किसी भी प्रोफेशन की पहली आवश्यकता उसके प्रोफेशनल होते है यदि प्रोफेशनल स्वयं स्वस्थ रहेंगे तो उनका प्रोफेशन तो अपने आप स्वस्थ हो जायेगा I जब से बाज़ार में मेडिकल बीमा का चलन चला है तभी से इंसान ने अपने शरीर पे ध्यान देना छोड़ दिया है आज की सोच यही है की जो भी होगा मेडिकल बीमा है ना, वो इसकी भरपाई कर देगा परन्तु क्या आपके शरीर में जो नुकसान हो रहा है उसकी भी भरपाई मेडिकल बीमा कर सकता है I
स्वास्थ्य को पाना किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे पहली प्राथमिकता होती है, परंतु आज के इस भागम-भाग वाले दौर में कोई भी चाहते हुए भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सजक नहीं रह पा रहा है, कोई भी व्यक्ति हो उसके जीवन के बहुत बड़े-बड़े सपने होते हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है यदि आपके पास में वह माध्यम ठीक नहीं है सुचारू रूप से सोच नहीं पा रहा है तो वह अपने सपनों को किस तरीके से पूरा कर पाएगा I
आपने देखा की जो परिणाम कोरोना के दौरान हमारे को मिले पूरी मानव प्रजाति इस की चपेट में आई और कहीं ना कहीं हम भी उससे बहुत ही प्रभावित हुए और यह भी देखने को मिला की इस शरीर की जो क्षमताएं हैं वह हमने कितनी खराब कर ली है, आज के इस दौर में हम इस शरीर को जो ईंधन (भोजन ) मिलना चाहिए वह नहीं दे पा रहे हैं देखते ही देखते जो बीमारियांअसाध्य कही जाती थी आज वह जुकाम-बुखार की तरह शरीर में पनपने लगी है और इस शरीर पर ध्यान नहीं देने के कारण वह बीमारियां एक बहुत ही बड़े रूप में निकलकर सामने आयी है और जिसके कारण हमारा जीवन और हमारे से संबंधित लोगों का जो जीवन है वे बहुत ही संकट का सामना करने लग गया है I
परंतु हमने कभी यह सोचने की हिम्मत ही नहीं जुटाई कि ऐसा क्यों क्यों हुआ है या हो रहा है I जैसे-जैसे हमारे चिकित्सा जगत ने विकास किया है वैसे-वैसे ही लोगों की बीमारियां उससे भी ज्यादा नवीनतम रूप लेकर सामने आती जा रही है I
आजकल के लोगों में सुबह और शाम को दौड़ना एक फैशन बनता जा रहा है, क्योंकि उनको एक बहुत ही अद्भुत सिद्धांत का पता लगा है कि आप जितना कैलोरी खाएंगे उसे ज्यादा दौड़ लीजिए आप स्वस्थ रहेंगे I यह सिद्धांत इसलिए बनाया गया है कि आप कुछ भी खाएं ? कैसा भी खाएं ? फिर भी, आप सोचे की क्या कुछ भी, कैसा भी, भोजन करके स्वस्थ रह सकते है?.
आप सोचें कि किसी मोटर गाडी में गलत ईंधन डालने की वजह से पर वह किस तरीके से प्रतिक्रिया करती है यह हो सकता है वह पूर्णतया खराब भी हो जाये फिर कैसे ईश्वर द्वारा दी गयी इस अद्भुत प्राकृतिक मशीन गलत ईंधन डालने पर सुचारू रूप से कम कर सकती है ?
