आपको याद होगा कि मोदी सरकार-2 ने चुनाव के बाद प्रस्तुत बजट 2019 में एक केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर में बकायेदारों की सुविधा के लिए एक ‘विवाद से विश्वास की ओर’ योजना लागू की गई थी। समाचार यह भी मिला कि सरकार की यह योजना उम्मीद की तुलना में बहुत सफल रही है।
देश के निर्माण एवं विकास में प्रत्येक वर्ग और नागरिक की बराबर का भागीदारी और दायित्व रहता है। देश के विकास में वैज्ञानिक नये-नये अविष्कार करते हैं, मैकेनिकल एवं सिविल अभियंतागण देश के बुनियादी ढांचा खड़ा करते हैं, लेकिन इन सब विकास मंे सबसे महत्वपूर्ण भागीदारी निभाता है देश का ‘करदाता’ और ‘टैक्स एडवोकेट’। क्योंकि […]
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद का भार संभालने के साथ ही देश की समग्र विकास के लिए विदेशी निवेश के लिए सफल प्रयास शुरु कर दिये है। उन्होंने अपनी प्रत्येक विदेश यात्रा में जिनमें मुख्यतः जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया में देश के औद्योगिक व अन्य क्षेत्र के विकास के लिए विदेश में रह रहे अप्रवासी भारतीयों के साथ विदेशी उद्योगपतिओं को भारत में निवेश करने का आमंत्रण दिया, जिसको सभी ने सहर्ष स्वीकार किया।
सरकार ने विभिन्न स्तरों पर टैक्स लगा रखे हैं, सरकार द्वारा प्रत्येक टैक्स विभाग में टैक्स की चोरी रोकने के लिए अन्वेषण अनुभाग बना हुआ है, जिनका मात्र काम यही है कि टैक्स की चोरी रोकी जाए। इसके लिए एक पूरा अमला जिले स्तर से शासन तक लगा रहता है, इस टैक्स की चोरी रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रतिवर्ष अरबों रूपया खर्च किया जाता है। फिर भी टैक्स की चोरी हो रही है, ‘आखिर क्यों?’
जीएसटी अर्थात वस्तु एवं सेवाकर को देश का सबसे बड़ा क्रांतिकारी एवं सुधार का टैक्स बिल भी कहा जा सकता है। संभावना इसकी भी है कि जीएसटी के माध्यम से सरकार देश का काला धन की अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को इस कर प्रणाली में शामिल कर देश में व्याप्त कालेधन पर अपनी पकड़ मजबूत बना लें।