क्रमवार के अनुसार  दाखिल करना है। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन कटौतीकर्ताओं ने किसी विशिष्ट महीने में कोई कटौती नहीं की है, उन्हें अब उस अवधि के लिए शून्य’ रिटर्न का दाखिल करना होगा।

निष्कर्ष

यह कि उपरोक्त एडवाइजरी से स्पष्ट है कि जीएसटीएन का पोर्टल संसद द्वारा निर्मित कानून पर हावी है, पिछले 8 वर्ष से हम लोग देख रहे हैं, कभी कानून बनता है, लेकिन पोर्टल काम नहीं करता है ।और कभी पोर्टल कानून का उल्लंघन करता है, शायद जीएसटी R 7 के लिए जारी एडवाइजरी इसी क्रम में जारी की गई है? अब जिन करदाताओं ने धातु स्क्रैप के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, उन सभी को अक्टूबर 2024 से क्रमवार जीएसटी R7 दाखिल करना होगा।

यह लेखक के निजी विचार है।

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