आप यह सोचने का प्रयास करें की यह प्राकृतिक मशीन आपके द्वारा बनाए हुए कृत्रिम ईंधन (FAST FOOD, PACKAGED FOOD, ACIDIC FOOD) का इस्तेमाल करते हुए कैसे चल सकती है? किस तरीके से यह अपना पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन कर सकती है? आपको स्वस्थ रहने के लिए इस मशीन को समझाना तो पड़ेगा और सबसे बड़ी बात ईश्वर ने इसके लिए कोई गाइड नहीं बनाई है ना ही कोई ऐसा कानून बनाया है जिससे इसको समझा जा सके परंतु उन्होंने इस मशीन में बहुत सारी ऐसे सिस्टम डेवलप कर दिए हैं ताकि वो आपको इंगित करते रहे कि यह मशीन के लिए गलत है या सही है जैसे डकार, गैस बनना, उल्टी , दस्त ,जुखाम, बुखार, तनाव आदिI
उन्होंने शरीर को पोषण देने की लिए ईश्वर ने फ़ास्ट फ़ूड नहीं बनाया जो भी भोजन दिया है वो वो सभी प्राकृतिक तरीके से डिज़ाइन किया है – जैसे फल और सूखे मेवे, हरी पत्तेदार सब्जिया, जल, हवा आदि दिए, ईश्वर ने जूस नहीं बनाया , पर उन्होंने फल में इसे मिलकर दिया है ताकि आपको फाइबर आवर जूस दोनों एक साथ मिल सके, परंतु मानव ने सवनिर्मित ईंधन को ईश्वर प्रदत्त प्राकृतिक भोजन से ज्यादा उपयोग के ले रहा है , जोकि इस मानव मशीन का उपुक्त ईंधन नहीं है और उसके दुष्परिणाम मुझे बताने की जरूरत नहीं है क्योंकिआज वह सभी हम भुगत रहे हैंI बात आती है की किस तरीके से इस स्वास्थ्य को प्राप्त करें? यह अपने आप में ज्यादा कठिन नहीं है परंतु इसके लिए आपका केवल एक ही सतत प्रयास जरूरी है कि आप समझे की ये मशीन कैसे काम करती है ये वैसा ही है जैसे आप जब एक नयी मोटर गाडी खरीदते है और उसके फंक्शन्स समझ कर उसका उपयोग करते है तो वो सही तरीके से काम करती है, आपको अपने शरीर की मशीन को भी जानने की जरुरत है की ये कैसे काम करती है इसके लिए आप इसमें सही ईंधन , सही मात्रा में , सही समय पे डालना शुरू कर दे I इसको समझने के लिए आपको अपनी पाचन क्रिया को समझना होगा यदि यह आपने समझ लिया तो आप अपने स्वास्थ्य को बहुत कुछ हद तक प्राप्त कर पाएंगे I
मानव मशीन की पाचन प्रक्रिया
प्रक्रिया का प्रकार | प्रक्रिया में लगने वाला समय (Time Taken) | स्टेज | विस्तृत प्रक्रिया (Detailed Process) |
पाचन की मौखिक अवस्था (Oral stage of digestion) | Average Time 20-30 Minute | जब भोजन मुँह में जाता है तब से पाचन प्रारम्भ हो जाता है। | भोजन को चबाने से वह छोटे-छोटे कणों में टूट जाता है और लार के साथ मिल जाता है। लार में मौजूद एक एंजाइम, जिसे एमाइलेज कहा जाता है, भोजन में कार्बोहाइड्रेट पर कार्य करके उन्हें तोड़ता है। भोजन के कण फिर एक नरम द्रव्यमान बना सकते हैं जिसे निगलना आसान होता है, जिसे बोलस के रूप में जाना जाता है। |
पाचन की गैस्ट्रिक अवस्था
(Gastric stage of digestion) |
Average Time 3 Hour | एक बार पेट में, भोजन पेट के एसिड के साथ मिलता है | पेट में, पेप्सिन नामक एंजाइम प्रोटीन को छोटे कणों में तोड़ने में मदद करता है। पेट का एसिड भोजन से होने वाली बीमारियों को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह भोजन में मौजूद किसी भी बैक्टीरिया या वायरस को मार देता है। |
पाचन की आंत्रीय अवस्था (Intestinal stage of digestion) | Average Time- 4-6 Hour | एक बार छोटी आंत में, भोजन के अवशेष अग्न्याशय और यकृत से पाचन रस, पित्त और एंजाइमों के संपर्क में आते हैं। |
पचे हुए भोजन से निकाले गए पोषक तत्व और पानी छोटी आंत की दीवारों से होकर गुजरते हैं। वे रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं जहां उनका उपयोग मरम्मत और निर्माण के लिए किया जाता है। फिर जो अवशोषित और अपच भोजन बचता है वह बड़ी आंत में चला जाता है। यहां कुछ और पोषक तत्व और पानी अवशोषित होते हैं। शेष को मलाशय में तब तक संग्रहित किया जाता है जब तक कि यह मल त्याग के माध्यम से शरीर से बाहर न निकल जाए। भोजन को पेट और छोटी आंत से बड़ी आंत तक पहुंचने में औसतन 6 से 8 घंटे लगते हैं। वहां से इसे पचने में एक दिन से अधिक का समय लग सकता है। |
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पाचन में सुधार के लिए टिप्स | 1. फल, सब्जियाँ, फलियाँ और साबुत अनाज सहित फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को अधिक तेज़ी से स्थानांतरित करने में मदद करते हैं। वे कब्ज को रोकने, आंत के बैक्टीरिया को पोषण देने और वजन घटाने में भी मदद करते हैं। | 2. प्रसंस्कृत (Processed) और फास्ट फूड में अक्सर वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे उन्हें पचाना मुश्किल हो जाता है। इनमें चीनी भी प्रचुर मात्रा में होती है, जो आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकती है। | 3. पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ, जूस पीने से कब्ज को रोका जा सकता है और पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को सुचारू रखा जा सकता है |
4. रोजाना व्यायाम करने से पाचन तंत्र के साथ-साथ शरीर के बाकी हिस्सों को भी फायदा होता है। कुछ लोगों का मानना है कि भोजन के बाद हल्का टहलना सूजन, गैस और कब्ज को कम करता है। | 5. प्रोबायोटिक्स लाभकारी बैक्टीरिया हैं जो आंत में हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि को कम करके शरीर में बैक्टीरिया के संतुलन को बहाल करने में मदद करते हैं। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर हैं:
प्राकृतिक दही किण्वित सब्जियां
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6. दिन में बार-बार मुँह झूठा करने से बचे
7. पेट में भोजन रहने तक कोई भी ठंडा नहीं पिये यानि खाना खाने के 3 घंटे तक |
8. तनावग्रस्त रहने से पाचन धीमा हो सकता है और सीने में जलन, ऐंठन और सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। तनाव के स्तर को कम करने के लिए ध्यान, गहरी साँस लेने के व्यायाम और योग में संलग्न हों। खाने से पहले कुछ साधारण गहरी साँसें भी मदद कर सकती हैं। शरीर कोउपयुक्त तरीके से विश्राम दें शाम को 9- 10 बजे तक सोने की आदत डालें कम से कम 6 से 8 घंटे की पूरी नींद ले.
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उपरोक्त में आपने देखा की कैसे आपके एक बार में खाये हुए भोजन का पाचन होता है इस सही भोजन से ही आपके शरीर का सर्वांगीण विकास होता है, एक बात और यह मानव मशीन आपको पूरी स्वतंत्रता देती है की आप कितने भी बार भोजन कर सकते है, परन्तु इस मशीन की कार्य प्रणाली (पाचन प्रक्रिया) को समझने के बाद आप देख सकते है की करीब 8-9 घंटे लगते है, एक बार खाये हुए भोजन को पचने में, फिर बार बार भोजन करने से इस मशीन की कार्य प्रणाली तो बिगड़नी ही है आप स्वयं एक बुद्धिजीवी है, आप खुद ही देखिये की इस शरीर के साथ आप क्या सही और क्या गलत कर रहे है क्योंकि इसी शरीर के साथ आपको अपने जीवन की यात्रा करनी है साथ ही जो भी उद्देश्य हैं उनको पूरा करने में भी यही शरीर काम में आएगा I अपने इस प्राकृतिक मशीन का सही तरीके से ध्यान रखके ही आप इस प्रोफेशन को और भी अधिक मजबूती प्रदान कर पाएंगे अपने आप को और भी अच्छे तरीके से स्थापित कर पाएंगे.